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ई-मित्र कर्मचारी से दिनदहाड़े लूट का मामला: कर्मचारी ही निकला षड्यंत्रकारी, 3 आरोपी गिरफ्तार - कर्मचारी से दिनदहाड़े 2.5 लाख रुपए लूट

जयपुर में ई-मित्र कर्मचारी को गन दिखाकर 2.5 लाख रुपए लूटने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर (Police solved loot case of e mitra employee in Jaipur) दिया है. पुलिस की जांच में ई-मित्र कर्मचारी ही मुख्य षड्यंत्रकारी निकला. इस मामले में पुलिस ने कर्मचारी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. ई-मित्र कर्मचारी ने झूठी लूट की कहानी में अपने दो साथियों का सहयोग लिया था.

Police solved loot case of e mitra employee in Jaipur
ई-मित्र कर्मचारी से दिनदहाड़े 2.5 लाख रुपए लूट का मामला
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Published : Mar 24, 2022, 11:28 PM IST

जयपुर. राजधानी में दिनदहाड़े ई-मित्र कर्मचारी को गन दिखाकर 2 लाख रुपए की लूट की वारदात का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. लाल कोठी थाना पुलिस ने लूट के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया (Jaipur Police arrested accused of loot) है. ई-मित्र कर्मचारी ही मुख्य षड्यंत्रकारी निकला है, जिसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर लूट की साजिश रची थी. पुलिस ने आरोपी अभिषेक, सूरज सिंह और विशाल माहेश्वरी को गिरफ्तार किया है. बुधवार को आरोपियों ने अजमेरी गेट स्थित ई-मित्र किओस्क पर वारदात को अंजाम दिया था.

पुलिस के मुताबिक आरोपी सूरज सिंह पीड़ित के ई-मित्र कियोस्क पर कर्मचारी था, जो कि बिल जमा करने का काम करता था. बिल जमा करवाने वाले लोगों से बिल की राशि लेकर आगे की अंतिम जमा तिथि होने पर रसीद जारी कर देता था और बिल जमा एप्लीकेशन में राशि को होल्ड कर देता था और पैसे को स्वयं के काम लेता था. अंतिम तिथि आने पर उस बिल को सबमिट कर देता था. बिलों से प्राप्त राशि को उसके द्वारा ब्याज पर दिया जाना सामने आया है. सट्टे में नुकसान से भी आरोपी परेशान था.

पढ़ें: जयपुर में दिनदहाड़े ज्वेलरी शॉप में लूट, 4 बदमाशों ने हथियार की नोक पर लूटे 10 लाख के आभूषण

वारदात से पहले मालिक को पता लगने के डर से आरोपी सूरत ने अपने साथी विशाल और अभिषेक के साथ मिलकर षड्यंत्र करते हुए योजना बनाई और 2.5 लाख रुपए की झूठी लूट की घटना बताते हुए इसकी जानकारी मालिक रामबाबू को दी. ताकि आरोपी के द्वारा पहले खर्च किए गए रुपयों का पता नहीं चले और पहले के बकाया पानी और बिजली के बिल जमा नहीं हो पाने के कारण आरोपी सूरज पर 2-3 लाख का कर्जा होने की वजह से वह अपने दोस्त विशाल माहेश्वरी और अभिषेक के साथ मिलकर लूट की वारदात को अंजाम दिया. पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि वास्तविक रूप से 60 हजार रुपए की लूट की वारदात हुई थी. जबकि आरोपी कर्मचारी ने मालिक को 2.50 लाख रुपए की लूट बताई थी.

पढ़ें: Theft In Jaipur: दिनदहाड़े ज्वैलर का एमरल्ड रत्न से भरा बैग चोरी, गुब्बारे खरीदने गया था ज्वैलर

पुलिस के मुताबिक 23 मार्च को षड्यंत्र के तहत आरोपी विशाल और अभिषेक मोटरसाइकिल से आए. आरोपी विशाल दूर गली में खड़ा हो गया और अभिषेक ई-मित्र पर मुंह पर कपड़ा बांधकर सूरज के पास गया और लगभग 60 हजार रुपए लेकर बाहर आया. फिर आरोपी विशाल के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर निकल गया था. इसके बाद ई-मित्र कर्मचारी सूरज ने मालिक को ढाई लाख रुपए लूट की सूचना दे दी. ई-मित्र कर्मचारी सूरज ने मालिक को सूचना दी थी कि किसी व्यक्ति ने गन दिखाकर उससे ढाई लाख रुपए लूट लिए. इसके बाद मालिक ने पुलिस को सूचना दी. मामले की जानकारी मिलते ही लाल कोठी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल पुलिस ने ई-मित्र कर्मचारी से भी गहनता से पूछताछ की. पुलिस ने वारदात का पर्दाफाश कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जांच में ई-मित्र कर्मचारी ही मुख्य साजिशकर्ता निकला.

जयपुर. राजधानी में दिनदहाड़े ई-मित्र कर्मचारी को गन दिखाकर 2 लाख रुपए की लूट की वारदात का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. लाल कोठी थाना पुलिस ने लूट के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया (Jaipur Police arrested accused of loot) है. ई-मित्र कर्मचारी ही मुख्य षड्यंत्रकारी निकला है, जिसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर लूट की साजिश रची थी. पुलिस ने आरोपी अभिषेक, सूरज सिंह और विशाल माहेश्वरी को गिरफ्तार किया है. बुधवार को आरोपियों ने अजमेरी गेट स्थित ई-मित्र किओस्क पर वारदात को अंजाम दिया था.

पुलिस के मुताबिक आरोपी सूरज सिंह पीड़ित के ई-मित्र कियोस्क पर कर्मचारी था, जो कि बिल जमा करने का काम करता था. बिल जमा करवाने वाले लोगों से बिल की राशि लेकर आगे की अंतिम जमा तिथि होने पर रसीद जारी कर देता था और बिल जमा एप्लीकेशन में राशि को होल्ड कर देता था और पैसे को स्वयं के काम लेता था. अंतिम तिथि आने पर उस बिल को सबमिट कर देता था. बिलों से प्राप्त राशि को उसके द्वारा ब्याज पर दिया जाना सामने आया है. सट्टे में नुकसान से भी आरोपी परेशान था.

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वारदात से पहले मालिक को पता लगने के डर से आरोपी सूरत ने अपने साथी विशाल और अभिषेक के साथ मिलकर षड्यंत्र करते हुए योजना बनाई और 2.5 लाख रुपए की झूठी लूट की घटना बताते हुए इसकी जानकारी मालिक रामबाबू को दी. ताकि आरोपी के द्वारा पहले खर्च किए गए रुपयों का पता नहीं चले और पहले के बकाया पानी और बिजली के बिल जमा नहीं हो पाने के कारण आरोपी सूरज पर 2-3 लाख का कर्जा होने की वजह से वह अपने दोस्त विशाल माहेश्वरी और अभिषेक के साथ मिलकर लूट की वारदात को अंजाम दिया. पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि वास्तविक रूप से 60 हजार रुपए की लूट की वारदात हुई थी. जबकि आरोपी कर्मचारी ने मालिक को 2.50 लाख रुपए की लूट बताई थी.

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पुलिस के मुताबिक 23 मार्च को षड्यंत्र के तहत आरोपी विशाल और अभिषेक मोटरसाइकिल से आए. आरोपी विशाल दूर गली में खड़ा हो गया और अभिषेक ई-मित्र पर मुंह पर कपड़ा बांधकर सूरज के पास गया और लगभग 60 हजार रुपए लेकर बाहर आया. फिर आरोपी विशाल के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर निकल गया था. इसके बाद ई-मित्र कर्मचारी सूरज ने मालिक को ढाई लाख रुपए लूट की सूचना दे दी. ई-मित्र कर्मचारी सूरज ने मालिक को सूचना दी थी कि किसी व्यक्ति ने गन दिखाकर उससे ढाई लाख रुपए लूट लिए. इसके बाद मालिक ने पुलिस को सूचना दी. मामले की जानकारी मिलते ही लाल कोठी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल पुलिस ने ई-मित्र कर्मचारी से भी गहनता से पूछताछ की. पुलिस ने वारदात का पर्दाफाश कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जांच में ई-मित्र कर्मचारी ही मुख्य साजिशकर्ता निकला.

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