जयपुर. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) में मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर अलवर जिले के दो कांग्रेसी विधायकों ने नाराजगी जताते हुए शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र में चले गए. विधायक जौहरी लाल मीणा (Johari Lal Meena) और विधायक साफिया जुबेर ने खुले तौर पर मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल नामों का विरोध किया है.
वहीं, बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी कुछ खास संतुष्ट नजर नहीं आए. ईटीवी भारत (ETV Bharat) से बातचीत में दीपचंद खेरिया और जोगिंदर सिंह अवाना ने मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) के फैसले पर संतुष्टि की चादर तो ओढ़ी, लेकिन उनकी बातों में असंतुष्टि की झलक भी देखने को मिली.
दीपचंद खेरिया (MLA Deepchand Khairiya) ने कहा कि एमएलए सभी एक बराबर हैं. सभी अपने क्षेत्र से जीत कर आए हैं. उन्हीं में से कुछ को चुनना था. आलाकमान ने जिन्हें बेहतर समझा उन्हें चुन लिया. इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. जहां तक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की बात है तो उनमें से एक को तो शामिल कर ही लिया है. औरों का संभव है कि दूसरी जिम्मेदारियों पर नाम चल रहा हो. उन्होंने कहा कि उनका ऐसा विचार है कि सभी को संतुष्ट किया जाएगा और ऐसा नहीं है कि अभी बिल्कुल ही असंतुष्ट हैं.
वहीं, जोगिंदर सिंह अवाना ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में किन का नाम चल रहा था, ये तो हाईकमान जानता है. लेकिन जो भी फैसला किया है, वो सोच समझकर किया होगा. जो लायक थे उन्हें बना दिया गया, जिन्हें समझा होगा कि इस काबिल नहीं हैं वो नहीं बने. लेकिन फिर भी वे हाईकमान के साथ हैं. उन्होंने कहा कि न तो मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार था, न राजनीतिक नियुक्तियों का है. बसपा से कांग्रेस में महज राज्य सरकार को स्थिर करने के लिए आए.
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कांग्रेस के दो विधायकों की ओर से शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार पर बोलते हुए विधायक दीपचंद खेरिया ने कहा कि नाराजगी इतनी नहीं है कि कार्यक्रम छोड़कर ही चले जाएं. वहीं, जोगिंदर सिंह अवाना ने केवल शपथ ग्रहण समारोह के लिए ही हिमाचल प्रदेश से यहां तक आने की बात कही.