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followup - रोड पर बढ़ रहे कचरा डिपो, निगम प्रशासन अब लेगा स्ट्रिक्ट एक्शन - Jaipur Garbage Depot

स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में जयपुर को 39वीं रैंक हासिल हुई थी. उस दौरान शहर में 100 से भी कम सड़क कचरा डिपो रह गए थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर तकरीबन 865 हो गई है. जो निगम के ढुलमुल रवैया की हकीकत बयां करती है. हालांकि, निगम प्रशासन अब उन सोसायटी, दुकानदारों और एनजीओ पर स्ट्रिक्ट एक्शन लेने की बात कह रहा है, जो सड़क पर कचरा फेंकते हैं.

जयपुर स्वच्छता सर्वेक्षण,  Jaipur Municipal Corporation
निगम प्रशासन लेगा स्ट्रिक्ट एक्शन
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Published : Dec 1, 2019, 7:12 PM IST

जयपुर. स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 चल रहा है और नगर निगम भी जयपुर को नंबर वन क्लीन सिटी का खिताब दिलाने के लिए रोज नई व्यवस्थाएं कर रहा है. लेकिन, निगम प्रशासन सड़क पर बढ़ रहे कचरा डिपो को रोकने में नाकाम साबित हुआ है. यही वजह है कि शहर में एक समय जो कचरा डिपो 100 से भी कम रह गए थे, वो बढ़कर 800 के पार पहुंच गए हैं. इसका जिम्मेदार निगम प्रशासन तो है ही. साथ ही शहर का आम नागरिक और बीवीजी कंपनी भी है.

निगम प्रशासन लेगा स्ट्रिक्ट एक्शन

बता दें कि बीवीजी कंपनी के हूपर घरों तक नहीं पहुंचने के चलते शहरवासी घरों का कचरा सड़कों पर फेंकना शुरू कर देते हैं. जहां से नियमित कचरा नहीं उठने के चलते सड़कें भी कचरे के ढे़र से अटी रहती हैं. हालांकि, निगम प्रशासन अब इसे लेकर आईईसी एक्टिविटी शुरू करने की बात कह रहा है. जिसके तहत एनजीओ, प्राइवेट हाउसिंग सोसायटी और व्यापारियों से संपर्क करके उन्हें रोड पर कचरा ना फेंकने की समझाइश की जाएगी.

पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्टः राजधानी में औसतन रोजाना एक नाबालिग हो रही दरिंदगी का शिकार

इस संबंध में नगर निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने बताया कि पहले संपर्क और उसके बाद स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जाएगा और जिन भी सोसाइटी या दुकानदारों के द्वारा कचरा बाहर फेंका जा रहा है, उन पर भारी भरकम पेनल्टी और फाइन लगाने का अभियान शुरू किया जाएगा.

जयपुर. स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 चल रहा है और नगर निगम भी जयपुर को नंबर वन क्लीन सिटी का खिताब दिलाने के लिए रोज नई व्यवस्थाएं कर रहा है. लेकिन, निगम प्रशासन सड़क पर बढ़ रहे कचरा डिपो को रोकने में नाकाम साबित हुआ है. यही वजह है कि शहर में एक समय जो कचरा डिपो 100 से भी कम रह गए थे, वो बढ़कर 800 के पार पहुंच गए हैं. इसका जिम्मेदार निगम प्रशासन तो है ही. साथ ही शहर का आम नागरिक और बीवीजी कंपनी भी है.

निगम प्रशासन लेगा स्ट्रिक्ट एक्शन

बता दें कि बीवीजी कंपनी के हूपर घरों तक नहीं पहुंचने के चलते शहरवासी घरों का कचरा सड़कों पर फेंकना शुरू कर देते हैं. जहां से नियमित कचरा नहीं उठने के चलते सड़कें भी कचरे के ढे़र से अटी रहती हैं. हालांकि, निगम प्रशासन अब इसे लेकर आईईसी एक्टिविटी शुरू करने की बात कह रहा है. जिसके तहत एनजीओ, प्राइवेट हाउसिंग सोसायटी और व्यापारियों से संपर्क करके उन्हें रोड पर कचरा ना फेंकने की समझाइश की जाएगी.

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इस संबंध में नगर निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने बताया कि पहले संपर्क और उसके बाद स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जाएगा और जिन भी सोसाइटी या दुकानदारों के द्वारा कचरा बाहर फेंका जा रहा है, उन पर भारी भरकम पेनल्टी और फाइन लगाने का अभियान शुरू किया जाएगा.

Intro:जयपुर - स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में जयपुर को 39वीं रैंक हासिल हुई थी। उस दौरान शहर में 100 से भी कम सड़क कचरा डिपो रह गए थे। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर तकरीबन 865 हो गई है। जो निगम के ढुलमुल रवैया की हकीकत बयां करती है। हालांकि निगम प्रशासन अब उन सोसाइटी, दुकानदारों और एनजीओ पर स्ट्रिक्ट एक्शन लेने की बात कह रहा है जो सड़क पर कचरा फेंकते हैं।


Body:स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 चल रहा है। और नगर निगम भी जयपुर को नंबर वन क्लीन सिटी का खिताब दिलाने के लिए रोज नई व्यवस्थाएं कर रहा है। लेकिन निगम प्रशासन सड़क पर बढ़ रहे कचरा डिपो को रोकने में नाकाम साबित हुआ है। यही वजह है कि शहर में एक समय जो कचरा डिपो 100 से भी कम रह गए थे। वो बढ़कर 800 के पार पहुंच गए हैं। इसका जिम्मेदार निगम प्रशासन तो है ही, साथ ही शहर का आम नागरिक और बीवीजी कंपनी भी है। बीवीजी कंपनी के हूपर घरों तक नहीं पहुंचने के चलते शहरवासी घरों का कचरा सड़कों पर फेंकना शुरू कर देते हैं। जहां से नियमित कचरा नहीं उठने के चलते सड़कें भी कचरे के ढेर से अटी रहती हैं। हालांकि निगम प्रशासन अब इसे लेकर आईईसी एक्टिविटी शुरू करने की बात कह रहा है। जिसके तहत एनजीओ, प्राइवेट हाउसिंग सोसायटी और व्यापारियों से संपर्क करके उन्हें रोड पर कचरा ना फेंकने की समझाइश की जायेगी। इस संबंध में नगर निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने बताया कि पहले संपर्क और उसके बाद स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जाएगा। और जिन भी सोसाइटी या दुकानदारों के द्वारा कचरा बाहर फेंका जा रहा है, उन पर हैवी पेनल्टी और फाइन लगाने का अभियान शुरू किया जाएगा।
बाईट - विजय पाल सिंह, प्रशासक नगर निगम


Conclusion:आपको बता दें कि शहर का रिहायशी इलाका हो या आम रास्ते सभी जगह रोडसाइड कचरा डिपो देखने को मिल रहे हैं। लेकिन अब जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए स्ट्रिक्ट एक्शन लेने का प्लान तैयार किया गया है।
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