जयपुर. विधानसभा में शुक्रवार को राज्य पुस्तक मंडल की ओर से विद्यार्थियों की पुस्तक के लिए कागज खरीदने के लिए निकाले गए टेंडर में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा भी गूंजा. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए शिक्षा विभाग और मंत्री पर 60 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. राठौड़ ने कहा, कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री में आप लोग पारदर्शिता का गोता ना लगाएं.
शून्यकाल में राजेंद्र राठौड़ ने स्थगन के जरिए यह मामला उठाते हुए कहा, कि हर साल 24 करोड़ पुस्तकें विद्यालय में आने वाले विद्यार्थियों को 225 करोड़ के बजट से छपाई जाती है. उनके अनुसार इसे राजस्थान राज्य पुस्तक मंडल छपाता है. इस बार 16 दिसंबर 2019 को इसके लिए एक टेंडर निकाला गया, जिसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है.
राठौड़ ने कहा, कि टेंडर में जो शर्तें डाली गई है उसे केवल पंजाब की टीम ही फुल फील कर रही थी. उन्होंने कहा, कि इस प्रकार की शर्तें डालकर शिक्षा विभाग अपनी चहेती फर्मों को लाभ पहुंचाना चाहता है. इस दौरान उन्होंने सीधे तौर पर इसके लिए शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री पर आरोप लगाया.