जयपुर. देशभर के कर्मचारी संगठनों ने रविवार को राजधानी जयपुर के रेलवे स्टेशन पर संयुक्त श्रमिक सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें 8 जनवरी को होने वाली देशव्यापी हड़ताल को लेकर रणनीति बनाई.
बता दें कि कर्मचारियों के अनुसार श्रमिकों की विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार के नकारात्मक रवैया और चंद उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग बीमा जैसे कई विभागों का निजीकरण और विनिवेशीकरण किया जा रहा है. जिसके विरोध में देशभर के सरकारी कर्मचारी 8 जनवरी को हड़ताल करेंगे. हड़ताल की तैयारियों को लेकर रविवार को देशभर से कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधियों की प्रादेशिक कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई.
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केंद्रीय श्रमिक संगठन के संयोजक मुकेश माथुर ने बताया कि केंद्र सरकार रेलवे बीमा सहित कई विभागों को निजी हाथों में देने की तैयारी कर रही है, इसके साथ ही श्रमिकों के हित के लिए बने श्रम कानूनों में भी बदलाव किया जा रहा है. परिवार के भरण-पोषण लायक न्यूनतम वेतन का निर्धारण सामाजिक सुरक्षा, श्रमिकों के अधिकारों के प्रति केंद्र सरकार गंभीर नहीं है.
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उन्होंने कहा भारतीय रेलवे के स्टेशनों को विकसित करने के नाम पर उन्हें बेचने की योजना बनाई जा रही है. यात्री गाड़ियों का संचालन निजी लोगों से कराया जाने की तैयारी की जा रही है. जिसमें आम यात्रियों को कोई लाभ नहीं होगा. इसके साथ ही न्यू पेंशन स्कीम लागू करके कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
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बता दें कि सभी कर्मचारियों की मांग है कि न्यू पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाए. ट्रेड यूनियन के प्रदर्शन और हड़ताल करने के अधिकार को छीन कर उनकी ताकत को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है. ताकि उद्योगपतियों और सरकार को मनमर्जी करने का मौका मिल सके.