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बरसात के दिनों में पैर पसार रहा डेंगू, बच्चों के लिए हो सकता है घातक

राजधानी में सितंबर के आखिरी सप्ताह तक भी बरसात का दौर जारी है. बरसात के मौसम में ही मच्छरों का प्रकोप बहुत बढ़ जाता है. इनसे डेंगू, मलेरिया, जीका, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं. खासकर बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से वो जल्दी इन बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. डेंगू के मच्छर के काटने के चार दिन बाद संक्रमण बढ़ने के लक्षण दिखते हैं. इसलिए छोटे बच्चों में इसके लक्षण और भी गंभीर हो जाते हैं.

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Published : Sep 22, 2021, 2:18 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 2:33 PM IST

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बरसात के दिनों में पैर पसार रहा डेंगू

जयपुर. बीते कुछ सालों में मच्छर जनित बीमारियां काफी तेजी से फैली हैं. लाखों लोग डेंगू, मलेरिया, जीका वायरस और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के चपेट में आने के बाद असामयिक काल का ग्रास बन चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले डेंगू के हैं.

यदि बच्चा जुकाम, खांसी और तेज बुखार से पीड़ित है तो इसे सामान्य फ्लू न समझें. क्योंकि ये डेंगू के लक्षण भी हो सकते हैं. अमूमन बारिश के दौर में बच्चों के इस तरह की समस्या रहती है. चूंकि बच्चे ये समझने में असमर्थ होते हैं कि वास्तव में उनके साथ क्या हो रहा है. इससे वो चिड़चिड़े और उत्तेजित होने लगते हैं और आहार भी लेना कम कर देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि उन्हें समय पर डॉक्टर को दिखाकर उचित इलाज लें.

पढ़ें : बहरोड़ लॉकअप ब्रेक कांड : गैंगस्टर पपला गुर्जर को कोर्ट में नहीं किया पेश, ADJ Court ने जताई नाराजगी

भारत का अधिकांश भाग उष्णकटिबंधीय जलवायु वाला है. जहां डेंगू के ज्यादा मरीज देखने को मिलते हैं. ऐसे में जरूरी है कि अपने आसपास स्वच्छता का ध्यान रखें और पानी को किसी जगह इकट्ठा ना होने दें. हालांकि, राजधानी जयपुर में दोनों ही नगर निगम मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए केमिकल का छिड़काव और फोगिंग भी करा रहे हैं.

जयपुर. बीते कुछ सालों में मच्छर जनित बीमारियां काफी तेजी से फैली हैं. लाखों लोग डेंगू, मलेरिया, जीका वायरस और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के चपेट में आने के बाद असामयिक काल का ग्रास बन चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले डेंगू के हैं.

यदि बच्चा जुकाम, खांसी और तेज बुखार से पीड़ित है तो इसे सामान्य फ्लू न समझें. क्योंकि ये डेंगू के लक्षण भी हो सकते हैं. अमूमन बारिश के दौर में बच्चों के इस तरह की समस्या रहती है. चूंकि बच्चे ये समझने में असमर्थ होते हैं कि वास्तव में उनके साथ क्या हो रहा है. इससे वो चिड़चिड़े और उत्तेजित होने लगते हैं और आहार भी लेना कम कर देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि उन्हें समय पर डॉक्टर को दिखाकर उचित इलाज लें.

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भारत का अधिकांश भाग उष्णकटिबंधीय जलवायु वाला है. जहां डेंगू के ज्यादा मरीज देखने को मिलते हैं. ऐसे में जरूरी है कि अपने आसपास स्वच्छता का ध्यान रखें और पानी को किसी जगह इकट्ठा ना होने दें. हालांकि, राजधानी जयपुर में दोनों ही नगर निगम मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए केमिकल का छिड़काव और फोगिंग भी करा रहे हैं.

Last Updated : Sep 22, 2021, 2:33 PM IST
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