जयपुर. राजधानी जयपुर में लगातार बाल श्रम के मामले सामने आ रहे हैं. बच्चों को लालच देकर दूसरे राज्यों से मजदूरी के लिए जयपुर लाया जा रहा है. जिसको लेकर जयपुर की बचपन बचाओ आंदोलन समिति की सूचना पर सांगानेर सदर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कपड़ा रंगाई फैक्ट्री में काम करने वाले 29 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है.
दरअसल, बचपन बचाओ आंदोलन समिति के प्रोजेक्ट ऑफिसर देशराज सिंह ने उक्त मामले के बारे में डीसीपी साउथ मनोज कुमार को जानकारी दी थी. जिसके बाद जयपुर की मानव तस्करी विरोधी यूनिट के एएसआई बाबूलाल, हेड कांस्टेबल लालचंद, महिला कांस्टेबल सरिता और कांस्टेबल विक्रम सिंह ने सांगानेर सदर थाना पुलिस के सहयोग से रंगाई फैक्ट्री से 29 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. ये बाल श्रमिक बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के रहने वाले हैं. कारखाना मालिक काफी समय से इन बच्चों से काम करा रहा है. बचपन बचाओ आंदोलन समिति को इन्हीं बच्चों ने मामले की जानकारी दी थी.
ये भी पढ़ेंः गुर्जर आंदोलन के बाद अब बेरोजगरों ने भी बढ़ाई सरकार की मुश्किलें, पंचायती राज चुनाव में सरकार के खिलाफ खोलेगी मोर्चा
बच्चों ने बताया कि फैक्ट्री मालिक ठेकेदारों के माध्यम से उन्हें काम करवाने के लिए लेकर आया है और रोज करीब 14 घंटे काम कराता है. साथ ही फैक्ट्री से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता. इतना ही नहीं उन्हें भोजन के लिए भी घंटों इंतजार कराया जाता है.
गेट थाना पुलिस ने दो बाल तस्करों को किया गिरफ्तार..
वहीं, राजधानी जयपुर की गलता गेट थाना पुलिस ने मजदूरी के लिए बिहार से बच्चों को लाने वाले फरार दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कुछ दिन पहले पहले आरोपी द्वारा लाए गए छोटे बच्चों को भी दस्तयाब किया था. इस मामले में पुलिस 7 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस के मुताबिक 11 अगस्त 2020 को बिहार से एक बस में बाल श्रमिकों को जयपुर लाया गया था. जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने नाकाबंदी कर बच्चों को मुक्त करवाया था.