ETV Bharat / city

राजेंद्र राठौड़ का पलटवार, कहा- डोटासरा कर रहे किसानों को गुमराह, हित में है बिल - statement on agricultural reform law bill

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है. कृषि सुधार कानून से जुड़े बिल को लेकर लगाए गए पीसीसी चीफ की ओर से लगाए गए आरोपों का राठौड़ ने सिरे से खारिज किया है. कहा है कि बिल पढ़ लिया होता तो किसानों को गुमराह करने का प्रयास नहीं करते.

Rathore said on Dotasara's statement
डोटासरा के बयान पर बोले राठौड़
author img

By

Published : Sep 18, 2020, 8:04 PM IST

जयपुर. लोकसभा में पारित हुए कृषि सुधार कानून से जुड़े बिल को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है. राठौड़ ने कहा कि डोटासरा अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं जबकि लोकसभा में जो विधेयक पारित हुए हैं वह किसानों के हित में है.

राठौड़ ने एक बयान जारी कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. राठौड़ ने लोकसभा में पारित 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 बिल को ऐतिहासिक करार दिया और यह भी कहा कि यदि डोटासरा एक बार बिल को पढ़ लेते तो किसान हितेषी इन विधेयकों को लेकर किसानों को गुमराह करने का प्रयास नहीं करते.

यह भी पढ़ें: MP के उपचुनाव में सिंधिया की काट के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं पायलट...

राठौड़ के अनुसार केंद्र सरकार ने इन विधेयक के जरिए किसानों को उन्नत व मुनाफे की खेती के साथ कृषि उत्पाद के व्यापार में लाइसेंस राज और इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने, किसानों को अपनी फसल कभी भी और कहीं भी बेचने की छूट दी है और यह सभी किसानों की पुरानी मांगें थीं. राठौर ने कहा कि लघु सीमांत किसानों को अपनी फसल पूर्व करार के माध्यम से किसी भी व्यापारी या कंपनी को बेचने का व्यापक अधिकार दिया जा रहा है जो कि प्रदेश के 80% लघु सीमांत किसानों के लिए सौगात है.

यह भी पढ़ें: चुनाव: पहले चरण में 1003 ग्राम पंचायतों के लिए शनिवार को भरे जाएंगे नामांकन पत्र

राठौड़ ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्वयं अपने घोषणा पत्र में कृषि उपज मंडी अधिनियम को संशोधित करने और देश के कृषकों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक समान बाजार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. उसके अनुरूप ही केंद्र सरकार देश के किसानों को अपनी उपज किसी भी व्यक्ति, किसी भी व्यापारी को किसी भी स्थान पर बेचने का अधिकार दे रही है. किसान को कृषि उपज मंडी की जंजीरों से मुक्त करने का ऐतिहासिक निर्णय किया गया है, ऐसे में कांग्रेस का यह विरोध हास्यास्पद है.

राठौड़ ने अपने बयान में यह भी आरोप लगाया कि देश में 2.6% कृषि मंडी टैक्स और कृषक कल्याण फीस के नाम पर किसानों के उत्पादन सर्वाधिक कर राजस्थान में है. राज्य सरकार अगर किसानों और व्यापारियों की हितेषी है तो इस टैक्स को समाप्त करे ताकि किसान कृषि उपज मंडी सहित जहां चाहे अपनी फसल का विक्रय कर सकें और व्यापारी भी अपना व्यापार कृषि उपज मंडी में कहीं पर भी कर सकें.

जयपुर. लोकसभा में पारित हुए कृषि सुधार कानून से जुड़े बिल को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है. राठौड़ ने कहा कि डोटासरा अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं जबकि लोकसभा में जो विधेयक पारित हुए हैं वह किसानों के हित में है.

राठौड़ ने एक बयान जारी कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. राठौड़ ने लोकसभा में पारित 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 बिल को ऐतिहासिक करार दिया और यह भी कहा कि यदि डोटासरा एक बार बिल को पढ़ लेते तो किसान हितेषी इन विधेयकों को लेकर किसानों को गुमराह करने का प्रयास नहीं करते.

यह भी पढ़ें: MP के उपचुनाव में सिंधिया की काट के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं पायलट...

राठौड़ के अनुसार केंद्र सरकार ने इन विधेयक के जरिए किसानों को उन्नत व मुनाफे की खेती के साथ कृषि उत्पाद के व्यापार में लाइसेंस राज और इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने, किसानों को अपनी फसल कभी भी और कहीं भी बेचने की छूट दी है और यह सभी किसानों की पुरानी मांगें थीं. राठौर ने कहा कि लघु सीमांत किसानों को अपनी फसल पूर्व करार के माध्यम से किसी भी व्यापारी या कंपनी को बेचने का व्यापक अधिकार दिया जा रहा है जो कि प्रदेश के 80% लघु सीमांत किसानों के लिए सौगात है.

यह भी पढ़ें: चुनाव: पहले चरण में 1003 ग्राम पंचायतों के लिए शनिवार को भरे जाएंगे नामांकन पत्र

राठौड़ ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने स्वयं अपने घोषणा पत्र में कृषि उपज मंडी अधिनियम को संशोधित करने और देश के कृषकों को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक समान बाजार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी. उसके अनुरूप ही केंद्र सरकार देश के किसानों को अपनी उपज किसी भी व्यक्ति, किसी भी व्यापारी को किसी भी स्थान पर बेचने का अधिकार दे रही है. किसान को कृषि उपज मंडी की जंजीरों से मुक्त करने का ऐतिहासिक निर्णय किया गया है, ऐसे में कांग्रेस का यह विरोध हास्यास्पद है.

राठौड़ ने अपने बयान में यह भी आरोप लगाया कि देश में 2.6% कृषि मंडी टैक्स और कृषक कल्याण फीस के नाम पर किसानों के उत्पादन सर्वाधिक कर राजस्थान में है. राज्य सरकार अगर किसानों और व्यापारियों की हितेषी है तो इस टैक्स को समाप्त करे ताकि किसान कृषि उपज मंडी सहित जहां चाहे अपनी फसल का विक्रय कर सकें और व्यापारी भी अपना व्यापार कृषि उपज मंडी में कहीं पर भी कर सकें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.