जयपुर. स्मार्ट सिटी ने परकोटे के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने (Jaipur Smart City Project) का काम अपने हाथ में तो ले लिया, लेकिन बीते 3 महीने में अढ़ाई कोस भी नहीं चल पाए. आलम ये है कि जगह-जगह खुदी पड़ी रोड लोगों के लिए सिर दर्द बनती जा रही है. कई जगह तो नाले तोड़ने के बाद डक्ट भी नहीं डाले जा सके, जो दुर्घटना को भी न्यौता दे रहे हैं.
परकोटा क्षेत्र में करीब 8 जगह वाटर ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट (Drainage System Project Parkota) पर काम किया जा रहा है. छोटी चौपड़ से नीचे ब्रह्मपुरी क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट 6 करोड़ की लागत से चल रहा है. जहां ड्रेनेज सिस्टम(Drainage System) के लिए अंडर ग्राउंड नाले डालने के साथ रोड और फुटपाथ का काम किया जाना है. हालांकि क्षेत्र में किया जा रहा स्मार्ट सिटी का काम स्थानीय लोगों को स्मार्ट लग नहीं रहा.
करीब 3 महीने पहले जो काम शुरू हुआ, उसमें अभी तक एक तरफ का काम भी पूरा नहीं हुआ है. जिन स्थानों पर नाला तोड़ा गया वहां डक्ट डालकर लेवल नहीं किया गया है जो अब दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं. यहां संचालित दुकानों के व्यापारियों को हर दिन दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है. इसे लेकर स्मार्ट सिटी सीईओ अवधेश मीणा ने कहा कि परकोटा क्षेत्र के ब्रह्मपुरी में नालों का जो काम किया जा रहा है, उसमें काफी तकनीकी समस्याएं आ रही हैं.
खुदाई के दौरान नीचे लोगों के घरों की नींव आ रही है. इस कारण कुछ जगह प्लान में बदलाव भी किया गया है. कोशिश यही है कि काम की गति प्रभावित ना हो. वहीं उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में विकास कार्यों को गति दी गई है. और अब तक 189 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं, जो कि पिछले सालों में अधिकतम है.
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हालांकि स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Smart City Limited Jaipur) इससे पहले चांदपोल बाजार में स्मार्ट रोड का काम कर चुका है. लेकिन बारिश के दिनों में यहा की सड़कें पानी से लबालब हो जाती हैं. स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अब पुराने शहर के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम को लेकर जिम्मेदारी भले ही संभाली हो, लेकिन काम संतुष्टि पूर्ण होगा या नहीं इस पर अभी से सवाल उठने लगे हैं.