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New Maharao King : दुल्हन की तरह सजा बूंदी, नए महाराव राजा के तौर पर पाग धारण करेंगे वंशवर्धन सिंह...

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Published : Apr 1, 2022, 8:20 PM IST

छोटी काशी के नाम से पहचान रखने वाली बूंदी में नव वर्ष पर एक बार फिर परंपरा साकार होगी. हिन्दू नव वर्ष पर सनातन परंपरा को साकार रूप देते हुए बूंदी के नए महाराव के रूप में (New Maharao King) वंशवर्धन सिंह पाग धारण करेंगे.

Vanshvardhan Singh will Wear Pag
नए महाराव राजा के तौर पर पाग धारण करेंगे वंशवर्धन सिंह

जयपुर. हिंदू नव वर्ष पर सनातन परंपरा को साकार रूप देते हुए बूंदी के नए महाराव राजा वंशवर्धन सिंह का पाग दस्तूर शनिवार को किया जाएगा. इसको लेकर प्रत्येक समाज में खुशी की लहर है. आपको बता दें कि पूर्व महाराव राजा रणजीत सिंह के वर्ष 2010 में निसंतान निधन के बाद यहां की पाग पर कोई फैसला नहीं हुआ था. बूंदी के पूर्व राजघराने से निकट रक्त संबंध होने के नाते कोटा और अलवर दोनों ही पूर्व राजघरानों के सदस्यों ने अब वंशवर्धन सिंह को पाग का हकदार बताते हुए सहमति पत्र जारी किए हैं. इन पत्रों के बाद बूंदी रियासत के ठिकानेदारों ने भी इस फैसले का समर्थन किया है.

राजपूताने का प्राचीन राजवंश है बूंदी : बूंदी की रियासत (Princely State of Bundi) राजपूताने की एक प्राचीन रियासत मानी जाती है. इसकी स्थापना महाराव देवा हाड़ा ने 1242 में की थी. बूंदी राजवंश में कई प्रतापी शासक हुए हैं. राजपूताने के चौहान वंश के हाड़ा कुल की प्रथम रियासत है.

Vanshvardhan Singh will Wear Pag
नए महाराव राजा के तौर पर पाग धारण करेंगे वंशवर्धन सिंह...

कई पूर्व राजपरिवारों की होगी मौजूदगी : वंशवर्धन सिंह पाग धारण कार्यक्रम में कई पूर्व राजपरिवारों की मौजूदगी होगी. अलवर के पूर्व महाराजा सवाई जितेन्द्र सिंह, कोटा के पूर्व महाराव इज्यराज सिंह, सिरोही के पद्मश्री पूर्व महाराजा रघुवीर सिंह समेत कई पूर्व राजपरिवारों की मौजूदगी में होने वाले इस आयोजन के लिए बूंदी शहर को (Bundi New Maharao King Vanshvardhan Singh) दुल्हन की तरह सजाया गया है. सर्व समाज के लोग बड़े उत्साह से इस आयोजन की तैयारियों में जुटे हुए हैं.

पढ़ें : जानिये कौन हैं ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा..जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर लहराया था बूंदी रियासत का झंडा, अब कहलाएंगे 26वें महाराव राजा

मोती महल में होगा पाग कार्यक्रम : बूंदी की पूर्व रियासत की पाग का दस्तूर 2 अप्रैल को बूंदी की नवल सागर झील किनारे स्थित मोती महल में सुबह 10 बजे होगा. कापरेन ठिकाने के कुंवर वंशवर्धन सिंह को पाग बांधी जाएंगी. तिलक दस्तूर का समस्त आयोजन पूर्व राजपरिवार के मोती महल परिसर में सनातन राज परंपरा के अनुरूप होगा. यहां तिलक दस्तूर की तैयारियां पूरी कर ली गई है. आयोजन को लेकर कई पूर्व रियासत और पूर्व ठिकानों के सदस्य बूंदी पहुंच चुके हैं. पाग दस्तूर के बाद महाराव पूर्व राजा वंधवर्धन सिंह गढ़ पैलेस स्थित रतन दौलत के दरीखाना में नजर दस्तूर का कार्यक्रम होगा. इसके बाद गढ़ की पड़स से हाथी पर शहर में सवारी निकाली जाएगी, जो प्रमुख मार्गों से होते हुए पुलिस लाइन रोड स्थित केसरी दौलत पहुंचेंगी. यहां नजराना-निछयावर का दस्तूर होगा.

पढ़ें : 26th Rao Raja of Bundi: बूंदी रियासत का असली राव राजा कौन? वंश वर्धन सिंह ने खुद को बताया पाग का असली हकदार

वंशवर्धन सिंह का परिचय : वंशवर्धन सिंह का जन्म कापरेन ठिकाने के महाराजधिराज बलभद्र सिंह हाड़ा के घर 8 जनवरी 1987 को हुआ. इनकी प्राथमिक शिक्षा डेली कॉलेज इंदौर मध्यप्रदेश से हुई. कॉलेज शिक्षा इंग्लैंड लीस्टर की डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी (De Montfort University) से हुई. आपने व्यवसाय प्रबंधन में कनाडा से स्नातकोत्तर उपाधि हासिल की. दो वर्ष तक आपने अनुभव के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में प्रबंधन का काम संभाला. 2013 में वंशवर्धन सिंह बूंदी लौट आए. इन्हें वंश परंपरा के अनुसार महाराजा रणजीत सिंह का उत्तराधिकारी बनाया गया है. वंशवर्धन का विवाह मयूराक्षी कुमारी से 2016 में हुआ. वंशवर्धन सिंह और मयूराक्षी के दो साल का बेटा है, जिसका नाम वज्रनाभ सिंह हैं.

चार बजे से शोभा यात्रा : पारंपरि आयोजन के बाद शाम चार बजे से शोभा यात्रा निकाली जाएगी. इसमें बड़ी संख्या में बूंदी के सर्व समाज के लोग शिरकत करेंगे. पुष्पवर्षा कर कई जगह शोभा यात्रा का स्वागत किया जाएगा.

पढ़ें : बूंदी रियासत के राव राजा पर असमंजसः भंवर जितेंद्र सिंह ने वंश वर्धन सिंह का नाम किया आगे...दो दिन पहले भूपेश हाड़ा को बांधी गई है पाग

जयपुर. हिंदू नव वर्ष पर सनातन परंपरा को साकार रूप देते हुए बूंदी के नए महाराव राजा वंशवर्धन सिंह का पाग दस्तूर शनिवार को किया जाएगा. इसको लेकर प्रत्येक समाज में खुशी की लहर है. आपको बता दें कि पूर्व महाराव राजा रणजीत सिंह के वर्ष 2010 में निसंतान निधन के बाद यहां की पाग पर कोई फैसला नहीं हुआ था. बूंदी के पूर्व राजघराने से निकट रक्त संबंध होने के नाते कोटा और अलवर दोनों ही पूर्व राजघरानों के सदस्यों ने अब वंशवर्धन सिंह को पाग का हकदार बताते हुए सहमति पत्र जारी किए हैं. इन पत्रों के बाद बूंदी रियासत के ठिकानेदारों ने भी इस फैसले का समर्थन किया है.

राजपूताने का प्राचीन राजवंश है बूंदी : बूंदी की रियासत (Princely State of Bundi) राजपूताने की एक प्राचीन रियासत मानी जाती है. इसकी स्थापना महाराव देवा हाड़ा ने 1242 में की थी. बूंदी राजवंश में कई प्रतापी शासक हुए हैं. राजपूताने के चौहान वंश के हाड़ा कुल की प्रथम रियासत है.

Vanshvardhan Singh will Wear Pag
नए महाराव राजा के तौर पर पाग धारण करेंगे वंशवर्धन सिंह...

कई पूर्व राजपरिवारों की होगी मौजूदगी : वंशवर्धन सिंह पाग धारण कार्यक्रम में कई पूर्व राजपरिवारों की मौजूदगी होगी. अलवर के पूर्व महाराजा सवाई जितेन्द्र सिंह, कोटा के पूर्व महाराव इज्यराज सिंह, सिरोही के पद्मश्री पूर्व महाराजा रघुवीर सिंह समेत कई पूर्व राजपरिवारों की मौजूदगी में होने वाले इस आयोजन के लिए बूंदी शहर को (Bundi New Maharao King Vanshvardhan Singh) दुल्हन की तरह सजाया गया है. सर्व समाज के लोग बड़े उत्साह से इस आयोजन की तैयारियों में जुटे हुए हैं.

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मोती महल में होगा पाग कार्यक्रम : बूंदी की पूर्व रियासत की पाग का दस्तूर 2 अप्रैल को बूंदी की नवल सागर झील किनारे स्थित मोती महल में सुबह 10 बजे होगा. कापरेन ठिकाने के कुंवर वंशवर्धन सिंह को पाग बांधी जाएंगी. तिलक दस्तूर का समस्त आयोजन पूर्व राजपरिवार के मोती महल परिसर में सनातन राज परंपरा के अनुरूप होगा. यहां तिलक दस्तूर की तैयारियां पूरी कर ली गई है. आयोजन को लेकर कई पूर्व रियासत और पूर्व ठिकानों के सदस्य बूंदी पहुंच चुके हैं. पाग दस्तूर के बाद महाराव पूर्व राजा वंधवर्धन सिंह गढ़ पैलेस स्थित रतन दौलत के दरीखाना में नजर दस्तूर का कार्यक्रम होगा. इसके बाद गढ़ की पड़स से हाथी पर शहर में सवारी निकाली जाएगी, जो प्रमुख मार्गों से होते हुए पुलिस लाइन रोड स्थित केसरी दौलत पहुंचेंगी. यहां नजराना-निछयावर का दस्तूर होगा.

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वंशवर्धन सिंह का परिचय : वंशवर्धन सिंह का जन्म कापरेन ठिकाने के महाराजधिराज बलभद्र सिंह हाड़ा के घर 8 जनवरी 1987 को हुआ. इनकी प्राथमिक शिक्षा डेली कॉलेज इंदौर मध्यप्रदेश से हुई. कॉलेज शिक्षा इंग्लैंड लीस्टर की डी मोंटफोर्ट यूनिवर्सिटी (De Montfort University) से हुई. आपने व्यवसाय प्रबंधन में कनाडा से स्नातकोत्तर उपाधि हासिल की. दो वर्ष तक आपने अनुभव के लिए एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी में प्रबंधन का काम संभाला. 2013 में वंशवर्धन सिंह बूंदी लौट आए. इन्हें वंश परंपरा के अनुसार महाराजा रणजीत सिंह का उत्तराधिकारी बनाया गया है. वंशवर्धन का विवाह मयूराक्षी कुमारी से 2016 में हुआ. वंशवर्धन सिंह और मयूराक्षी के दो साल का बेटा है, जिसका नाम वज्रनाभ सिंह हैं.

चार बजे से शोभा यात्रा : पारंपरि आयोजन के बाद शाम चार बजे से शोभा यात्रा निकाली जाएगी. इसमें बड़ी संख्या में बूंदी के सर्व समाज के लोग शिरकत करेंगे. पुष्पवर्षा कर कई जगह शोभा यात्रा का स्वागत किया जाएगा.

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