जयपुर. पैदल ही मध्यप्रदेश के लिए निकले 27 श्रमिकों को प्रशासन ने मंगलवार को छबड़ा में लगाए कैंपों के लिए बस से छोड़ा. ये श्रमिक मध्यप्रदेश के कटनी और दूसरे स्थानों के थे. जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के चलते वक्त लंबा होने के कारण ये लोग अपने घरों के लिए पैदल ही रवाना हो गए थे. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐसे सभी श्रमिकों से अपील करते हुए कहा है कि, राज्य सरकार उनके लिए वाहनों की व्यवस्था कर रही है, इसलिए पैदल ना निकले.
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इसी प्रकार कानोता चेक पोस्ट पर शनिवार, रविवार और सोमवार को 280 मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए जाते मिले थे. इनमें से 210 लोग यूपी और 70 लोग बिहार के लिए जा रहे थे. इन्हें भी स्थानीय राजकीय सीनियर सैकंडरी विद्यालय कानोता और राजकीय बालिका सीनियर सैकंडरी विद्यालय कानोता में कैंपों में रखा गया है. इनके साथ ही पहले से कैंपों में रह रहे इन्हीं राज्यों के 541 श्रमिकों को भी भरतपुर सीमा पर लगाए गए शिविरों में राजस्थान रोडवेज की बसों से भेजा गया.
जयपुर कलेक्टर डाॅ. जोगाराम ने बताया कि, पैदल अपने घरों को निकले श्रमिकों के लिए वाहनों की व्यवस्था होने तक उनके रास्ते में ही उपयुक्त स्थान पर शिविर बनाए गए हैं. मध्य प्रदेश सीमा तक भेजे गए 27 श्रमिकों को सोमवार रात को टोंक रोड पर पैदल चलते पाया गया था. इन्हें वहीं रोककर जसोदा देवी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान कैंप में ठहराया गया. रात्रि में और सुबह इन्हें भोजन दिया गया और इनकी मेडिकल जांच की गई. राजस्थान रोडवेज की बस में इनको छबड़ा (बारां) में मध्यप्रदेश सीमा पर लगाए गए शिविरों में पहुंचाया गया.
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श्रमिकों ने बताया कि, पिछले 5 महीने से घर नहीं जा पाने और लंबे लाॅकडाउन के कारण उपजी निराशा के कारण ही उन्होंने पैदल ही घर के लिए निकलने का जोखिम उठाया. उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य सरकार की बस की व्यवस्था और देखभाल के लिए आभार जताते हुए खुशी का इजहार किया. वापसी में इस बस के सभी यात्रियों के लिए राधास्वामी सत्संग न्यास में भोजन की व्यवस्था की गई.