जयपुर. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग में लंबे समय बाद जन सुनवाई का आयोजन सोमवार को हुआ, जिसमें महज पांच मामले ही सामने आए. जन सुनवाई का प्रचार- प्रसार नहीं होने से आयोग को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. जन सुनवाई गांधीनगर स्थित राज्य बाल आयोग में 11 से 2 बजे तक हुई, लेकिन कोई बड़ा मामला देखने को नहीं मिला.
इस दौरान आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि जन सुनवाई का प्रचार-प्रसार किया जाएगा. साथ ही महीने में दो बार जन सुनवाई का आयोजन भी किया जाएगा. आगे उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इसे बढ़ाया भी जाएगा. सोमवार की जन सुनवाई में बच्चों की शिक्षा से जुड़े मामले आए थे साथ ही कई गैर सरकारी संस्थाएं आई जिन्होंने बाल सप्ताह का आयोजन करने को कहा है.
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अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि बालश्रम को रोकने के लिए आयोग काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि बालश्रम के बच्चों को सीधा शिक्षा से जोड़ने का काम किया जाएगा. इसी तरह से बच्चों को ब्लॉक और जिला स्तर पर बैड टच और गुड टच के बारे में बताया जाएगा. इसको लेकर नवंबर माह से ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर अभियान चलाया जाएगा.
इस दौरान उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए आयोग को गए कार्यकाल में सर्व शिक्षा अभियान से 53 लाख रुपए का बजट भी मिला हुआ है. इस अभियान के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर को डेढ़-डेढ़ लाख का बजट भी दिया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे और अभियान सुचारू रूप से चल सके. बेनीवाल ने बताया कि 14 नवंबर से 20 नवंबर तक बाल सप्ताह का आयोजन किया जाएगा और सभी जिलों में आरटीई कार्यशाला करवाने के निर्देश दिए गए हैं.