जयपुर. राजस्थान में 12 जिलों के 50 निकायों के नतीजे सामने आ गए हैं. कांग्रेस पार्टी को इन स्थानीय निकायों में जबरदस्त जीत मिली है. 50 में से 36 निकायों में कांग्रेस पार्टी अपना बोर्ड बनाने में कामयाब हुई है, तो वहीं भारतीय जनता पार्टी को 12 स्थानीय निकायों से संतोष करना पड़ा. दो जगह निर्दलीयों के बोर्ड बने हैं. नतीजों में कांग्रेस के सभी पांच मंत्री अपने निकाय में कांग्रेस को सफलता दिलाने में कामयाब हुए हैं. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिलाया था, बाकी चार मंत्रियों राजेन्द्र यादव, प्रमेाद जैन भाया, भजनलाल जाटव और परसादी लाल मीणा ने निर्दलीयों की सहायता से कांग्रेस पार्टी को जीत दिला दी है. ऐसे में कांग्रेस के पांचों मंत्रियों ने अपनी प्रतिष्ठा बचा ली.
इन निकाय चुनाव में कांग्रेस के 5 मंत्रियों के अलावा 24 विधायकों के भी विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय निकाय चुनाव थे. इनमें से 18 विधायक ऐसे थे, जिनकी प्रतिष्ठा भी निर्दलियों के हाथ में थी. क्योंकि, 6 विधायक तो कांग्रेस पार्टी को चुनावों में ही पूर्ण बहूमत दिलवा चुके थे, लेकिन सभी पांचो मंत्रीयो ने स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाई.
पांचों मंत्रियों ने बचा ली अपनी प्रतिष्ठा...
- राजेंद्र यादव के क्षेत्र में कोटपूतली नगरपालिका में निर्दलीयों के सहारे कांग्रेस का अध्यक्ष बना है.
- मंत्री भजनलाल जाटव के विधानसभा क्षेत्र में वैर और भुसावर नगरपालिकाओं में निर्दलीयों का दबदबा था, लेकिन इन दोनों नगर पालिकाओं में कांग्रेस पार्टी अपने अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही है.
- प्रमोद जैन भाया के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली अंता नगर पालिका में निर्दलीयों के सहारे मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कांग्रेस का बोर्ड बना लिया है.
- परसादीलाल मीणा के क्षेत्र लालसोट में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन निर्दलीयों के सहारे लालसोट नगर पालिका में भी कांग्रेस का अध्यक्ष बना है.
- कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने तो चुनाव के समय ही कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिलवाकर बोर्ड बनना तय कर दिया था, यहां भी कांग्रेस का बोर्ड बना है.
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17 कांग्रेस विधायकों ने बचाई अपनी प्रतिष्ठा...
- संदीप यादव : तिजारा में निर्दलीयों को बहुमत था, लेकिन यहां निर्दलीयों की सहायता से कांग्रेस का अध्यक्ष बना है.
- जोगिंदर सिंह अवाना : नदबई नगरपालिका में निर्दलीयों को बहुमत मिला था, लेकिन यहां निर्दलीयों की सहायता से कांग्रेस ने अपना वोट बना लिया है.
- जाहिदा खान : कामां में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन निर्दलीयों की सहायता से कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बना लिया.
- वाजिब अली : नगर में निर्दलीयों को पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन निर्दलीयों ने कांग्रेस पार्टी को समर्थन दिया जिससे कांग्रेसका अध्यक्ष बना है.
- भरोसीलाल जाटव : हिंडौन में किसी को बहुत नहीं था, लेकिन निर्दलीयों की सहायता से कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बना लिया है.
- लाखन सिंह मीणा : करौली नगर परिषद में निर्दलीय निर्णायक थे और कांग्रेस निर्दलीयों से कम संख्या में चुनाव जीती थी, लेकिन निर्दलीयों ने कांग्रेस पार्टी का साथ दिया है. ऐसे में करौली नगर परिषद में कांग्रेस का सभापति बना है.
- मुरारीलाल मीणा : दौसा नगर परिषद में कांग्रेस को अकेले दम पर बहुमत नहीं मिला था, लेकिन निर्दलीयों के सहयोग से दौसा नगर परिषद में कांग्रेसका सभापति बन गया है.
- जीआर खटाणा : बांदीकुई नगर पालिका में कांग्रेस को बहुमत नहीं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने निर्दलीयों की सहायता से यहां अपना अध्यक्ष बनाया है.
- दानिश अबरार : सवाईमाधोपुर नगर परिषद में अकेले कांग्रेस को बहुमत नही मिला था, लेकिन निर्दलीयों के सहयोग से सवाई माधोपुर नगर परिषद में कांग्रेस ने अपना सभापति बना लिया है.
- वेदप्रकाश सोलंकी : चाकसू नगर पालिका मैं कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने चाकसू में अपना अध्यक्ष बना लिया है.
विश्वेन्द्र सिंह : विधायक विश्वेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में डीग और कुम्हेर दो नगरपालिका आती है, इनमें से डीग नगर पालिका में तो विश्वेंद्र सिंह ने निर्विरोध ही अध्यक्ष बनवा लिया था. चुनाव में कूम्हेर नगरपालिका में विश्वेन्द्र सिंह ने निर्दलीयों के साथ से जीत दिला दी है. - अमर सिंह जाटव : बयाना में निर्दलयों को पूर्ण बहुमत था, लेकिन बयाना में कांग्रेस का बोर्ड निर्विरोध बन गया.
दिलवा चुके कांग्रेस को पूर्ण बहुमत...
- रोहित बोहरा : राजाखेडा में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल गया था. आज चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.
- गिर्राज मलिंग : बाडी से कांग्रेस को चुनावों में पूर्ण बहुमत मिला था. आज चुनाव में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.
- गुरमित सिंह कुन्नर : विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर की विधानसभा करणपुर में चार नगरपालिका आती थी. गुरमीत सिंह कुन्नर ने अपनी चारों नगर पालिकाओं केसरी सिंहपुर, करणपुर, पदमपुर और गजसिंहपुर में कांग्रेस को जिताया.
- इंद्रराज गूजर्र : विराट नगर नगरपालिका में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला था. आज भी चुनाव में भी कांग्रेस का अध्यक्ष विराट नगर नगर पालिका में बना है.
- पानाचंद मेघवाल : बारां नगर परिषद में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत था और आज भी चुनाव में कांग्रेस ने बारां में सभापति बना लिया है.
- हीराराम : पिपाड़ में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला था और आज चुनाव में पीपाड़ नगर पालिका से कांग्रेस का अध्यक्ष बना है.
ये 7 कांग्रेस विधायक रहे निकाय चुनाव में फेल
- हीराराम : बिलाड़ा में बीजेपी को बहुमत, हालांकि हीराराम ने अपनी दूसरी नगरपालिका पीपाड में कांग्रेस को जीत दिला दी है.
- बाबूलाल बैरवा, कठूमर : खेड़ली नगर पालिका में बीजेपी जीत गई है.
- विधायक दीपचंद खैरिया : खैरथल और किशनगढ़बास में किसी को बहुमत नहीं मिला था. निर्दलीयों का साथ भी विधायक दीपचंद खेरिया नहीं ले सके और दोनों जगह भाजपा का अध्यक्ष बना है.
- जौहरीलाल मीणा : राजगढ़ नगरपालिका में निर्दलीय बहुमत में आए थे, लेकिन यहां भी निर्दलीयों ने भाजपा का साथ दिया है और वहां भाजपा का बोर्ड बना है. गंगा देवी बगरू नगर पालिका में निर्दलीय बड़ी तादाद में जीत कर आए थे और यहां गंगा देवी को हार का सामना करना पड़ा है और बगरू नगर पालिका में निर्दलीयों का ही बोर्ड बना है.
- जगदीश जांगिड़ : सादुलशहर पालिका में अकेले दम पर बहुमत दोनों पार्टियों के पास नहीं था, लेकिन यहां कांग्रेस का विधायक होने के बावजूद भाजपा का बोर्ड बना है.
- रामनारायण मीणा : इटावा नगरपालिका में कांग्रेस बहुमत से दूर थी और निर्दलिय निर्णायक भूमिकाा में थे, लेकिन निर्दलीयों ने भाजपा का साथ दिया.
2 कांग्रेस विधायकों ने निर्दलीयों के सहारे निर्विरोध बनवा दिया बोर्ड
- विश्वेन्द्र सिंह : नगरपालिका से विश्वेन्द्र कांग्रेस का निर्विरोध बोर्ड कांग्रेस का बनवाया. विश्वेंद्र सिंह के लिए यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण था. उन्होंने अपनी दोनों नगर पालिका डीग और कुम्हेर में एक भी कांग्रेस प्रत्याशी को सिंबल नहीं दिया था. विश्वेंद्र सिंह ने अपनी रणनीति के तहत यह काम किया, जिसमें वह सफल भी हुए और दोनों नगर पालिकाओं में कांग्रेस को जीत मिली.
- अमर सिंह जाटव : बयाना में निर्दलयों को पूर्ण बहुमत था. बयाना में कांग्रेस का बोर्ड निर्विरोध बन गया.
3 निर्दलीय विधायक, जो कांग्रेस समर्थित थे उनमें से दो पास एक फेल
50 स्थानीय निकाय चुनाव में से 3 नगर पालिका ऐसी थी, जहां कांग्रेस और भाजपा के विधायक ना होकर निर्दलीय विधायक थे. लेकिन, यह तीनों निर्दलीय विधायक कांग्रेस को समर्थन दे चुके हैं. इन तीन निर्दलीय विधायकों में से शाहपुरा से निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल ने शाहपुरा नगर पालिका में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाई है, वहीं बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव भी कांग्रेस को जीत दिलाने में सफल हुए. लेकिन, गंगापुर सिटी नगर परिषद से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा कांग्रेस को जीत दिलाने में सफल नहीं हुए, यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की है.
यह भाजपा के विधायक, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने लहराया अपना परचम
- चोमू नगरपालिका : चोमू नगरपालिका भाजपा विधायक रामलाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में आती है, लेकिन यहां इस बार कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज करते हुए अपना अध्यक्ष बनाया है.
- सांभर लेक, फुलेरा और किशनगढ़ रेनवाल नगर पालिका : जयपुर की 3 नगरपालिका है जिनमें सांभर लेक, फुलेरा और किशनगढ़-रेनवाल नगर पालिका शामिल है. यह तीनों ही फुलेरा विधानसभा में आती है. जहां से विधायक हैं भाजपा के निर्मल कुमावत लेकिन तीनों नगर पालिकाओं मे कांग्रेस पार्टी को जीत मिली है.