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भाई दूज के साथ दीपोत्सव पर्व का श्रद्धा से हुआ समापन - diwali festival

प्रदेश में भाई दूज के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का समापन हुआ. जिसके तहत बहनों ने भाइयों के कलावा बांध उनकी लम्बी उम्र की कामना की. इस दौरान भाइयों ने भी उपहार देकर उनसे आशीर्वाद लिया.

Dipotsav festival with Bhai Dooj concluded with reverence, jaipur news, जयपुर न्यूज
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Published : Oct 29, 2019, 9:28 PM IST

जयपुर. प्रदेश भर में बहनों के भाई के प्रति प्रेम के पर्व भाई दूज की धूम रही. शुभ मुहूर्त में जहां बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर लंबी उम्र की दुआ मांगी. तो वही भाई भी बहनों को उपहार देकर उनकी खुशियों को दुगुना करते हुए दिखे. क्या छोटे क्या बड़े हर भाई बहन ने भाई दूज को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया. छोटी काशी जयपुर में भी दीपावली के साथ ही भाई-बहन के पावन प्रेम के प्रतीक यम द्वितीय का अपना विशेष महत्व है.

भाई दूज के साथ दीपोत्सव पर्व का श्रद्धा से हुआ समापन

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर बहनों ने भाई के कुमकुम का तिलक लगा आरती उतारी. साथ ही उसकी कलाई पर शुभ मुहूर्त में कलावा बांधा मिठाई खिलाकर शुभ आशीर्वाद दिया. भाई दूज को भाई अपने बहन के घर जाकर तिलक लगाता है. माना जाता है कि यदि भाई को घर बुलाकर निमंत्रित किया जाता है तो उसकी आयु लंबी हो जाती हैं. इस दिन बहनों को भाई उपहार देते हैं तो दूसरी ओर बहने भी अपने भाइयों को गिफ्ट और आशीर्वाद देती हैं. भाई दूज को यम दिव्तीया भी कहां जाता है. इस दिन यम देव का पूजन किया जाता है.

पढ़ेंः जयपुर एयपोर्ट पर खराम मौसम के चलते लैंड नहीं हो सकी दो फ्लाइट...दिल्ली डायवर्ट

माना जाता है कि इस दिन लोगों के कर्मो का लेखा-जोखा करने वाले भगवान चित्रगुप्त का पूजन का सभी लोग पुण्य कमाते हैं. भाई दूज पर भद्रा का साया होता है, इस दिन यम देव का पूजन करने वालों को अकाल मृत्यु का भय नहीं होता. दरअसल किसी भी तरह से काल उन्हें असमय अपना ग्रास नहीं बनाता. ऐसे में आज भाई दूज के मौके पर बहनों ने भाइयो को तिलक लगाकर आरती उतारी तो इसी के साथ पांच दिवसीय दीपोत्सव का श्रद्धा से समापन हो गया.

जयपुर. प्रदेश भर में बहनों के भाई के प्रति प्रेम के पर्व भाई दूज की धूम रही. शुभ मुहूर्त में जहां बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर लंबी उम्र की दुआ मांगी. तो वही भाई भी बहनों को उपहार देकर उनकी खुशियों को दुगुना करते हुए दिखे. क्या छोटे क्या बड़े हर भाई बहन ने भाई दूज को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया. छोटी काशी जयपुर में भी दीपावली के साथ ही भाई-बहन के पावन प्रेम के प्रतीक यम द्वितीय का अपना विशेष महत्व है.

भाई दूज के साथ दीपोत्सव पर्व का श्रद्धा से हुआ समापन

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर बहनों ने भाई के कुमकुम का तिलक लगा आरती उतारी. साथ ही उसकी कलाई पर शुभ मुहूर्त में कलावा बांधा मिठाई खिलाकर शुभ आशीर्वाद दिया. भाई दूज को भाई अपने बहन के घर जाकर तिलक लगाता है. माना जाता है कि यदि भाई को घर बुलाकर निमंत्रित किया जाता है तो उसकी आयु लंबी हो जाती हैं. इस दिन बहनों को भाई उपहार देते हैं तो दूसरी ओर बहने भी अपने भाइयों को गिफ्ट और आशीर्वाद देती हैं. भाई दूज को यम दिव्तीया भी कहां जाता है. इस दिन यम देव का पूजन किया जाता है.

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माना जाता है कि इस दिन लोगों के कर्मो का लेखा-जोखा करने वाले भगवान चित्रगुप्त का पूजन का सभी लोग पुण्य कमाते हैं. भाई दूज पर भद्रा का साया होता है, इस दिन यम देव का पूजन करने वालों को अकाल मृत्यु का भय नहीं होता. दरअसल किसी भी तरह से काल उन्हें असमय अपना ग्रास नहीं बनाता. ऐसे में आज भाई दूज के मौके पर बहनों ने भाइयो को तिलक लगाकर आरती उतारी तो इसी के साथ पांच दिवसीय दीपोत्सव का श्रद्धा से समापन हो गया.

Intro:भाई दूज के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व का समापन हुआ. जिसके तहत बहिनों ने भाइयों के कलावा बांध उनकी लम्बी उम्र की कामना की. इस दौरान भाइयों ने भी उपहार देकर उनसे आशीर्वाद लिया. इस दिन यमदेव का भी पूजन किया जाता है जिसके चलते भाई दूज को यम दिव्तीया भी कहां जाता है.


Body:जयपुर : प्रदेश भर में बहनों के भाई के प्रति प्रेम के पर्व भाई दूज की धूम रही. शुभ मुहूर्त में जहां बहनों ने भाइयों को तिलक लगाकर लंबी उम्र की दुआ मांगी. तो वही भाई भी बहनों को उपहार देकर उनकी खुशियों को दुगुना करते हुए दिखे. क्या छोटे क्या बड़े हर भाई बहन ने भाई दूज को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया. छोटी काशी जयपुर में भी दीपावली के साथ ही भाई-बहन के पावन प्रेम के प्रतीक यम द्वितीय का अपना विशेष महत्व है.

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर बहनों ने भाई के कुमकुम का तिलक लगा आरती उतारी. साथ ही उसकी कलाई पर शुभ मुहूर्त में कलावा बांधा मिठाई खिलाकर शुभ आशीर्वाद दिया. भाई दूज को भाई अपने बहन के घर जाकर तिलक लगाता है. माना जाता है कि यदि भाई को घर बुलाकर निमंत्रित किया जाता है तो उसकी आयु लंबी हो जाती हैं. इस दिन बहनों को भाई उपहार देते हैं तो दूसरी ओर बहने भी अपने भाइयों को गिफ्ट और आशीर्वाद देती हैं. भाई दूज को यम दिव्तीया भी कहां जाता है. इस दिन यम देव का पूजन किया जाता है.

माना जाता है कि इस दिन लोगों के कर्मो का लेखा-जोखा करने वाले भगवान चित्रगुप्त का पूजन का सभी लोग पुण्य कमाते हैं. भाई दूज पर भद्रा का साया होता है, इस दिन यम देव का पूजन करने वालों को अकाल मृत्यु का भय नहीं होता. दरअसल किसी भी तरह से काल उन्हें असमय अपना ग्रास नहीं बनाता. ऐसे में आज भाई दूज के मौके पर बहनों ने भाइयो को तिलक लगाकर आरती उतारी तो इसी के साथ पांच दिवसीय दीपोत्सव का श्रद्धा से समापन हो गया.

बाइट 1- सरिता मोहता, शहरवासी
बाइट 2- जगदीश ए पंचारिया, शहरवासी


Conclusion:..
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