जयपुर. राज्य सरकार की ओर से ईडब्ल्यूएस (इकोनॉमी वीकर सेक्शन) प्रमाण पत्र बनाने के लिए जारी किए गए नोटिफिकेशन के बाद भी जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में पुराने नियमों से ही ईडब्ल्यूएस के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. इससे लोगों को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के पहले काफी कठिन नियम बनाए गए थे. इन कठिन नियमों से जनता को छुटकारा दिलाने के लिए राज्य सरकार ने 20 अक्टूबर को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए नया नोटिफिकेशन जारी किया था और एक ही नियम रखा. नए नियम के तहत जिन लोगों की आय 8 लाख रुपए से कम है, उनके ही ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे.
जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में राज्य सरकार के नोटिफिकेशन को पलीता लगाया जा रहा है. ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाने के लिए जनता से आय के प्रमाण के लिए क्या दस्तावेज लिए जाए, यह अधिकारियों को भी नहीं पता है. इसके चलते जनता तो परेशान हो ही रही है, साथ ही अधिकारी भी असमंजस की स्थिति में हैं.
यह भी पढ़ें- स्पेशल रिपोर्टः मरीजों की लापरवाही से भरतपुर में भामाशाह स्वास्थय बीमा योजना के 22 हजार 289 क्लेम रिजेक्ट
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भी जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में अभी भी पुराने ही पैटर्न पर ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. सरकार के नोटिफिकेशन से पहले जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में 10-12 आवेदन ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आते थे और अब नोटिफिकेशन के बाद यह आवेदन चार से पांच ही प्रतिदिन रह गए. नियमों को लेकर जनता को पूरी जानकारी नहीं होना इसका कारण है.
जयपुर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाने के लिए नियमों में संशोधन का नोटिफिकेशन तो जारी कर दिया है. लेकिन यह अखबारों के जरिए ही हमें पता चला है. राज्य सरकार की ओर से ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र का नोटिफिकेशन नहीं मिला है. जब यह नोटिफिकेशन हमें मिल जाएगा तो नए नियम के अनुसार ही प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे.
यह भी पढ़ें- 1 नवंबर को भाजपा तय कर देगी 49 निकायों के प्रत्याशी, निकाय के स्तर पर बनेगा घोषणा पत्र
जयपुर जिले में अब तक 23 हजार 304 आवेदन ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाने के लिए आए थे. इनमें से 16 हजार 332 आवेदन स्वीकार किये गए हैं. वहीं 1 हजार 263 आवेदन निरस्त हो गए और 1 हजार 628 आवेदन पेंडिंग है. 4 हजार 081 आवेदन दस्तावेजों की कमी के चलते वापस लौटा दिए गए.