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जयपुरः शहर को आवारा पशु मुक्त कराने के लिए दो माह में नियम बनाने का आश्वासन

राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि शहर को आवारा पशु मुक्त करने और अवैध डेयरियों को हटाने के संबंध में 2 माह में नियम बना दिए जाएंगे. राज्य सरकार की ओर से न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ के समक्ष कहा कि इस संबंध में 25 अक्टूबर को सीएस डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में मीटिंग हुई थी.

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आवारा पशु मुक्त कराने के लिए दो माह में नियम बनाने का आश्वासन
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Published : Nov 27, 2019, 10:32 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि शहर को आवारा पशु मुक्त करने और अवैध डेयरियों को हटाने के संबंध में 2 माह में नियम बना दिए जाएंगे.

बता दें कि एएजी ने कहा कि आवारा पशुओं को चिन्हित कर हटाने और अवैध डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. शहर के 13 जगहों में आवारा पशुओं को हटाने की कार्रवाई की गई है. ऐसे में 19 अगस्त 2019 से लेकर 21 अक्टूबर 2019 तक 4556 पशुओं को हटाया गया और उन्हें हिंगौनिया गौशाला के पुनर्वास केन्द्र में भेजा गया. उन्होंने बताया कि मीटिंग में सीएस ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि वे आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने की कार्रवाई में पुलिसकर्मियों की व्यवस्था जारी रखे.

पढ़ेंः NHM के तहत कार्यरत संविदा कर्मियों को जल्द मिलेगा वेतन, मंत्री ने दिया आश्वासन

बता दें सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के पालन में कमेटी की ओर से दिए गए सुझावों के संबंध में जेडीए सर्किल, रामबाग सर्किल, ओटीएस चौराहा, गोपालपुरा बाईपास मेट्रो, बीटू बाईपास न्यू सांगानेर रोड, रिद्दी-सिद्दी जंक्शन, गर्वमेंट प्रेस, जवाहर सर्किल और कलेक्ट्रेट सर्किल पर ट्रैफिक सुधार के लिए काम शुरू कर दिया है.

पढ़ेंः जयपुर के नामी 'इलेक्ट्रिकल फर्म' पर चला सर्च अभियान, GST चोरी का हुआ खुलासा

वहीं जेडीए की ओर से भी इन कामों सहित रंबल स्ट्रिप, साइनर्स और अन्य कार्य के लिए पहले चरण में 141.45 लाख रुपए मंजूर कर दिए हैं. इसके अलावा अशोक नगर नाले पर पार्किंग का काम भी पूरा होने वाला है. उल्लेखनीय है कि जयपुर को वल्र्ड क्लास हेरिटेज सिटी बनाने सहित शहर में अवैध निर्माण और सफाई व्यवस्था पर लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विमल चौधरी और योगेश टेलर ने अदालत में कहा कि अदालत ने पूर्व में नगर निगम को शहर को आवारा पशु मुक्त करने के लिए कहा था, लेकिन अदालती आदेश का पालन नहीं हो रही है. बता दें कि जयपुर नगर निगम क्षेत्र में नगर पालिका एक्ट 2009 की धारा 337 के तहत अवैध डेयरियों व आवारा पशुओं के संबंध में दो माह में नियम बनाए जाएंगे.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि शहर को आवारा पशु मुक्त करने और अवैध डेयरियों को हटाने के संबंध में 2 माह में नियम बना दिए जाएंगे.

बता दें कि एएजी ने कहा कि आवारा पशुओं को चिन्हित कर हटाने और अवैध डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है. शहर के 13 जगहों में आवारा पशुओं को हटाने की कार्रवाई की गई है. ऐसे में 19 अगस्त 2019 से लेकर 21 अक्टूबर 2019 तक 4556 पशुओं को हटाया गया और उन्हें हिंगौनिया गौशाला के पुनर्वास केन्द्र में भेजा गया. उन्होंने बताया कि मीटिंग में सीएस ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि वे आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने की कार्रवाई में पुलिसकर्मियों की व्यवस्था जारी रखे.

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बता दें सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के पालन में कमेटी की ओर से दिए गए सुझावों के संबंध में जेडीए सर्किल, रामबाग सर्किल, ओटीएस चौराहा, गोपालपुरा बाईपास मेट्रो, बीटू बाईपास न्यू सांगानेर रोड, रिद्दी-सिद्दी जंक्शन, गर्वमेंट प्रेस, जवाहर सर्किल और कलेक्ट्रेट सर्किल पर ट्रैफिक सुधार के लिए काम शुरू कर दिया है.

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वहीं जेडीए की ओर से भी इन कामों सहित रंबल स्ट्रिप, साइनर्स और अन्य कार्य के लिए पहले चरण में 141.45 लाख रुपए मंजूर कर दिए हैं. इसके अलावा अशोक नगर नाले पर पार्किंग का काम भी पूरा होने वाला है. उल्लेखनीय है कि जयपुर को वल्र्ड क्लास हेरिटेज सिटी बनाने सहित शहर में अवैध निर्माण और सफाई व्यवस्था पर लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विमल चौधरी और योगेश टेलर ने अदालत में कहा कि अदालत ने पूर्व में नगर निगम को शहर को आवारा पशु मुक्त करने के लिए कहा था, लेकिन अदालती आदेश का पालन नहीं हो रही है. बता दें कि जयपुर नगर निगम क्षेत्र में नगर पालिका एक्ट 2009 की धारा 337 के तहत अवैध डेयरियों व आवारा पशुओं के संबंध में दो माह में नियम बनाए जाएंगे.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि शहर को आवारा पशु मुक्त करने और अवैध डेयरियों को हटाने के संबंध में 2 माह में नियम बना दिए जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ के समक्ष कहा कि इस संबंध में 25 अक्टूबर को सीएस डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में मीटिंग हुई थी। इसमें तय किया था कि जयपुर नगर निगम क्षेत्र में नगर पालिका एक्ट 2009 की धारा 337 के तहत अवैध डेयरियों व आवारा पशुओं के संबंध में दो माह में नियम बनाए जाएंगे। Body:एएजी ने कहा कि आवारा पशुओं को चिन्हित कर हटाने व अवैध डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। शहर के 13 जगहों में आवारा पशुओं को हटाने की कार्रवाई की गई है। ऐसे में 19 अगस्त 2019 से लेकर 21 अक्टूबर 2019 तक 4556 पशुओं को हटाया गया और उन्हें हिंगौनिया गौशाला के पुनर्वास केन्द्र में भेजा गया। उन्होंने बताया कि मीटिंग में सीएस ने पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि वे आवारा पशुओं को सडकों से हटाने की कार्रवाई में पुलिसकर्मियों की व्यवस्था जारी रखे। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के पालन में कमेटी की ओर से दिए गए सुझावों के संबंध में जेडीए सर्किल, रामबाग सर्किल, ओटीएस चौराहा, गोपालपुरा बाईपास मेट्रो, बीटू बाईपास न्यू सांगानेर रोड, रिद्दी-सिद्दी जंक्शन, गर्वमेंट प्रेस, जवाहर सर्किल व कलेक्ट्रेट सर्किल पर ट्रैफिक सुधार के लिए काम शुरू कर दिया है। जेडीए की ओर से भी इन कामों सहित रंबल स्ट्रिप, साइनर्स व अन्य कार्य के लिए पहले चरण में 141.45 लाख रुपए मंजूर कर दिए हैं। इसके अलावा अशोक नगर नाले पर पार्किंग का काम भी पूरा होने वाला है। उल्लेखनीय है कि जयपुर को वल्र्ड क्लास हेरिटेज सिटी बनाने सहित शहर में अवैध निर्माण व सफाई व्यवस्था पर लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता विमल चौधरी व योगेश टेलर ने अदालत में कहा कि अदालत ने पूर्व में नगर निगम को शहर को आवारा पशु मुक्त करने के लिए कहा था, लेकिन अदालती आदेश का पालन नहीं हो रही है। 


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