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Exclusive : मंत्रिमंडल विस्तार पर किसी ने खुले में व्यक्त की नाराजगी, तो किसी ने ओढ़ी संतुष्टि की चादर

दो साल पहले बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों में से महज एक राजेंद्र गुढ़ा को राज्यमंत्री (Minister of State) बनाया गया है. हालांकि, जोगिंदर सिंह अवाना (Joginder Singh Awana) और दीपचंद खेरिया का नाम लंबे समय से मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर चल रहा था, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Reorganization) में उन्हें मौका नहीं मिला. ऐसे में बेमन से ही सही दोनों ही विधायकों ने कैबिनेट विस्तार में शामिल नामों पर अपनी संतुष्टि जाहिर की.

leaders coming from bsp in congress
बसपा से कांग्रेस में आए विधायक
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Published : Nov 21, 2021, 6:07 PM IST

जयपुर. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) में मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर अलवर जिले के दो कांग्रेसी विधायकों ने नाराजगी जताते हुए शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र में चले गए. विधायक जौहरी लाल मीणा (Johari Lal Meena) और विधायक साफिया जुबेर ने खुले तौर पर मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल नामों का विरोध किया है.

वहीं, बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी कुछ खास संतुष्ट नजर नहीं आए. ईटीवी भारत (ETV Bharat) से बातचीत में दीपचंद खेरिया और जोगिंदर सिंह अवाना ने मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) के फैसले पर संतुष्टि की चादर तो ओढ़ी, लेकिन उनकी बातों में असंतुष्टि की झलक भी देखने को मिली.

बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने क्या कहा...

दीपचंद खेरिया (MLA Deepchand Khairiya) ने कहा कि एमएलए सभी एक बराबर हैं. सभी अपने क्षेत्र से जीत कर आए हैं. उन्हीं में से कुछ को चुनना था. आलाकमान ने जिन्हें बेहतर समझा उन्हें चुन लिया. इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. जहां तक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की बात है तो उनमें से एक को तो शामिल कर ही लिया है. औरों का संभव है कि दूसरी जिम्मेदारियों पर नाम चल रहा हो. उन्होंने कहा कि उनका ऐसा विचार है कि सभी को संतुष्ट किया जाएगा और ऐसा नहीं है कि अभी बिल्कुल ही असंतुष्ट हैं.

वहीं, जोगिंदर सिंह अवाना ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में किन का नाम चल रहा था, ये तो हाईकमान जानता है. लेकिन जो भी फैसला किया है, वो सोच समझकर किया होगा. जो लायक थे उन्हें बना दिया गया, जिन्हें समझा होगा कि इस काबिल नहीं हैं वो नहीं बने. लेकिन फिर भी वे हाईकमान के साथ हैं. उन्होंने कहा कि न तो मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार था, न राजनीतिक नियुक्तियों का है. बसपा से कांग्रेस में महज राज्य सरकार को स्थिर करने के लिए आए.

पढ़ें : गहलोत की दो टूक, कहा- सबको नहीं दिया जा सकता मंत्री पद...अभी और विधायकों को किया जाएगा एडजस्ट

कांग्रेस के दो विधायकों की ओर से शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार पर बोलते हुए विधायक दीपचंद खेरिया ने कहा कि नाराजगी इतनी नहीं है कि कार्यक्रम छोड़कर ही चले जाएं. वहीं, जोगिंदर सिंह अवाना ने केवल शपथ ग्रहण समारोह के लिए ही हिमाचल प्रदेश से यहां तक आने की बात कही.

जयपुर. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) में मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर अलवर जिले के दो कांग्रेसी विधायकों ने नाराजगी जताते हुए शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र में चले गए. विधायक जौहरी लाल मीणा (Johari Lal Meena) और विधायक साफिया जुबेर ने खुले तौर पर मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल नामों का विरोध किया है.

वहीं, बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी कुछ खास संतुष्ट नजर नहीं आए. ईटीवी भारत (ETV Bharat) से बातचीत में दीपचंद खेरिया और जोगिंदर सिंह अवाना ने मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) के फैसले पर संतुष्टि की चादर तो ओढ़ी, लेकिन उनकी बातों में असंतुष्टि की झलक भी देखने को मिली.

बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने क्या कहा...

दीपचंद खेरिया (MLA Deepchand Khairiya) ने कहा कि एमएलए सभी एक बराबर हैं. सभी अपने क्षेत्र से जीत कर आए हैं. उन्हीं में से कुछ को चुनना था. आलाकमान ने जिन्हें बेहतर समझा उन्हें चुन लिया. इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. जहां तक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की बात है तो उनमें से एक को तो शामिल कर ही लिया है. औरों का संभव है कि दूसरी जिम्मेदारियों पर नाम चल रहा हो. उन्होंने कहा कि उनका ऐसा विचार है कि सभी को संतुष्ट किया जाएगा और ऐसा नहीं है कि अभी बिल्कुल ही असंतुष्ट हैं.

वहीं, जोगिंदर सिंह अवाना ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में किन का नाम चल रहा था, ये तो हाईकमान जानता है. लेकिन जो भी फैसला किया है, वो सोच समझकर किया होगा. जो लायक थे उन्हें बना दिया गया, जिन्हें समझा होगा कि इस काबिल नहीं हैं वो नहीं बने. लेकिन फिर भी वे हाईकमान के साथ हैं. उन्होंने कहा कि न तो मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार था, न राजनीतिक नियुक्तियों का है. बसपा से कांग्रेस में महज राज्य सरकार को स्थिर करने के लिए आए.

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कांग्रेस के दो विधायकों की ओर से शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार पर बोलते हुए विधायक दीपचंद खेरिया ने कहा कि नाराजगी इतनी नहीं है कि कार्यक्रम छोड़कर ही चले जाएं. वहीं, जोगिंदर सिंह अवाना ने केवल शपथ ग्रहण समारोह के लिए ही हिमाचल प्रदेश से यहां तक आने की बात कही.

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