जयपुर. ठगी के मामलों को सुलझाने के लिए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल ऑफेंसेस एंड साइबर क्राइम पुलिस और साइबर सेल के साथ साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट भी जुटे हुए हैं. राजधानी पुलिस के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मुकेश चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि पेटीएम ठगी के जो भी मामले सामने आ रहे हैं, उन तमाम मामलों में ठगों द्वारा एक ही पैंतरा अपनाया जा रहा है.
बीते एक सप्ताह में साइबर ठगी के जितने भी मामले सामने आए हैं, उन तमाम मामलों में ठगों द्वारा Paytm Kyc Update करने के नाम पर लोगों को लाखों रुपए की ठगी का शिकार बनाया गया है. ठगों द्वारा कुछ मामलों में लिंक भेजकर तो कुछ में पेटीएम एकाउंट बंद होने का हवाला देकर लोगों को झांसे में लिया गया है. इसके साथ ही कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिसमें पीड़ित स्वयं इंटरनेट पर दिए गए पेटीएम कस्टमर केयर के फर्जी नंबर पर फोनकर ठगी का शिकार हुए हैं.
प्रमोशनल मैसेज भेजकर बनाते हैं ठगी का शिकार
जयपुर पुलिस के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मुकेश चौधरी ने बताया कि अधिकांश लोग अपने पेटीएम अकाउंट से यूपीआई के जरिए बैंक एकाउंट को लिंक करके रखते हैं. ऐसे लोगों को साइबर ठगों द्वारा पेटीएम का प्रतिनिधि बनकर फोन किया जाता है और अगले 72 घंटे में पेटीएम एकाउंट बंद करने और ट्रांजेक्शन न कर पाने की बात कही जाती है. लोगों को अपने झांसे में लेकर ठगों द्वारा पेटीएम केवाईसी अपडेट करने का हवाला दिया जाता है. उसके बाद पीड़ित व्यक्ति को साइबर ठगों द्वारा एक प्रमोशनल मैसेज भेजा जाता है, जिसमें बकायदा पेटीएम लिखा रहता है. उस मैसेज में पेटीएम केवाईसी अपडेट करवाने के लिए एक मोबाइल नंबर भी दिया गया होता है. वह मोबाइल नंबर साइबर ठगों द्वारा फर्जी सिम के जरिए लिया जाता है.
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मोबाइल में करवाया जाता है मोबाइल सॉफ्टवेयर इंस्टॉल
साइबर ठगों के झांसे में आकर जब पीड़ित व्यक्ति पेटीएम केवाईसी अपडेट करने के लिए ठगों द्वारा भेजे गए मैसेज में दिए गए फोन नंबर पर कॉल करता है तो उसे केवाईसी अपडेट करने के लिए मोबाइल में एक रिमोट सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के लिए कहा जाता है. जैसे ही पीड़ित व्यक्ति द्वारा उसके मोबाइल में रिमोट सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जाता है, उस मोबाइल का पूरा एक्सेस साइबर ठगों द्वारा अपने हाथ में ले लिया जाता है.
फिर साइबर ठगों द्वारा ही पीड़ित के मोबाइल पर उसका पेटीएम एकाउंट का पासवर्ड रिसेट करने के लिए एक ओटीपी भेजा जाता है. रिमोट सॉफ्टवेयर के जरिए ठगों द्वारा ओटीपी को एक्सेस कर लिया जाता है और फिर उस पीड़ित व्यक्ति का पेटीएम एकाउंट यूज कर उसके बैंक खाते से लाखों रुपए की राशि ठगों द्वारा अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर ली जाती है.
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कॉमन सेंस का इस्तेमाल कर ऐसे बचें ठगी से
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मुकेश चौधरी ने बताया कि पेटीएम केवाईसी फ्रॉड से बचने के लिए इंटरनेट और पेटीएम का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति कॉमन सेंस का इस्तेमाल कर खुद को ठगों के झांसे में आने से बचा सकता है. पेटीएम फ्रॉड का शिकार होने से बचने के लिए ठगों द्वारा भेजे गए मैसेज में दिए गए मोबाइल नंबर पर भूलकर भी फोन न करें. यदि पेटीएम केवाईसी खत्म होने वाली होगी या फिर उसे अपडेट करना होगा तो उसका नोटिफिकेशन पेटीएम एप्लीकेशन में आएगा न कि बल्क मैसेज के जरिए. पेटीएम की एप्लीकेशन में आए हुए नोटिफिकेशन पर गौर करें.
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साइबर ठगों द्वारा लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाने के लिए Truecaller पर अपने नंबर पेटीएम कस्टमर केयर के नाम से सेव किए जाते हैं. ऐसे में उन नंबरों पर जब भी फोन किया जाता है तो Truecaller उसे पेटीएम कस्टमर केयर शो करता है, जिसके चलते लोग बड़ी आसानी से ठगों के झांसे में आ जाते हैं.
इसके साथ ही पेटीएम केवाईसी अपडेट करने के नाम पर यदि कोई लिंक भेजा गया है तो यह देखें कि क्या वह सच में किसी वेबसाइट का लिंक है या फिर docs.google.com का लिंक है, जिस पर एक फॉर्म भेजा गया है. यदि उस लिंक पर क्लिक करने पर कोई फॉर्म खुले, जिसमें आपसे आपके पेटीएम अकाउंट से संबंधित या फिर आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड से संबंधित कोई जानकारी मांगी गई हो तो उसपर भूलकर भी उन जानकारियों को न भरें. यह तमाम पैंतरे ठगों द्वारा लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए अपनाए जाते हैं. इनसे सतर्क रहकर ही ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है.
राजधानी में पिछले 1 सप्ताह में पेटीएम केवाईसी अपडेट करने के नाम पर घटित हुए ठगी के मामले
- बजाज नगर थाना क्षेत्र में साइबर ठगों द्वारा पेटीएम केवाईसी अपडेट करने के नाम पर पूजा मुकुल नामक युवती के बैंक खाते से 75 हजार रुपए की ठगी की गई.
- विधायक पुरी थाना इलाके में साइबर ठगों द्वारा पेटीएम केवाईसी अपडेट करने और नेट बैंकिंग को पेटीएम एकाउंट से लिंक करने का झांसा देकर अंजू जैन नामक महिला के बैंक खाते थे 4.50 लाख रुपए की ठगी की गई.
- विधायक पुरी थाना क्षेत्र में साइबर ठगों द्वारा पेटीएम केवाईसी अपडेट करने के नाम पर पी.एम. भारद्वाज के बैंक खाते से 50 हजार रुपए की ठगी की गई.
- जवाहर नगर थाना क्षेत्र में साइबर ठगों द्वारा पेटीएम केवाईसी अपडेट करने के नाम पर सुनील कुमार शर्मा के बैंक खाते से 3.42 लाख रुपए की ठगी की गई.
- विद्याधरनगर थाना क्षेत्र में साइबर ठगों द्वारा पेटीएम केवाईसी अपडेट करने के नाम पर प्रेमप्रकाश माथुर के बैंक खाते से 2.47 लाख रुपए की ठगी की गई.
- मोती डूंगरी थाना क्षेत्र में साइबर ठगों द्वारा पेटीएम केवाईसी अपडेट करने के नाम पर वीरेंद्र सिंह कोठारी के बैंक खाते से 2.40 लाख रुपए की ठगी की गई.
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ठगी के ये वे मामले हैं, जो पुलिस थाने में दर्ज हुए हैं और ऐसे ही दर्जनों मामले पेटीएम केवाईसी अपडेट के नाम पर घटित होते हैं. इनमें ठगी की राशि कम होती है, जिसके चलते पीड़ित व्यक्ति द्वारा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज नहीं करवाई जाती है या फिर उन शिकायतों को एफआईआर में न दर्जकर महज परिवाद में ही रख लिया जाता है.