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अब सड़क हादसों में घायलों की मदद करेगा ट्रैफिक पुलिस का 'गोल्डन ऑवर' ऐप

जयपुर ट्रैफिक पुलिस की ओर से गोल्डन ऑवर ऐप का निर्माण करवाया जा रहा है, जो मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने में मदद करेगा. वहीं इस ऐप के निर्माण के लिए 42 लाख रुपए का बजट भी पारित हो चुका है.

जयपुर ट्रैफिक पुलिस Jaipur news
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Published : Nov 23, 2019, 5:23 PM IST

जयपुर. आपातकालीन स्थिति पर किसी गंभीर मरीज को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस ट्रैफिक जाम में ना फंसे और इसके लिए जयपुर ट्रैफिक पुलिस द्वारा गोल्डन ऑवर ऐप का निर्माण करवाया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय से इस ऐप के निर्माण के लिए 42 लाख रुपए का बजट भी पारित हो चुका है. ऐप का निर्माण होने के बाद राजधानी की तमाम सरकारी व निजी एंबुलेंस को ऐप का प्रयोग करने के लिए रजिस्टर्ड किया जाएगा.

आपातकालीन स्थिति के लिए गोल्डन ऑवर ऐप का निर्माण

बता दें, इस ऐप के माध्यम से क्रिटिकल और वेरी क्रिटिकल कैटेगरी के मरीज को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर से होकर गुजारा जाएगा, ताकि जल्द से जल्द और कम समय में मरीज को मेडिकल रिलीफ दिया जा सके. जब भी कोई रजिस्टर्ड एंबुलेंस क्रिटिकल या वेरी क्रिटिकल मरीज को लेकर अस्पताल जाएगी और इस ऐप का प्रयोग करेगी तो ट्रैफिक कंट्रोल रूम में उसका पॉपअप शो होगा. जिस पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा उस एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर बना कर दिया जाएगा और मरीज को जल्द अस्पताल तक पहुंचाया जाएगा.

पढ़ें: चाकसूः NH-12 यारलीपुरा-बरखेड़ा टोल पर बिना रुके गुजरेंगे वाहन

इसके साथ ही इस ऐप का प्रयोग दूसरे जिलों से क्रिटिकल और वेरी क्रिटिकल मरीजों को जयपुर लेकर आ रही एंबुलेंस के द्वारा भी किया जा सकेगा. दूसरे जिलों से मरीजों को लेकर जयपुर आ रही है एंबुलेंस के द्वारा जब इस ऐप की सहायता ली जाएगी तो जयपुर ट्रेफिक पुलिस द्वारा संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों और पुलिस थाने से वहां पर घटित हुए हादसे की जानकारी लेने के बाद एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर प्रदान किया जाएगा.जल्द ही इस ऐप का ट्रायल शुरू किया जाएगा.

जयपुर. आपातकालीन स्थिति पर किसी गंभीर मरीज को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस ट्रैफिक जाम में ना फंसे और इसके लिए जयपुर ट्रैफिक पुलिस द्वारा गोल्डन ऑवर ऐप का निर्माण करवाया जा रहा है. पुलिस मुख्यालय से इस ऐप के निर्माण के लिए 42 लाख रुपए का बजट भी पारित हो चुका है. ऐप का निर्माण होने के बाद राजधानी की तमाम सरकारी व निजी एंबुलेंस को ऐप का प्रयोग करने के लिए रजिस्टर्ड किया जाएगा.

आपातकालीन स्थिति के लिए गोल्डन ऑवर ऐप का निर्माण

बता दें, इस ऐप के माध्यम से क्रिटिकल और वेरी क्रिटिकल कैटेगरी के मरीज को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर से होकर गुजारा जाएगा, ताकि जल्द से जल्द और कम समय में मरीज को मेडिकल रिलीफ दिया जा सके. जब भी कोई रजिस्टर्ड एंबुलेंस क्रिटिकल या वेरी क्रिटिकल मरीज को लेकर अस्पताल जाएगी और इस ऐप का प्रयोग करेगी तो ट्रैफिक कंट्रोल रूम में उसका पॉपअप शो होगा. जिस पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा उस एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर बना कर दिया जाएगा और मरीज को जल्द अस्पताल तक पहुंचाया जाएगा.

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इसके साथ ही इस ऐप का प्रयोग दूसरे जिलों से क्रिटिकल और वेरी क्रिटिकल मरीजों को जयपुर लेकर आ रही एंबुलेंस के द्वारा भी किया जा सकेगा. दूसरे जिलों से मरीजों को लेकर जयपुर आ रही है एंबुलेंस के द्वारा जब इस ऐप की सहायता ली जाएगी तो जयपुर ट्रेफिक पुलिस द्वारा संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों और पुलिस थाने से वहां पर घटित हुए हादसे की जानकारी लेने के बाद एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर प्रदान किया जाएगा.जल्द ही इस ऐप का ट्रायल शुरू किया जाएगा.

Intro:जयपुर
एंकर- आपातकालीन स्थिति पर किसी गंभीर मरीज को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस ट्रैफिक जाम में ना फंसे और मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सके इसके लिए जयपुर ट्रैफिक पुलिस द्वारा गोल्डन ऑवर ऐप का निर्माण करवाया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय से इस ऐप के निर्माण के लिए 42 लाख रुपए का बजट भी पारित हो चुका है। ऐप का निर्माण होने के बाद राजधानी की तमाम सरकारी व निजी एंबुलेंस को ऐप का प्रयोग करने के लिए रजिस्टर्ड किया जाएगा।


Body:वीओ- इस ऐप के माध्यम से क्रिटिकल और वेरी क्रिटिकल कैटेगरी के मरीज को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर से होकर गुजारा जाएगा ताकि जल्द से जल्द और कम समय में मरीज को मेडिकल रिलीफ दिया जा सके। जब भी कोई रजिस्टर्ड एंबुलेंस क्रिटिकल या वेरी क्रिटिकल मरीज को लेकर अस्पताल जाएगी और इस ऐप का प्रयोग करेगी तो ट्रैफिक कंट्रोल रूम में उसका पॉपअप शो होगा। जिस पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा उस एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर बना कर दिया जाएगा और मरीज को जल्द अस्पताल तक पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही इस ऐप का प्रयोग दूसरे जिलों से क्रिटिकल और वेरी क्रिटिकल मरीजों को जयपुर लेकर आ रही एंबुलेंस के द्वारा भी किया जा सकेगा। दूसरे जिलों से मरीजों को लेकर जयपुर आ रही है एंबुलेंस के द्वारा जब इस ऐप की सहायता ली जाएगी तो जयपुर ट्रेफिक पुलिस द्वारा संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों व पुलिस थाने से वहां पर घटित हुए हादसे की जानकारी लेने के बाद एंबुलेंस को ग्रीन कॉरिडोर प्रदान किया जाएगा। जल्द ही इस ऐप का ट्रायल शुरू किया जाएगा।

बाइट- राहुल प्रकाश, डीसीपी ट्रेफिक- जयपुर


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