जयपुर. राजधानी की स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्र से एक टीम जयपुर पहुंची. इस दौरान कोरोना महामारी में आम नागरिकों की समस्याओं के समाधान के संबंध में कांग्रेस विधायकों ने टीम के प्रमुख सदस्य आईएएस अधिकारी संजय कौशिक को ज्ञापन दिया.
18 फीसदी परिवार ही चयनित
ज्ञापन में बताया गया है कि राष्ट्रीय खाद सुरक्षा योजना के अंतर्गत राजधानी जयपुर में मात्र 53 फीसदी के स्थान पर लगभग 18 फीसदी परिवार ही चयनित है. परिणाम स्वरूप एक बहुत बड़ा वर्ग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित है. उक्त परिवारों को भी जोकि राशन कार्ड धारक है और किसी कारणवश राष्ट्रीय खाद सुरक्षा योजना की पात्रता सूची में दर्ज नहीं हो पाए हैं. उनको भी राष्ट्रीय खाद सुरक्षा योजना की भांति गेहूं का वितरण किया जाए.
विशेष अनुमति पत्र जारी किए जाने की छूट
अचानक लॉकडाउन की घोषणा के बाद और उसके बाद मॉडिफाइड लॉकडाउन में भी प्रवासी मजदूरों को उनके घरेलू राज्य में पहुंचाने के साधन जुटाने से भारी समस्या पैदा हो रही है. इसी तरह प्रवासी राजस्थानी भी अन्य राज्य में संकट में फंसे हैं. जल्द ही इन मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए प्रबंध किया जाए. इसी तरह राज्य के ऐसे छात्र और अन्य नागरिक जो विभिन्न कारणों से अन्य राज्यों में अटके हुए हैं. उन्हें वापस घर लाने के लिए विशेष अनुमति पत्र जारी किए जाने की छूट भी राज्य को मिलनी चाहिए.
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केंद्रीयकृत योजनाओं में राशि का तुरंत आवंटन हो
कांग्रेस विधायकों ने ज्ञापन में बताया कि राज्य के राजस्व में भारी कमी हो रही है, 24 अप्रैल तक 60 से 65% राजस्व का नुकसान हो चुका है. कोरोना का असर लंबे समय तक रहेगा. इसलिए केंद्रीय प्रवर्तित योजनाओं की सौ पर्सेंट फंडिंग होनी चाहिए. स्वास्थ सेवाओं में विस्तार के लिए केंद्रीयकृत योजनाओं में राशि का तुरंत आवंटन हो. प्रदेश में टेस्टिंग लैब, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने का काम तत्काल होना चाहिए. जिसके लिए भी तत्काल केंद्रीय वित्तीय सहायता आवश्यक है.कोविड-19 के तहत नए डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ नर्सिंग स्टाफ की अस्थाई नई भर्ती बिना किसी देरी के की जानी चाहिए, जोकि आगामी 4 वर्षों के लिए हो और उप योजना के तहत भर्तियों से समस्त खर्च केंद्र सरकार द्वारा किया जाना चाहिए.
न्यूनतम बेरोजगारी भत्ता दिया जाए
ज्ञापन में बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के संक्रमण के शुरुआती दौर में हमारे शहर के ठेला चालक, रिक्शा चालक, घुमंतू रोज कमा कर खाने वाले लोगों का बैंक में कोई खाता नहीं होने पर जिला कलेक्टर के माध्यम से नकद राशि ढाई हजार रुपये दी गई. ऐसे लोगों की स्थिति अब और दयनीय हो गई है. शहरी क्षेत्र मे समस्त निर्वासित परिवारों को न्यूनतम बेरोजगारी भत्ता और अविलंब कम से कम आगामी 3 महीनों के लिए खाद्य सामग्री का पैकेज दिया जाना चाहिए.
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कांग्रेस विधायकों ने किए हस्ताक्षर
केंद्रीय टीम को ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का काफी योगदान है और यह व्यवस्था कोविड-19 के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. आगामी समय में भी इसमें सुधार की गुंजाइश नहीं है, इसलिए पर्यटन उद्योगों को आगामी दो से तीन वर्षों तक विशेष राहत पैकेज दिया जाना चाहिए. इस ज्ञापन में जयपुर के विधायकों महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया, गंगा देवी, रफीक खान और अमीन कागजी के हस्ताक्षर है.