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नगीने की चमक फीकी : कोरोना काल में संकट से जूझ रहा नगीना कारोबार...खरीदार नहीं, कारोबारियों के हालात खराब - Jaipur Jewelery

जयपुर के नगीना कारोबार पर कोरोना का काफी असर देखने को मिला है. कोरोना संकट के बाद नगीना कारोबार में काफी गिरावट आ गई है. कारोबारियों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब चल रही है. जयपुर में करीब 5000 से अधिक लोग नगीना कारोबार से जुड़े हुए हैं. लेकिन अभी नगीना कारोबारी बेरोजगार हो गए हैं. जयपुर को ज्वैल सिटी (Jewel City) के नाम से भी जाना जाता है.

नगीने की चमक फीकी
नगीने की चमक फीकी
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Published : Aug 17, 2021, 7:54 PM IST

Updated : Aug 17, 2021, 11:06 PM IST

जयपुर. कोरोना से पहले नगीना कारोबारियों का काम ठीक-ठाक चल रहा था. लेकिन कोरोना के आने के बाद कारोबार ठप हो गया है. जयपुर में ज्यादातर नगीना कारोबार पर्यटकों पर आधारित था. क्योंकि ज्यादातर देशी-विदेशी सैलानी ही नगीनों से बने आभूषण और अन्य सामान खरीदते थे.

कोरोना के बाद विदेशी पर्यटकों का आना बंद हो गया है, तो देसी सैलानियों का रुझान खरीदारी से कम हो गया है. जिसकी वजह से अब केवल लोकल ग्राहकों के भरोसे ही नगीना कारोबार चल रहा है. काफी लोग इस काम को छोड़कर दूसरे काम में या तो लग गए हैं या फिर तलाश में हैं.

संकट से जूझ रहा नगीना कारोबार

नगीना कारोबारी इलियास खान ने बताया कि नगीना कारोबार पर कोरोना का काफी प्रभाव पड़ा है. लाखों लोगों की गुजर-बसर नगीना-जवाहरात के कारोबार के भरोसे होती है. जयपुर ज्वैल सिटी के नाम से भी जाना जाता है. जयपुर में जवाहरात का काम ज्यादा तादाद में होता है. कोरोना संकट के दौर में काम नहीं होने से काफी लोग इस कारोबार से दूर हो गए हैं.

पढ़ें- कोरोना संकट : इस साल का 'जयपुर ज्वैलरी शो' रद्द, पुरस्कार समारोह ऑनलाइन

कई लोग दूसरे मजदूरी के कामों में लग गए हैं. नगीना कारोबार से जुड़े कई लोग भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. इंटरनेशनल फ्लाइटें बंद होने की वजह से कच्चा माल का भी आवागमन नहीं हो पा रहा है. इसके साथ ही नगीने का आयात-निर्यात भी नहीं हो रहा है. नगीने का लोकल बाजार भी डाउन हो गया है.

नगीने की चमक फीकी, corona crisis,  jaipur market,  Jaipur Jewelry,  Jaipur Stone Work
जयपुर कहलाता है जेम्स सिटी

नगीना कारोबार पर कौनसा व्यापार निर्भर

व्यापार निर्भर लोग
1. खरड ( कच्चा माल) की प्रोसेसिंग10 हजार
2. ज्योतिष आधारित व्यापार4 हजार
3. ज्वैलरी कारोबार के बड़े कारोबारी500
4. नगीना व्यापार से जुड़े छोटे कारोबारी12 हजार
5. नगीना व्यवसाय से जुड़े मजदूर20 हजार

जयपुर टूरिस्ट हब है, यहां पर काफी संख्या में टूरिस्ट आते थे. लेकिन कोरोना के बाद पर्यटकों की संख्या कम हो गई, जिनमें विदेशी पर्यटक बिल्कुल बंद है. टूरिस्ट के नहीं आने और शोरूम पर माल नहीं जाने से नगीना कारोबार अस्त-व्यस्त हो गया है. नगीना कारोबार से जुड़े व्यापारियों की हालत बहुत खराब चल रही है. राशि रत्न का काम धार्मिक आयोजनों पर ज्यादा होता था, लेकिन कोरोना की वजह से धार्मिक आयोजन भी बंद हैं.

नगीने की चमक फीकी, corona crisis,  jaipur market,  Jaipur Jewelry,  Jaipur Stone Work
कोरोना काल ने तोड़ दी जेम्स कारोबार की कमर

नगीना कारोबारी रशीद खान ने बताया कि अजमेर के मेले से लेकर, हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, दिल्ली और विदेश तक नगीनों की बिक्री के लिए जाया करते थे. लेकिन कोरोना के बाद अब इन सभी जगहों पर रोजगार नहीं बचा. कोरोना की वजह से आना जाना मुश्किल हो गया और व्यापारी भी माल खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे. विदेश जाना बंद पड़ा है. मजदूर तबके के लोग ज्यादा परेशान हो रहे हैं. नगीना कारोबार से जुड़े छोटे व्यापारियों की आर्थिक स्थितियां बहुत खराब हो गई है.

जयपुर के जौहरी बाजार, गोपाल जी का रास्ता, नवाब का चौराहा समेत जयपुर में कई जगह पर नगीना-जवाहरात की का व्यापार होता है. बड़े व्यापारियों के पास ग्राहक नहीं है, तो छोटे व्यापारियों के पास रोजगार नहीं रहा. बड़े बड़े शोरूम पर भी ग्राहक नहीं पहुंच रहे जिसकी वजह से नगीनों की बिक्री काफी प्रभावित हुई है. अभी हालात यह हो गए हैं कि कर्ज लेकर घर का गुजारा चलाना पड़ रहा है.

पढ़ें- राजस्थान में हॉकी का हुनर तराश रहे "द्रोणाचार्य" हरजिंदर सिंह, जगाई युवाओं में अलख

नगीना कारोबारी बुद्धि प्रकाश सैनी ने बताया कि कोरोना से पहले नगीनों का कारोबार ठीक चल रहा था, लेकिन कोरोना के आने के बाद मार्केट बिल्कुल ठप हो गया. इंटरनेशनल फ्लाइट बंद होने की वजह से विदेशों में नगीनों का कारोबार नहीं हो पा रहा है. कारोबार में कमी आने की वजह से कई मजदूर भी नगीनों का काम छोड़कर दूसरे काम धंधों में जा रहे हैं. नगीना कारोबारी बेरोजगार हो गए। ऐसे में परिवार का खर्च चलाना भी काफी मुश्किल हो रहा है.

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नगीने के कारीगरों पर रोजी-रोटी का संकट

नगीना बाजार में ग्राहकों की स्थिति भी बहुत खराब है. नगीना की बिक्री नहीं होने की वजह से खरीदार नहीं मिल रहे. क्योंकि नगीनों का ज्यादा कारोबार पर्यटकों की वजह से चलता था. अंगूठी और ज्वेलरी में नगीनों का उपयोग होता है. लेकिन अभी केवल स्थानीय खरीदार ही मिल पा रहे हैं. जिसकी वजह से कारोबार धीमा चल रहा है. इसके साथ ही बड़ी संख्या में बंगाल से नगीनों की घडाई का काम करने के लिए आए मजदूर भी फिलहाल रोजमर्रा की जरूरत का सामान जुटाने के लिए खासा परेशान होने लगे हैं. इन लोगों को जेवरात और नगीनों की डिमांड कटने के बाद गुजर-बसर करने लायक भी काम नहीं मिल पा रहा है. परंपरागत थेवा और पोलकी जैसे कारोबार भी मंद हो गये हैं.

जयपुर में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र आमेर रामगढ़ रोड और एमआई रोड पर ज्वेलरी कारोबार में नगीनों पर आधारित बड़े-बड़े शोरूम हैं जिनमें से कई का किराया लाखों रुपए महीना आता है. कोरोना के बाद पहले बंद दुकानें और अब तक हुए कारोबार से उन लोगों के लिए भी अपना व्यापार स्थिर रख पाना मुश्किल हो चुका है.

जयपुर. कोरोना से पहले नगीना कारोबारियों का काम ठीक-ठाक चल रहा था. लेकिन कोरोना के आने के बाद कारोबार ठप हो गया है. जयपुर में ज्यादातर नगीना कारोबार पर्यटकों पर आधारित था. क्योंकि ज्यादातर देशी-विदेशी सैलानी ही नगीनों से बने आभूषण और अन्य सामान खरीदते थे.

कोरोना के बाद विदेशी पर्यटकों का आना बंद हो गया है, तो देसी सैलानियों का रुझान खरीदारी से कम हो गया है. जिसकी वजह से अब केवल लोकल ग्राहकों के भरोसे ही नगीना कारोबार चल रहा है. काफी लोग इस काम को छोड़कर दूसरे काम में या तो लग गए हैं या फिर तलाश में हैं.

संकट से जूझ रहा नगीना कारोबार

नगीना कारोबारी इलियास खान ने बताया कि नगीना कारोबार पर कोरोना का काफी प्रभाव पड़ा है. लाखों लोगों की गुजर-बसर नगीना-जवाहरात के कारोबार के भरोसे होती है. जयपुर ज्वैल सिटी के नाम से भी जाना जाता है. जयपुर में जवाहरात का काम ज्यादा तादाद में होता है. कोरोना संकट के दौर में काम नहीं होने से काफी लोग इस कारोबार से दूर हो गए हैं.

पढ़ें- कोरोना संकट : इस साल का 'जयपुर ज्वैलरी शो' रद्द, पुरस्कार समारोह ऑनलाइन

कई लोग दूसरे मजदूरी के कामों में लग गए हैं. नगीना कारोबार से जुड़े कई लोग भूखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. इंटरनेशनल फ्लाइटें बंद होने की वजह से कच्चा माल का भी आवागमन नहीं हो पा रहा है. इसके साथ ही नगीने का आयात-निर्यात भी नहीं हो रहा है. नगीने का लोकल बाजार भी डाउन हो गया है.

नगीने की चमक फीकी, corona crisis,  jaipur market,  Jaipur Jewelry,  Jaipur Stone Work
जयपुर कहलाता है जेम्स सिटी

नगीना कारोबार पर कौनसा व्यापार निर्भर

व्यापार निर्भर लोग
1. खरड ( कच्चा माल) की प्रोसेसिंग10 हजार
2. ज्योतिष आधारित व्यापार4 हजार
3. ज्वैलरी कारोबार के बड़े कारोबारी500
4. नगीना व्यापार से जुड़े छोटे कारोबारी12 हजार
5. नगीना व्यवसाय से जुड़े मजदूर20 हजार

जयपुर टूरिस्ट हब है, यहां पर काफी संख्या में टूरिस्ट आते थे. लेकिन कोरोना के बाद पर्यटकों की संख्या कम हो गई, जिनमें विदेशी पर्यटक बिल्कुल बंद है. टूरिस्ट के नहीं आने और शोरूम पर माल नहीं जाने से नगीना कारोबार अस्त-व्यस्त हो गया है. नगीना कारोबार से जुड़े व्यापारियों की हालत बहुत खराब चल रही है. राशि रत्न का काम धार्मिक आयोजनों पर ज्यादा होता था, लेकिन कोरोना की वजह से धार्मिक आयोजन भी बंद हैं.

नगीने की चमक फीकी, corona crisis,  jaipur market,  Jaipur Jewelry,  Jaipur Stone Work
कोरोना काल ने तोड़ दी जेम्स कारोबार की कमर

नगीना कारोबारी रशीद खान ने बताया कि अजमेर के मेले से लेकर, हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, दिल्ली और विदेश तक नगीनों की बिक्री के लिए जाया करते थे. लेकिन कोरोना के बाद अब इन सभी जगहों पर रोजगार नहीं बचा. कोरोना की वजह से आना जाना मुश्किल हो गया और व्यापारी भी माल खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे. विदेश जाना बंद पड़ा है. मजदूर तबके के लोग ज्यादा परेशान हो रहे हैं. नगीना कारोबार से जुड़े छोटे व्यापारियों की आर्थिक स्थितियां बहुत खराब हो गई है.

जयपुर के जौहरी बाजार, गोपाल जी का रास्ता, नवाब का चौराहा समेत जयपुर में कई जगह पर नगीना-जवाहरात की का व्यापार होता है. बड़े व्यापारियों के पास ग्राहक नहीं है, तो छोटे व्यापारियों के पास रोजगार नहीं रहा. बड़े बड़े शोरूम पर भी ग्राहक नहीं पहुंच रहे जिसकी वजह से नगीनों की बिक्री काफी प्रभावित हुई है. अभी हालात यह हो गए हैं कि कर्ज लेकर घर का गुजारा चलाना पड़ रहा है.

पढ़ें- राजस्थान में हॉकी का हुनर तराश रहे "द्रोणाचार्य" हरजिंदर सिंह, जगाई युवाओं में अलख

नगीना कारोबारी बुद्धि प्रकाश सैनी ने बताया कि कोरोना से पहले नगीनों का कारोबार ठीक चल रहा था, लेकिन कोरोना के आने के बाद मार्केट बिल्कुल ठप हो गया. इंटरनेशनल फ्लाइट बंद होने की वजह से विदेशों में नगीनों का कारोबार नहीं हो पा रहा है. कारोबार में कमी आने की वजह से कई मजदूर भी नगीनों का काम छोड़कर दूसरे काम धंधों में जा रहे हैं. नगीना कारोबारी बेरोजगार हो गए। ऐसे में परिवार का खर्च चलाना भी काफी मुश्किल हो रहा है.

नगीने की चमक फीकी,corona crisis,  jaipur market,  Jaipur Jewelry,  Jaipur Stone Work
नगीने के कारीगरों पर रोजी-रोटी का संकट

नगीना बाजार में ग्राहकों की स्थिति भी बहुत खराब है. नगीना की बिक्री नहीं होने की वजह से खरीदार नहीं मिल रहे. क्योंकि नगीनों का ज्यादा कारोबार पर्यटकों की वजह से चलता था. अंगूठी और ज्वेलरी में नगीनों का उपयोग होता है. लेकिन अभी केवल स्थानीय खरीदार ही मिल पा रहे हैं. जिसकी वजह से कारोबार धीमा चल रहा है. इसके साथ ही बड़ी संख्या में बंगाल से नगीनों की घडाई का काम करने के लिए आए मजदूर भी फिलहाल रोजमर्रा की जरूरत का सामान जुटाने के लिए खासा परेशान होने लगे हैं. इन लोगों को जेवरात और नगीनों की डिमांड कटने के बाद गुजर-बसर करने लायक भी काम नहीं मिल पा रहा है. परंपरागत थेवा और पोलकी जैसे कारोबार भी मंद हो गये हैं.

जयपुर में सैलानियों के आकर्षण का केंद्र आमेर रामगढ़ रोड और एमआई रोड पर ज्वेलरी कारोबार में नगीनों पर आधारित बड़े-बड़े शोरूम हैं जिनमें से कई का किराया लाखों रुपए महीना आता है. कोरोना के बाद पहले बंद दुकानें और अब तक हुए कारोबार से उन लोगों के लिए भी अपना व्यापार स्थिर रख पाना मुश्किल हो चुका है.

Last Updated : Aug 17, 2021, 11:06 PM IST
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