ETV Bharat / city

श्रावण शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी आज, जानें मुहूर्त और महत्व

गुरुवार को श्रावण शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति और संतान से जुड़ी अन्य समस्याओं के निवारण के लिए रखा जाता है.

jaipur news, Putra Ekadashi, Shravan Shukl Paksha
श्रावण शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी
author img

By

Published : Jul 30, 2020, 8:22 AM IST

जयपुर. गुरुवार को श्रावण शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति और संतान से जुड़ी अन्य समस्याओं के निवारण के लिए रखा जाता है. इसके अलावा आज के दिन व्रत करने से धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है. इसके लिए यह एकादशी बहुत ही फलदायी रहती है.

श्रावण शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 30 जुलाई को 1.15 बजे से होगा, जो की देर रात 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. वहीं इसके अगले दिन यानी 31 जुलाई शुक्रवार को अलसुबह 5.45 बजे से 8.25 बजे के मध्य व्रत रखने वाले भक्त को व्रत का पारण कर लेना है. इससे धार्मिक मान्‍यता है कि इस व्रत को करने से कई गायों को दान करने के बराबर पुण्‍य की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने वाले भगवान विष्‍णु के साथ ही पीपल के पेड़ की भी पूजा जरूर करें.

पुत्रदा एकादशी के व्रत की पूजा यदि पति और पत्‍नी दोनों जोड़े से करें, तो विशेष फल की प्राप्ति होती है. सुबह स्नानादि के बाद घर या मंदिर में भगवान का एक साथ पूजन करें. पूजन के दौरान सबसे पहले भगवान के विग्रह को गंगाजल से स्नान कराएं या उस पर गंगाजल के छींटे दें. साथ ही पवित्रीकरण का मंत्र बोलते हुए खुद पर भी गंगाजल छिड़कें. इसके बाद दीपक जलाकर भगवान को टीका लगाते हुए अक्षत अर्पित करें. फिर व्रत कथा का पाठ करें और विष्णु-लक्ष्मीजी की आरती उतारे.

यह भी पढ़ें- 14 अगस्त से शुरू होगा विधानसभा सत्र, मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को राज्यपाल ने दी स्वीकृति

इस दौरान संतान प्राप्ति और संतान की दीर्घायु की कामना के साथ व्रत रखें. इसके बाद अगले दिन पारण के बाद जरूरतमंदों को दान जरूर करें. कहा जाता है कि यूं तो चातुर्मास में भगवान विष्‍णु शयन के लिए चले जाते हैं, लेकिन इन दिनों में उनकी पूजा का विशेष महत्‍व होता है.

जयपुर. गुरुवार को श्रावण शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति और संतान से जुड़ी अन्य समस्याओं के निवारण के लिए रखा जाता है. इसके अलावा आज के दिन व्रत करने से धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है. इसके लिए यह एकादशी बहुत ही फलदायी रहती है.

श्रावण शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी

ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 30 जुलाई को 1.15 बजे से होगा, जो की देर रात 11 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. वहीं इसके अगले दिन यानी 31 जुलाई शुक्रवार को अलसुबह 5.45 बजे से 8.25 बजे के मध्य व्रत रखने वाले भक्त को व्रत का पारण कर लेना है. इससे धार्मिक मान्‍यता है कि इस व्रत को करने से कई गायों को दान करने के बराबर पुण्‍य की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने वाले भगवान विष्‍णु के साथ ही पीपल के पेड़ की भी पूजा जरूर करें.

पुत्रदा एकादशी के व्रत की पूजा यदि पति और पत्‍नी दोनों जोड़े से करें, तो विशेष फल की प्राप्ति होती है. सुबह स्नानादि के बाद घर या मंदिर में भगवान का एक साथ पूजन करें. पूजन के दौरान सबसे पहले भगवान के विग्रह को गंगाजल से स्नान कराएं या उस पर गंगाजल के छींटे दें. साथ ही पवित्रीकरण का मंत्र बोलते हुए खुद पर भी गंगाजल छिड़कें. इसके बाद दीपक जलाकर भगवान को टीका लगाते हुए अक्षत अर्पित करें. फिर व्रत कथा का पाठ करें और विष्णु-लक्ष्मीजी की आरती उतारे.

यह भी पढ़ें- 14 अगस्त से शुरू होगा विधानसभा सत्र, मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को राज्यपाल ने दी स्वीकृति

इस दौरान संतान प्राप्ति और संतान की दीर्घायु की कामना के साथ व्रत रखें. इसके बाद अगले दिन पारण के बाद जरूरतमंदों को दान जरूर करें. कहा जाता है कि यूं तो चातुर्मास में भगवान विष्‍णु शयन के लिए चले जाते हैं, लेकिन इन दिनों में उनकी पूजा का विशेष महत्‍व होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.