जयपुर. प्रदेश के 13 आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक का कार्य पूरा हो गया है. परिवहन विभाग ने इस व्यवस्था को लागू कर दिया है. लेकिन, इस आधी अधूरी तैयारियों के बीच योजना पर पलीता लगता हुआ नजर आ रहा है. अब आवेदक ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक के स्थान पर नहीं जाकर, डीटीओ कार्यालय में अपने लाइसेंस बनवा रहे हैं. परिवहन विभाग द्वारा प्रदेश में 13 आरटीओ कार्यालय में ऑटोमेटिक ट्रैक को शुरू किया जा रहा है. जगतपुरा में इसकी शुरुआत की जा चुकी है, लेकिन दिलचस्प बात है कि प्रदेश में 50 डीटीओ कार्यालय में भी लाइसेंस बनाने का कार्य किया जाता है.
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जयपुर के केवल जगतपुरा आरटीओ कार्यालय के अंतर्गत ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेक है. इसके अलावा शाहपुरा सहित दूसरे स्थान पर लोग पहुंचकर अब अपने लाइसेंस बनवा रहे हैं. क्योंकि, वहां पर मैनुअल ट्राई किया जाता है. हालांकि, आने वाले समय में परिवहन विभाग 25 और कार्यालयों में यह व्यवस्था शुरू करेगा. ऐसे में ऑटोमेटिक ट्रैक पर फेल होने से बचने के लिए अब लोग डीटीओ कार्यालय में लाइसेंस बनवा आएंगे. जयपुर में इसकी शुरुआत भी हो गई है. राजधानी से लोग लाइसेंस बनवाने के लिए अब विद्याधर नगर, दूदू, कोटपुतली, शाहपुरा तक जाने लगे हैं. क्योंकि, यहां इस समय ऑटोमेटिक ट्रैक नहीं है. वहां पर अभी भी इंस्पेक्टर के द्वारा मैनुअल ट्रायल किया जाता है.
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स्लॉट फुल, लेकिन नहीं आ रहे लोग
बता दें, जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में जब से ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रैक शुरू हुआ है, तब से लोग अपना लाइसेंस बनवाने के लिए भी नहीं जा रहे हैं. जगतपुरा आरटीओ कार्यालय में रोजाना ऑटोमेटिक ड्राइविंग प्रैक्टिस शुरू होने से पहले 200 लाइसेंस बनाए जाते थे. लेकिन, अब शुरू हो जाने के बाद औसतन 30 से 35 लोग जा रहे हैं. इनमें से आधे से ज्यादा फेल भी हो रहे हैं. दूसरी ओर जयपुर जिले के कार्यालय में चल रहे हैं.