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जयपुर पुलिस सतर्क: ठगी की वारदातों की रोकथाम को लेकर बैंक अधिकारियों के साथ पुलिस करेगी मीटिंग - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

राजधानी में बढ़ती साइबर ठगी कि वारदातों की रोकथाम के लिए जयपुर पुलिस करेगी बैंक अधिकारियों के साथ मीटिंग. लघु एवं ग्रामीण बैंक के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर साइबर ठगी की रोकथाम के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी.

Jaipur Police will hold a meeting with bank officials to prevent fraud incidents
ठगी की वारदातों की रोकथाम को लेकर जयपुर पुलिस बैंक अधिकारियों के साथ करेगी मीटिंग
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Published : Oct 6, 2021, 5:50 PM IST

जयपुर. राजधानी में केवाईसी अपडेट करने के नाम पर साइबर ठग नए लघु बैंक और ग्रामीण बैंक के ग्राहकों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. जिसे देखते हुए जयपुर पुलिस लघु एवं ग्रामीण बैंक के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर ठगी कि वारदातों की रोकथाम को लेकर रूपरेखा तैयार करेगी.

दरअसल जो नए लघु बैंक या ग्रामीण बैंक हैं उनमें केवाईसी अपडेट करने का जो सिस्टम है, वह अन्य नेशनलाइज बैंकों से पूरी तरह से अलग है. साथ ही लघु और ग्रामीण बैंक का ऑनलाइन सिक्योरिटी सिस्टम भी ज्यादा स्ट्रांग नहीं है. इसके चलते चलते साइबर ठग बार-बार इन बैंकों के ग्राहकों को अपना शिकार बनाने में लगे हुए हैं.

पढ़ें. हाईकोर्ट आदेश : प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत रियायत देकर नहीं जारी होंगे पट्टे..आदेश पूरे प्रदेश में प्रभावित

जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि जो नए लघु और ग्रामीण बैंक हैं, उनके केवाईसी अपडेट करने के सिस्टम में जो भी कमियां हैं. उन्हें दूर करने के लिए बैंक के अधिकारियों के साथ जल्द ही एक बैठक की जाएगी. साथ ही इन बैंक के अधिकारियों को नेशनलाइज बैंक की केवाईसी अपडेट करने की एसओपी को फॉलो करने के लिए कहा जाएगा. इसके साथ ही इन बैंकों के ऑनलाइन सिक्योरिटी सिस्टम में जो भी लूपहोल है, उन्हें आईडेंटिफाई करने के बाद सही कर ग्राहकों को जागरूक करने के संबंध में भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे. साइबर ठगी के अनेक प्रकरणों में यह भी देखने को मिली है कि ठगों ने खुद अपने खाते लघु बैंक या ग्रामीण बैंक में खुलवा रखे हैं.

जिसमें लोगों से ठगी गई राशि को जमा कराकर आगे दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है. जब पुलिस जांच करते हुए बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्ति की जानकारी हासिल कर उसके पते पर पहुंचती है तो पता और व्यक्ति का नाम पूरी तरह से फर्जी पाया जाता है. ऐसे में बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्ति के फिजिकल वेरिफिकेशन को लेकर भी लघु और ग्रामीण बैंक के अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा.

जयपुर. राजधानी में केवाईसी अपडेट करने के नाम पर साइबर ठग नए लघु बैंक और ग्रामीण बैंक के ग्राहकों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. जिसे देखते हुए जयपुर पुलिस लघु एवं ग्रामीण बैंक के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर ठगी कि वारदातों की रोकथाम को लेकर रूपरेखा तैयार करेगी.

दरअसल जो नए लघु बैंक या ग्रामीण बैंक हैं उनमें केवाईसी अपडेट करने का जो सिस्टम है, वह अन्य नेशनलाइज बैंकों से पूरी तरह से अलग है. साथ ही लघु और ग्रामीण बैंक का ऑनलाइन सिक्योरिटी सिस्टम भी ज्यादा स्ट्रांग नहीं है. इसके चलते चलते साइबर ठग बार-बार इन बैंकों के ग्राहकों को अपना शिकार बनाने में लगे हुए हैं.

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जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि जो नए लघु और ग्रामीण बैंक हैं, उनके केवाईसी अपडेट करने के सिस्टम में जो भी कमियां हैं. उन्हें दूर करने के लिए बैंक के अधिकारियों के साथ जल्द ही एक बैठक की जाएगी. साथ ही इन बैंक के अधिकारियों को नेशनलाइज बैंक की केवाईसी अपडेट करने की एसओपी को फॉलो करने के लिए कहा जाएगा. इसके साथ ही इन बैंकों के ऑनलाइन सिक्योरिटी सिस्टम में जो भी लूपहोल है, उन्हें आईडेंटिफाई करने के बाद सही कर ग्राहकों को जागरूक करने के संबंध में भी दिशा निर्देश दिए जाएंगे. साइबर ठगी के अनेक प्रकरणों में यह भी देखने को मिली है कि ठगों ने खुद अपने खाते लघु बैंक या ग्रामीण बैंक में खुलवा रखे हैं.

जिसमें लोगों से ठगी गई राशि को जमा कराकर आगे दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है. जब पुलिस जांच करते हुए बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्ति की जानकारी हासिल कर उसके पते पर पहुंचती है तो पता और व्यक्ति का नाम पूरी तरह से फर्जी पाया जाता है. ऐसे में बैंक खाता खुलवाने वाले व्यक्ति के फिजिकल वेरिफिकेशन को लेकर भी लघु और ग्रामीण बैंक के अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा.

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