जयपुर. स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 चल रहा है और नगर निगम भी जयपुर को नंबर वन क्लीन सिटी का खिताब दिलाने के लिए रोज नई व्यवस्थाएं कर रहा है. लेकिन, निगम प्रशासन सड़क पर बढ़ रहे कचरा डिपो को रोकने में नाकाम साबित हुआ है. यही वजह है कि शहर में एक समय जो कचरा डिपो 100 से भी कम रह गए थे, वो बढ़कर 800 के पार पहुंच गए हैं. इसका जिम्मेदार निगम प्रशासन तो है ही. साथ ही शहर का आम नागरिक और बीवीजी कंपनी भी है.
बता दें कि बीवीजी कंपनी के हूपर घरों तक नहीं पहुंचने के चलते शहरवासी घरों का कचरा सड़कों पर फेंकना शुरू कर देते हैं. जहां से नियमित कचरा नहीं उठने के चलते सड़कें भी कचरे के ढे़र से अटी रहती हैं. हालांकि, निगम प्रशासन अब इसे लेकर आईईसी एक्टिविटी शुरू करने की बात कह रहा है. जिसके तहत एनजीओ, प्राइवेट हाउसिंग सोसायटी और व्यापारियों से संपर्क करके उन्हें रोड पर कचरा ना फेंकने की समझाइश की जाएगी.
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इस संबंध में नगर निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने बताया कि पहले संपर्क और उसके बाद स्ट्रिक्ट एक्शन लिया जाएगा और जिन भी सोसाइटी या दुकानदारों के द्वारा कचरा बाहर फेंका जा रहा है, उन पर भारी भरकम पेनल्टी और फाइन लगाने का अभियान शुरू किया जाएगा.