जयपुर. मातमी पर्व मोहर्रम का त्यौहार 10 सितंबर को प्रदेश भर में मनाया जाएगा. अगर बात की जाए राजधानी जयपुर की तो यहां से 87 ताजियों का जुलूस अलग-अलग रास्तों से होकर निकलेगा. कोतवाली थाने में मोहर्रम के संबंध में शांति समिति, सीएलजी मेंबर और तजियेदारों की एक अहम मीटिंग भी आयोजित हुई. यहां पर पिछले काफी वर्षों से बंद पड़ी हुई एक परंपरा को कोतवाली पुलिस की ओर से दोबारा से शुरू करवाया जा रहा है, जिसको लेकर राजधानी जयपुर के मुस्लिम समुदाय की ओर से तमाम पुलिस के आला अधिकारी और खास तौर पर थानाधिकारी का धन्यवाद दिया गया.
वर्षों पूर्व ताजिएदार थाना कोतवाली पर उपस्थित आकर थाने में मातमी ढ़ोल ताशे के साथ जश्न के पश्चात अलम के लिए रामगंज चौपड़ जाया करते थे, लेकिन काफी वर्षों से यह परंपरा बंद कर दी गई थी. इस बारे में जानकारी प्राप्त होने पर कोतवाली थानाधिकारी अरुण पूनिया ने एडिशनल डीसीपी धर्मेंद्र सागर, एसीपी कोतवाली मेघचंद मीणा की उपस्थिति में बैठक कर चर्चा की.
मीटिंग के दौरान ताजिएदारों को इस परंपरा को दोबारा से प्रारंभ कर भाईचारे का संदेश देने के लिए निवेदन किया गया. जिसमें ताजियों की वर्षों पुरानी परंपरा को वापस से शुरू करने का निर्णय लिया गया. जिसके बाद ताजिएदार ढोल-नगाड़ों के साथ थाने पर उपस्थित हुए. जिनका पुरानी परंपरा के अनुसार मिठाई खिलाकर और माला पहनाकर स्वागत किया गया. जिसके बाद सभी ताजिएदार कोतवाली थाना से मातमी ढ़ोल ताशे के साथ रामगंज चौपड़ पहुंचे और बंद पड़ी परंपरा को दोबारा से शुरू किया.
इस कार्यक्रम में मौजूद सभी को पुलिस की ओर से शपथ दिलाते हुए कहा गया कि इस त्यौहार को हम सभी शांतिपूर्वक और उत्साह पूर्वक मनाएंगे. साथ ही भाईचारे का संदेश देते हुए एक दूसरे ताजिएदार के साथ सहयोग करते हुए हम ताजियों को मन्नत के साथ कर्बला तक पहुंचाएंगे. कार्यक्रम के अंत में थाना स्टाफ के द्वारा भी ताजीएदारों को सहयोग देकर शांतिपूर्ण तरीके से ताजियों को निकलवाने और सुरक्षा का विश्वास दिलाया. पुरानी परंपरा के अनुसार थाना कोतवाली से रामगंज चौपड़ के लिए अलम की रस्म के लिए तजीएदार रवाना हुए.