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सरकार की याचिका खारिज, बीस हजार का लगाया हर्जाना

राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त हेडमास्टर की अवैध रूप से रिकवरी वसूलने के मामले में राज्य सरकार की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है. बता दें कि न्ययाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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Published : Oct 22, 2019, 12:00 AM IST

Government's petition dismissed, compensation of twenty thousand imposed, jaipur news, जयपुर न्यूज

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त हेडमास्टर की अवैध रूप से रिकवरी वसूलने के मामले में राज्य सरकार की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने रिकवरी निकालने वाले शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. मामले के अनुसार बिहारी लाल 31 जनवरी 2002 को हेडमास्टर पद से रिटायर्ड हुए थे. विभाग ने यह कहते हुए पेंशन रोक ली कि उन्होंने रिवाइज पे-स्केल के लिए समय पर ऑप्शन फार्म नहीं भरा. वहीं, सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण की रोक के बाद भी विभाग ने रिकवरी के तौर पर पेंशन से एक लाख चार हजार रुपए काट लिए.

पढ़ेंः निकाय चुनाव पर कांग्रेस में रार, बोले खाचरियावास- धारीवाल क्या कहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता

इस पर अधिकरण ने साल 2014 में आदेश जारी कर ब्याज साहित रिकवरी लौटाने को कहा. इस आदेश को विभाग ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. वहीं बिहारीलाल की ओर से कहा गया कि रिवाइज पे-स्केल के तहत 31 दिसंबर 1988 तक ऑप्शन फार्म भरना था. जबकि, वह 21 दिसंबर को ही यह फॉर्म भरा गया था. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका खारिज कर दोषी अधिकारी पर बीस हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त हेडमास्टर की अवैध रूप से रिकवरी वसूलने के मामले में राज्य सरकार की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने रिकवरी निकालने वाले शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. मामले के अनुसार बिहारी लाल 31 जनवरी 2002 को हेडमास्टर पद से रिटायर्ड हुए थे. विभाग ने यह कहते हुए पेंशन रोक ली कि उन्होंने रिवाइज पे-स्केल के लिए समय पर ऑप्शन फार्म नहीं भरा. वहीं, सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण की रोक के बाद भी विभाग ने रिकवरी के तौर पर पेंशन से एक लाख चार हजार रुपए काट लिए.

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इस पर अधिकरण ने साल 2014 में आदेश जारी कर ब्याज साहित रिकवरी लौटाने को कहा. इस आदेश को विभाग ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. वहीं बिहारीलाल की ओर से कहा गया कि रिवाइज पे-स्केल के तहत 31 दिसंबर 1988 तक ऑप्शन फार्म भरना था. जबकि, वह 21 दिसंबर को ही यह फॉर्म भरा गया था. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका खारिज कर दोषी अधिकारी पर बीस हजार रुपए का हर्जाना लगाया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त हैडमास्टर की अवैध रूप से रिकवरी वसूलने के मामले में राज्य सरकार की ओर से दायर अपील को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने रिकवरी निकालने वाले शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। न्यायाधीश एसपी शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश माध्यमिक शिक्षा निदेशक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
मामले के अनुसार बिहारी लाल 31 जनवरी 2002 को हैडमास्टर पद से रिटायर्ड हुए थे।

Body:विभाग ने यह कहते हुए पैंशन रोक ली कि उन्होंने रिवाइज पे-स्केल के लिए समय पर ऑप्शन फार्म नहीं भरा। वहीं सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण की रोक के बाद भी विभाग ने रिकवरी के तौर पर पेंशन से एक लाख चार हजार रुपए काट लिए। इस पर अधिकरण ने वर्ष 2014 में आदेश जारी कर ब्याज सहित रिकवरी लौटाने को कहा। इस आदेश को विभाग ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। वहीं बिहारीलाल की ओर से कहा गया कि रिवाइज पे स्केल के तहत 31 दिसंबर 1988 तक ऑप्शन फार्म भरना था। जबकि वह 21 दिसंबर को ही यह फॉर्म भर चला था। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिका खारिज कर दोषी अधिकारी पर बीस हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। Conclusion:
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