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Jaipur: CHA अभ्यर्थियों को पुलिस ने देर रात शहीद स्मारक से हटाया, बेनीवाल ने सरकार पर साधा निशाना

करीब 3 महीने से जयपुर में धरने पर बैठे कोविड स्वास्थ्य सहायकों को पुलिस ने गुरुवार देर रात हटा दिया. सीएचए अभ्यर्थी शहीद स्मारक पर क्रमिक अनशन के साथ धरना दे रहे थे. मामले को लेकर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी गहलोत सरकार पर निशाना साधा (Hanuman Beniwal on Gehlot Government) है.

Hanuman Beniwal Supports CHA Protest
जयपुर शहीद स्मारक पर धरना
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Published : Jul 1, 2022, 1:47 PM IST

Updated : Jul 1, 2022, 10:30 PM IST

जयपुर. रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे कोविड स्वास्थ्य सहायक अभ्यर्थियों को पुलिस ने धरनास्थल से गुरुवार देर रात जबरन हटा दिया. ये कोविड स्वास्थ्य सहायक 1 अप्रैल से जयपुर के शहीद स्मारक पर बैठकर धरना दे रहे थे, लेकिन गुरुवार देर रात पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को यहां से हटा दिया. पुलिस ने अभ्यर्थियों को अलग-अलग बसों में भरकर शहर के अलग-अलग इलाकों में छोड़ दिया. 91 दिन से लगातार धरने पर बैठे अभ्यर्थियों का पुलिस ने धरना समाप्त करवा दिया है.

अब अभ्यर्थी फिर से धरनास्थल पर जुटने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन शहीद स्मारक पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. जिसके कारण वहां आने वाले हर अभ्यर्थी पर पुलिस की नजर है और धरनास्थल के आसपास युवा के दिखाई देने पर पुलिस उसे वहां से भगा रही है. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि उनके साथ धोखा किया गया है. सीएचए संघर्ष समिति के मोहन लाल शर्मा ने आरोप लगाया है कि सरकार के प्रतिनिधियों ने उनके साथ धोखा किया है. गुरुवार को दोपहर 5 बजे उन्हें सचिवालय में वार्ता के लिए बुलाया था. वार्ता सकारात्मक नहीं हुई तो उन्हें वापस भेज दिया गया और रात को आने को कहा.

जयपुर शहीद स्मारक पर धरना

पढ़ें- कोविड हेल्थ असिस्टेंट को पदमुक्त करने का मामला: नर्सिंग डे पर सीएचए की महापंचायत...धरना स्थल से करेंगे कूच

मोहन लाल शर्मा ने कहा कि अभ्यर्थियों का दल रात को फिर से सचिवालय पहुंचा, जहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनको हिरासत में ले लिया और उनके मोबाइल भी उनसे ले लिए. उसके बाद रात 12:00 बजे बाद पुलिस की एक टीम ने शहीद स्मारक पर बैठे अभ्यर्थियों को भी वहां से खदेड़ दिया.

हनुमान बेनीवाल का सरकार पर आरोप- सीएचए अभ्यर्थियों को शहीद स्मारक से हटाए जाने की घटना के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने इसकी निंदा की है. सांसद बेनीवाल ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपने हक की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को जबरन पुलिस कार्रवाई के जरिए हटाए जाने की घटना निंदनीय है. उन्होंने कहा कि बारिश की आड़ में जिस तरह से कार्रवाई को अंजाम दिया गया है, वह सरासर गलत है. इस पूरे घटनाक्रम में सीएचए अभ्यर्थियों के साथ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी खड़ी (Hanuman Beniwal Supports CHA Protest) है. बेनीवाल ने इस मामले में हिरासत में लिए गए अभ्यर्थियों को भी जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की है.

गहलोत सरकार लोकतंत्र की गरिमा को भुला चुकी
हनुमान बेनीवाल ने इस मामले में शुक्रवार को ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोला. बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान सरकार के इशारे पर पुलिस ने यहां लाठीचार्ज कर धरना स्थल से कोविड हेल्थ सहायकों को खदेड़ा है. बेनीवाल ने कहा कि गहलोत सरकार लोकतंत्र की गरिमा को भुला चुकी है. बेनीवाल ने कहा कि पुलिस प्रशासन का यह कदम किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता है.

गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न सरकारी संस्थानों में अस्थाई तौर पर करीब 25000 कोविड हेल्थ सहायक कोरोना कालखंड के दौरान अपनी सेवाएं दे रहे थे. लेकिन 31 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी कर इन सभी कोविड हेल्थ सहायकों को सेवा से हटा दिया. इसके बाद खुद को नियमित करने और रोजगार देने की मांग पर प्रदेश भर के यह सभी कोविड हेल्थ सहायक जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे थे जिसे पुलिस ने धारा 144 का हवाला देकर जबरन हटा दिया.

पढ़ें. Beniwal supports CHA Protest: सीएचए आंदोलन में पहुंचे आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल, सरकार और एसीबी की कार्यशैली पर उठाए सवाल

पढ़ें. धरने पर बैठे पदमुक्त सीएचए, भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने दिया समर्थन, कही ये बात...

कोविड सहायक बोले-2023 के चुनावों में इसका फल भुगतेगी कांग्रेस
नियमितीकरण की मांग को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल कर रहे कोरोना स्वास्थ्य सहायकों के धरने को पुलिस ने गुरुवार देर रात धारा 144 का हवाला देकर जबरन समाप्त करवा दिया. गुरुवार देर रात धरना दे रहे कोरोना स्वास्थ्य सहायकों को पुलिस ने प्रदेश में लगी धारा 144 का हवाला देकर हटने को कहा लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. इसके बाद कोरोना स्वास्थ्य सहायकों को पुलिस ने जबरन वहां से उठा दिया.

सीएचए कर्मियों का आरोप है कि पुलिस ने उनसे देर रात बदसलूकी की. ऐसा व्यवहार किया जैसे कि वे कोई आतंकवादी हों और ना केवल पुरुषों से बल्कि महिला सीएचए कर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई. सीएचए कर्मियों ने कहा कि सरकार से जुड़े मंत्री और नेता बार-बार उन्हें आश्वासन देते रहे लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की गई. सीएचए कर्मियों का कहना है की धरने पर बैठी महिलाओं से भी बदसलूकी की गई. कोरोना स्वास्थ्य सहायकों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए यहां तक कह दिया कि इसका हिसाब साल 2023 में विधानसभा चुनाव में चुकाना होगा. कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने कहा कि हर तहसील में 200 सीएचए कर्मी लगाए गए थे अब सरकार भले ही हमें शहीद स्मारक पर धरना न देने दे लेकिन हम हर तहसील में विरोध प्रदर्शन करेंगे.

जयपुर. रोजगार की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे कोविड स्वास्थ्य सहायक अभ्यर्थियों को पुलिस ने धरनास्थल से गुरुवार देर रात जबरन हटा दिया. ये कोविड स्वास्थ्य सहायक 1 अप्रैल से जयपुर के शहीद स्मारक पर बैठकर धरना दे रहे थे, लेकिन गुरुवार देर रात पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को यहां से हटा दिया. पुलिस ने अभ्यर्थियों को अलग-अलग बसों में भरकर शहर के अलग-अलग इलाकों में छोड़ दिया. 91 दिन से लगातार धरने पर बैठे अभ्यर्थियों का पुलिस ने धरना समाप्त करवा दिया है.

अब अभ्यर्थी फिर से धरनास्थल पर जुटने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन शहीद स्मारक पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. जिसके कारण वहां आने वाले हर अभ्यर्थी पर पुलिस की नजर है और धरनास्थल के आसपास युवा के दिखाई देने पर पुलिस उसे वहां से भगा रही है. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि उनके साथ धोखा किया गया है. सीएचए संघर्ष समिति के मोहन लाल शर्मा ने आरोप लगाया है कि सरकार के प्रतिनिधियों ने उनके साथ धोखा किया है. गुरुवार को दोपहर 5 बजे उन्हें सचिवालय में वार्ता के लिए बुलाया था. वार्ता सकारात्मक नहीं हुई तो उन्हें वापस भेज दिया गया और रात को आने को कहा.

जयपुर शहीद स्मारक पर धरना

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मोहन लाल शर्मा ने कहा कि अभ्यर्थियों का दल रात को फिर से सचिवालय पहुंचा, जहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनको हिरासत में ले लिया और उनके मोबाइल भी उनसे ले लिए. उसके बाद रात 12:00 बजे बाद पुलिस की एक टीम ने शहीद स्मारक पर बैठे अभ्यर्थियों को भी वहां से खदेड़ दिया.

हनुमान बेनीवाल का सरकार पर आरोप- सीएचए अभ्यर्थियों को शहीद स्मारक से हटाए जाने की घटना के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने इसकी निंदा की है. सांसद बेनीवाल ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपने हक की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को जबरन पुलिस कार्रवाई के जरिए हटाए जाने की घटना निंदनीय है. उन्होंने कहा कि बारिश की आड़ में जिस तरह से कार्रवाई को अंजाम दिया गया है, वह सरासर गलत है. इस पूरे घटनाक्रम में सीएचए अभ्यर्थियों के साथ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी खड़ी (Hanuman Beniwal Supports CHA Protest) है. बेनीवाल ने इस मामले में हिरासत में लिए गए अभ्यर्थियों को भी जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की है.

गहलोत सरकार लोकतंत्र की गरिमा को भुला चुकी
हनुमान बेनीवाल ने इस मामले में शुक्रवार को ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोला. बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान सरकार के इशारे पर पुलिस ने यहां लाठीचार्ज कर धरना स्थल से कोविड हेल्थ सहायकों को खदेड़ा है. बेनीवाल ने कहा कि गहलोत सरकार लोकतंत्र की गरिमा को भुला चुकी है. बेनीवाल ने कहा कि पुलिस प्रशासन का यह कदम किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता है.

गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न सरकारी संस्थानों में अस्थाई तौर पर करीब 25000 कोविड हेल्थ सहायक कोरोना कालखंड के दौरान अपनी सेवाएं दे रहे थे. लेकिन 31 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी कर इन सभी कोविड हेल्थ सहायकों को सेवा से हटा दिया. इसके बाद खुद को नियमित करने और रोजगार देने की मांग पर प्रदेश भर के यह सभी कोविड हेल्थ सहायक जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे थे जिसे पुलिस ने धारा 144 का हवाला देकर जबरन हटा दिया.

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नियमितीकरण की मांग को लेकर जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल कर रहे कोरोना स्वास्थ्य सहायकों के धरने को पुलिस ने गुरुवार देर रात धारा 144 का हवाला देकर जबरन समाप्त करवा दिया. गुरुवार देर रात धरना दे रहे कोरोना स्वास्थ्य सहायकों को पुलिस ने प्रदेश में लगी धारा 144 का हवाला देकर हटने को कहा लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. इसके बाद कोरोना स्वास्थ्य सहायकों को पुलिस ने जबरन वहां से उठा दिया.

सीएचए कर्मियों का आरोप है कि पुलिस ने उनसे देर रात बदसलूकी की. ऐसा व्यवहार किया जैसे कि वे कोई आतंकवादी हों और ना केवल पुरुषों से बल्कि महिला सीएचए कर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई. सीएचए कर्मियों ने कहा कि सरकार से जुड़े मंत्री और नेता बार-बार उन्हें आश्वासन देते रहे लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की गई. सीएचए कर्मियों का कहना है की धरने पर बैठी महिलाओं से भी बदसलूकी की गई. कोरोना स्वास्थ्य सहायकों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए यहां तक कह दिया कि इसका हिसाब साल 2023 में विधानसभा चुनाव में चुकाना होगा. कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने कहा कि हर तहसील में 200 सीएचए कर्मी लगाए गए थे अब सरकार भले ही हमें शहीद स्मारक पर धरना न देने दे लेकिन हम हर तहसील में विरोध प्रदर्शन करेंगे.

Last Updated : Jul 1, 2022, 10:30 PM IST
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