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Special: Digital हो रही Rajasthan Police, थानों का कामकाज हुआ आसान, आमजन को भी मिल रही राहत

पुलिस थानों के Digitalization से आमजन को काफी फायदा हुआ है. अब पीड़ित व्यक्ति घर बैठे ऑनलाइन शिकायत पुलिस तक पहुंचा सकता है. लोग rajcop app एप या फिर पुलिस की वेबसाइट के माध्यम से अपनी शिकायतों का स्टेटस देख सकते हैं. चालान की प्रक्रिया के डिजिटल होने के साथ ही चालान पेपरलेस भी हो गया है.

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अब राजस्थान पुलिस ( Rajasthan Police ) भी डिजिटल हो रही है.
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Published : Dec 3, 2020, 12:09 PM IST

Updated : Dec 3, 2020, 2:01 PM IST

जयपुर. तकनीकी युग में अब राजस्थान पुलिस ( Rajasthan Police ) भी डिजिटल हो रही है. नई टेक्नोलॉजी से जहां जटिल से जटिल काम करना भी आसान हुआ है, वहीं मैन पावर की बचत भी होने लगी है. पुलिस विभाग भी खुद को टेक्नोलॉजी के साथ अपग्रेड कर रहा है. प्रदेश में आज प्रत्येक थाना डिजिटल के मामले में काफी मजबूत है. इसका फायदा पुलिस की कार्यप्रणाली में भी देखने को मिल रहा है. पुलिस थानों के Digitalization से ना केवल पुलिसकर्मियों को, बल्कि परिवादियों और आमजन को भी काफी राहत मिली है.

Digitalization के चलते थानों में एक क्लिक पर सभी कामकाज हो रहे हैं.

Digitalization से आमजन को फायदा

एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि आज प्रत्येक थाने और कार्यालय नई तकनीक सीसीटीएनएस ( Crime and Criminal Tracking Network and System ) पर काम करते हैं. एफआईआर दर्ज करने, केस डायरी, केस का निष्कर्ष चालान या एफआर यह तमाम चीजें सीसीटीएनएस के माध्यम से की जाती है. जहां पहले पीड़ित व्यक्ति थानों में अपनी शिकायत लेकर परिवाद दर्ज कराने पहुंचते थे, वह काम भी अब घर बैठे ऑनलाइन के माध्यम से होने लगा है. आमजन आज rajcop app एप या फिर पुलिस की वेबसाइट के माध्यम से अपनी शिकायतों का स्टेटस देख सकते हैं. साथ ही FIR पर पुलिस कार्रवाई की प्रोग्रेस के बारे में जानकारी ले सकते हैं और FIR की कॉपी भी ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकते हैं.

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कंट्रोल रूम से कनेक्ट सीसीटीवी कैमरे

सीसीटीवी कैमरे से जुड़े कंट्रोल रूम

एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि पूरे शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे पुलिस कंट्रोल रूम अभय कमांड सेंटर से जुड़े हैं. जिनकी मॉनिटरिंग लगातार पुलिसकर्मी द्वारा की जा रही है और किसी भी तरह की संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति के दिखाई देने पर तुरंत संबंधित थाने को सूचित कर कार्रवाई की जाती है. इसके साथ ही आमजन को भी इसका काफी फायदा हुआ है. यदि किसी व्यक्ति का कोई सामान किसी स्थान पर छूटा है या चोरी हुआ है या फिर उसका कोई परिचित लापता हुआ है, तो वह व्यक्ति भी उस स्थान के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग पुलिस कंट्रोल रूम अभय कमांड सेंटर में आकर देख सकता है.

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अब चालान भी हुए डिजिटल

यह भी पढ़ें: स्पेशल: यहां हर पग हांफते हौसले, नौकरियों में आरक्षण के बावजूद भी भ्रष्टाचार के आगे बेबस दिव्यांग

ई चालान से काम हुआ आसान

राजस्थान में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का अब ई चालान किया जाता है. चालान की प्रक्रिया के डिजिटल होने के साथ ही चालान पेपरलेस भी हो गया है. चालक भी चालान का भुगतान डिजिटल पेमेंट मोड के जरिए कर सकता है. वाहन चालक द्वारा विभिन्न ऑनलाइन पेमेंट मोड या फिर डेबिट व क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मौके पर ही चालान भरा जा सकता है. इससे समय की बचत भी होती है और वहीं चालान की राशि भी सीधा सरकार के खाते में जमा हो जाती है.

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पुलिस अधिकारियों की बैठक

जनसुनवाई भी हुई ऑनलाइन

वैश्विक महामारी कोरोना काल में राजस्थान पुलिस ने अपनी जनसुनवाई को भी पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है. इससे परिवादी ऑनलाइन अपनी पीड़ा को पुलिस तक पहुंचा रहे हैं. जनसुनवाई के ऑनलाइन होने पर विदेश में व दूसरे राज्यों में रह रहे पीड़ित व्यक्ति भी बड़ी आसानी से पीड़ा पुलिस के आला अधिकारियों को बता रहे हैं और उस पर त्वरित एक्शन भी पुलिस द्वारा लिया जा रहा है. जनसुनवाई के साथ ही पुलिस अब अपराधियों को भी ऑनलाइन के जरिए कोर्ट में पेश कर रही है और उनकी रिमांड मांगी जा रही है.

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पुलिस की कॉन्फ्रेंस.

यह भी पढ़ें: World Disability Day: दोनों पैरों से दिव्यांग शिवराज मजबूत इरादे, औरों के सपनों को लगा रहे पंख

अपराधियों की कुंडली भी हुई डिजिटल

प्रदेश में प्रत्येक थाने के डिजिटल होने के साथ ही अब अपराधियों की कुंडली निकालना भी आसान हो गया है. जहां पहले किसी अपराधी को गिरफ्तार करने पर उस अपराधी के गृह जिले से संबंधित थाने से उसकी जानकारी मांगी जाती थी, अब उस अपराधी की पूरी कुंडली महज एक क्लिक के जरिए प्राप्त की जा सकती है. इसी प्रकार से गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी भी महज एक क्लिक के जरिए प्राप्त की जा सकती है.

जयपुर. तकनीकी युग में अब राजस्थान पुलिस ( Rajasthan Police ) भी डिजिटल हो रही है. नई टेक्नोलॉजी से जहां जटिल से जटिल काम करना भी आसान हुआ है, वहीं मैन पावर की बचत भी होने लगी है. पुलिस विभाग भी खुद को टेक्नोलॉजी के साथ अपग्रेड कर रहा है. प्रदेश में आज प्रत्येक थाना डिजिटल के मामले में काफी मजबूत है. इसका फायदा पुलिस की कार्यप्रणाली में भी देखने को मिल रहा है. पुलिस थानों के Digitalization से ना केवल पुलिसकर्मियों को, बल्कि परिवादियों और आमजन को भी काफी राहत मिली है.

Digitalization के चलते थानों में एक क्लिक पर सभी कामकाज हो रहे हैं.

Digitalization से आमजन को फायदा

एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि आज प्रत्येक थाने और कार्यालय नई तकनीक सीसीटीएनएस ( Crime and Criminal Tracking Network and System ) पर काम करते हैं. एफआईआर दर्ज करने, केस डायरी, केस का निष्कर्ष चालान या एफआर यह तमाम चीजें सीसीटीएनएस के माध्यम से की जाती है. जहां पहले पीड़ित व्यक्ति थानों में अपनी शिकायत लेकर परिवाद दर्ज कराने पहुंचते थे, वह काम भी अब घर बैठे ऑनलाइन के माध्यम से होने लगा है. आमजन आज rajcop app एप या फिर पुलिस की वेबसाइट के माध्यम से अपनी शिकायतों का स्टेटस देख सकते हैं. साथ ही FIR पर पुलिस कार्रवाई की प्रोग्रेस के बारे में जानकारी ले सकते हैं और FIR की कॉपी भी ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकते हैं.

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कंट्रोल रूम से कनेक्ट सीसीटीवी कैमरे

सीसीटीवी कैमरे से जुड़े कंट्रोल रूम

एडिशनल पुलिस कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि पूरे शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे पुलिस कंट्रोल रूम अभय कमांड सेंटर से जुड़े हैं. जिनकी मॉनिटरिंग लगातार पुलिसकर्मी द्वारा की जा रही है और किसी भी तरह की संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति के दिखाई देने पर तुरंत संबंधित थाने को सूचित कर कार्रवाई की जाती है. इसके साथ ही आमजन को भी इसका काफी फायदा हुआ है. यदि किसी व्यक्ति का कोई सामान किसी स्थान पर छूटा है या चोरी हुआ है या फिर उसका कोई परिचित लापता हुआ है, तो वह व्यक्ति भी उस स्थान के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग पुलिस कंट्रोल रूम अभय कमांड सेंटर में आकर देख सकता है.

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अब चालान भी हुए डिजिटल

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ई चालान से काम हुआ आसान

राजस्थान में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का अब ई चालान किया जाता है. चालान की प्रक्रिया के डिजिटल होने के साथ ही चालान पेपरलेस भी हो गया है. चालक भी चालान का भुगतान डिजिटल पेमेंट मोड के जरिए कर सकता है. वाहन चालक द्वारा विभिन्न ऑनलाइन पेमेंट मोड या फिर डेबिट व क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मौके पर ही चालान भरा जा सकता है. इससे समय की बचत भी होती है और वहीं चालान की राशि भी सीधा सरकार के खाते में जमा हो जाती है.

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पुलिस अधिकारियों की बैठक

जनसुनवाई भी हुई ऑनलाइन

वैश्विक महामारी कोरोना काल में राजस्थान पुलिस ने अपनी जनसुनवाई को भी पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है. इससे परिवादी ऑनलाइन अपनी पीड़ा को पुलिस तक पहुंचा रहे हैं. जनसुनवाई के ऑनलाइन होने पर विदेश में व दूसरे राज्यों में रह रहे पीड़ित व्यक्ति भी बड़ी आसानी से पीड़ा पुलिस के आला अधिकारियों को बता रहे हैं और उस पर त्वरित एक्शन भी पुलिस द्वारा लिया जा रहा है. जनसुनवाई के साथ ही पुलिस अब अपराधियों को भी ऑनलाइन के जरिए कोर्ट में पेश कर रही है और उनकी रिमांड मांगी जा रही है.

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पुलिस की कॉन्फ्रेंस.

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अपराधियों की कुंडली भी हुई डिजिटल

प्रदेश में प्रत्येक थाने के डिजिटल होने के साथ ही अब अपराधियों की कुंडली निकालना भी आसान हो गया है. जहां पहले किसी अपराधी को गिरफ्तार करने पर उस अपराधी के गृह जिले से संबंधित थाने से उसकी जानकारी मांगी जाती थी, अब उस अपराधी की पूरी कुंडली महज एक क्लिक के जरिए प्राप्त की जा सकती है. इसी प्रकार से गुमशुदा व्यक्तियों की जानकारी भी महज एक क्लिक के जरिए प्राप्त की जा सकती है.

Last Updated : Dec 3, 2020, 2:01 PM IST
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