जयपुर. जिला कलेक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने राजस्व अधिकारियों को जिले में विभिन्न विद्यालयों, उनके खेल मैदानों, सार्वजनिक रास्तों पर होने वाले अतिक्रमणों के प्रकरणों और उनकी शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उन्हें एक माह के भीतर अतिक्रमण मुक्त किए जाने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने विभिन्न स्तर पर आने वाले राजस्व प्रकरणों को निर्धारित अवधि में ही निस्तारित करने के निर्देश दिए और कहा कि निर्धारित समय से ज्यादा मामले का निस्तारण नहीं किए जाने पर इसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी.
जिला कलेक्टर नेहरा ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में उपखण्ड अधिकारियों एवं अन्य राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में विभिन्न स्तर पर बकाया राजस्व मामलों पर चर्चा कर सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने सभी उपखण्ड अधिकारियों को कहा कि चारागाहों, विद्यालयों, रास्तों पर हो रहे अतिक्रमणों को प्राथमिकता से लेकर हटाने के कार्य में ग्राम पंचायत का भी सहयोग लिया जा सकता है.
नेहरा ने करीब 3 घंटे से भी ज्यादा चली बैठक में भू अभिलेख शाखा, वसूली शाखा, राजस्व शाखा, सतर्कता शाखा, संस्थापन शाखा, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल, सीमा ज्ञान प्रकरण, प्राथमिक जांच प्रकरण, निर्वाचन शाखा समेत कुल 13 शाखाओं से सम्बन्धित प्रकरणों में सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की. नेहरा ने कई राजस्व प्रकरणों के काफी समय से लम्बित होने पर असंतोष व्यक्त किया एवं उनके शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए.
जिला कलेक्टर ने सभी एसडीओ को प्राथमिक जांच के लम्बित प्रकरण भी अपने स्तर पर एक माह के भीतर निस्तारित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि 10 साल तक लम्बित रहने पर ऐसे प्रकरणों के निस्तारण का औचित्य ही समाप्त हो जाता है. इसलिए इन्हें जल्द से जल्द निस्तारित करने का प्रयास किया जाना चाहिए. उन्होंने कर्मचारियों के 17 सीसीए एवं 16 सीसीए के विभागीय जांच के विचाराधीन मामलों को भी जल्द निपटाने के निर्देश दिए.
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बैठक में राजकीय भवनों के लम्बित भूमि आवंटन प्रकरण एवं आवासीय भूमि सम्परिवर्तन प्रकरणों पर भी चर्चा की गई. नेहरा ने कहा कि सरकारी कार्यालयों के लिए भूमि आवंटन सम्बन्धी मामलों को प्राथमिकता से लिया जाना चाहिए. इसके साथ ही सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमणों को नियमित रूप से समय पर हटाया जाना चाहिए. उन्होंने सभी उपखण्ड अधिकरियों को अपने कोर्ट में आवश्यक रूप से बैठने एवं राजस्व मुकदमों के लम्बित प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए.
उन्होंने बैठक में निर्वाचन शाखा में पंचायती राज जनप्रतिनिधियों के विरूद्ध लम्बित प्रकरणों की भी समीक्षा की. एलआर एक्ट के अन्तर्गत विचाराधीन मामलों के निस्तारण के सम्बन्ध में कहा कि मामले लम्बित न रखे जाएं और शीघ्र ही उसका निस्तारण किया जाए. रिकवरी या वसूली प्रकरणों में विधिक समस्या है, तो उसका भी समाधान किया जाना चाहिए और प्रकरण के निस्तारण की मंशा से काम किया जाना चाहिए. जिला कलक्टर नेहरा ने तहसीलदारों को नामान्तरकरण के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए इन्हें समयावधि में निस्तारित करें.
बैठक में रोडा एक्ट के तहत लम्बित प्रकरणों, राजस्थान सम्पर्क पर लम्बित शिकायतों पर भी चर्चा की गई. इसी के साथ जयपुर जिले में बकाया 135(2) प्रकरणों की स्थिति पर चर्चा करते हुए नेहरा ने कहा कि बकाया प्रकरणों को हर हाल में अगले 10-15 दिन में निस्तारित किया जाना चाहिए अन्यथा सम्बन्धित के खिलाफ नोटिस जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि नियमानुसार निर्धारित समयावधि दिवस में इन प्रकरणों का हर स्थिति में निस्तारण किया जाना आवश्यक है.
इसी प्रकार तहसीलों के बकाया नामान्तरण प्रकरणों को 47 दिन से ज्यादा लम्बित नहीं रखा जाए अन्यथा सम्बन्धित अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. सीमा ज्ञान के प्रकरण को भी समय पर निस्तारित किया जाए. इसी प्रकार संवदेनशीलता रखते हुए लम्बित पेंशन प्रकरणों को एवं पेंशन सत्यापन के प्रकरणों को भी अगले 10-15 दिन में शत प्रतिशत निस्तारित किया जाए. बैठक में विभिन्न आयोगों से प्राप्त प्रकरणों पर भी चर्चा की गई. खातेदारी गैर खातेदारी प्रकरण भी अगले 10-15 दिवस में निपटाए जाने चाहिए.