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प्रदेश में रियायती दरों पर आवंटित भूमि प्रकरण में अब होगी जांच - Allotted Land Case

नगरीय विकास विभाग अब ये जांच करेगा कि कौड़ियों के भाव जमीन लेने के बाद भी रसूख के कारण किन-किन सामाजिक संस्थाओं, धार्मिक संस्थाओं, चैरिटेबल संस्थाओं एवं ट्रस्टों, विद्यालयों, अस्पतालों की ओर से निर्धारित शर्तो का उल्लंघन किया गया है. साथ ही आवंटन में किस प्रकार की अनियमितताएं हुई है, इसकी भी जांच की जाएगी.

jaipur news, जयपुर समाचार
आवंटित भूमि प्रकरण में अब होगी जांच
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Published : Jun 1, 2020, 9:33 PM IST

जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों, नगर सुधार न्यासों, विकास प्राधिकरणों और आवासन मण्डल से प्रदेश में कितनी-कितनी भूमि किस प्रयोजन के लिए आवंटित की गई है. इसकी सूची 15 दिन के अंदर नगरीय निकास विभाग को भिजवाने के निर्देश दिए हैं.

मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि रियायती दरों पर भूमि का आवंटन विभिन्न शर्तों के साथ भूमि आवंटन नीति 2015 के अन्तर्गत और इससे पूर्व की तत्समय प्रभावी भूमि आवंटन नीतियों के अन्तर्गत किया जाता रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में ये शिकायतें प्राप्त होती है कि रियायती दरों पर संस्थाएं भूमि आवंटन कराने के बाद शर्तों के अनुसार अपने निर्धारित प्रयोजन के अनुरूप भूमि का उपयोग नहीं करती है. साथ ही निर्धारित शर्तों के अनुसार समाज के विभिन्न वर्गों को सुविधाएं और रियायतें भी प्रदान नहीं करते है.

पढ़ें- राजधानी का सवाई मानसिंह अस्पताल हुआ कोरोना मुक्त

साथ ही ये भी देखा गया है कि निजी अस्पताल शर्तों के अनुसार निशुल्क इलाज के लिए तैयार नहीं होते हैं. इसी प्रकार विभिन्न विद्यालय गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं देते और आवंटित की गई भूमि का व्यावसायिक उपयोग भी कर रहे हैं. ऐसे में अब भूमि आवंटन नीति के मापदण्डों के अनुसार ऐसे समस्त आवंटनों की जांच कराई जाएगी.

बता दें कि जेडीए ने ऐसी कई ट्रस्ट और सोसाइटी को करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव दी थी, जिन पर अब तक भवन निर्माण का कार्य नहीं हुआ हैं. इन तमाम ट्रस्ट और सोसाइटी को दी गई जमीन पर जब निर्माण नहीं हुआ, तो सरकार ने जमीन लेने के लिए नोटिस भेजे, जिस पर ये कोर्ट चले गए. फिलहाल, ऐसे तीन जमीनों पर तो केस भी चल रहे हैं.

इन जमीनों की होगी जांच...

  • श्रीमती गोविंदी देवी इंदरलाल डेरेवाला मेमोरियल ट्रस्ट विद्याश्रम संस्थानिक क्षेत्र को 21 फरवरी 2002 में 2025 वर्ग मीटर जमीन
  • ऑल इंडिया मेडिकल एजुकेशन ट्रस्ट को विद्याश्रम विस्तार संस्थानिक क्षेत्र में 3000 वर्ग मीटर जमीन अस्पताल के लिए 23 जनवरी 2001 में दी गई
  • नारायणा हृदयालय बकराना को 10 एकड़ जमीन 7 मई 2010 में दी गई, लेकिन यहां कोई निर्माण नहीं हुआ
  • पूरणमल फूलादेवी मेमोरियल ट्रस्ट विद्याश्रम संस्थानिक क्षेत्र को 1016 वर्ग मीटर जमीन 22 फरवरी 2001 में ब्लड बैंक के लिए दी गई, ये ब्लड बैंक अब अन्य जगह चल रहा है
  • बीरबल मेडिकल एंड एजुकेशन सोसाइटी बीलवा सांगानेर को 5 फरवरी 2007 में 12124 वर्ग मीटर जमीन दी गई थी
  • महेंद्र लाइफ सपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जरिए निदेशक श्रीमती संगीता बेदी को ग्राम बीलवा में 2 एकड़ जमीन दी गई थी

जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों, नगर सुधार न्यासों, विकास प्राधिकरणों और आवासन मण्डल से प्रदेश में कितनी-कितनी भूमि किस प्रयोजन के लिए आवंटित की गई है. इसकी सूची 15 दिन के अंदर नगरीय निकास विभाग को भिजवाने के निर्देश दिए हैं.

मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि रियायती दरों पर भूमि का आवंटन विभिन्न शर्तों के साथ भूमि आवंटन नीति 2015 के अन्तर्गत और इससे पूर्व की तत्समय प्रभावी भूमि आवंटन नीतियों के अन्तर्गत किया जाता रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में ये शिकायतें प्राप्त होती है कि रियायती दरों पर संस्थाएं भूमि आवंटन कराने के बाद शर्तों के अनुसार अपने निर्धारित प्रयोजन के अनुरूप भूमि का उपयोग नहीं करती है. साथ ही निर्धारित शर्तों के अनुसार समाज के विभिन्न वर्गों को सुविधाएं और रियायतें भी प्रदान नहीं करते है.

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साथ ही ये भी देखा गया है कि निजी अस्पताल शर्तों के अनुसार निशुल्क इलाज के लिए तैयार नहीं होते हैं. इसी प्रकार विभिन्न विद्यालय गरीब छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं देते और आवंटित की गई भूमि का व्यावसायिक उपयोग भी कर रहे हैं. ऐसे में अब भूमि आवंटन नीति के मापदण्डों के अनुसार ऐसे समस्त आवंटनों की जांच कराई जाएगी.

बता दें कि जेडीए ने ऐसी कई ट्रस्ट और सोसाइटी को करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव दी थी, जिन पर अब तक भवन निर्माण का कार्य नहीं हुआ हैं. इन तमाम ट्रस्ट और सोसाइटी को दी गई जमीन पर जब निर्माण नहीं हुआ, तो सरकार ने जमीन लेने के लिए नोटिस भेजे, जिस पर ये कोर्ट चले गए. फिलहाल, ऐसे तीन जमीनों पर तो केस भी चल रहे हैं.

इन जमीनों की होगी जांच...

  • श्रीमती गोविंदी देवी इंदरलाल डेरेवाला मेमोरियल ट्रस्ट विद्याश्रम संस्थानिक क्षेत्र को 21 फरवरी 2002 में 2025 वर्ग मीटर जमीन
  • ऑल इंडिया मेडिकल एजुकेशन ट्रस्ट को विद्याश्रम विस्तार संस्थानिक क्षेत्र में 3000 वर्ग मीटर जमीन अस्पताल के लिए 23 जनवरी 2001 में दी गई
  • नारायणा हृदयालय बकराना को 10 एकड़ जमीन 7 मई 2010 में दी गई, लेकिन यहां कोई निर्माण नहीं हुआ
  • पूरणमल फूलादेवी मेमोरियल ट्रस्ट विद्याश्रम संस्थानिक क्षेत्र को 1016 वर्ग मीटर जमीन 22 फरवरी 2001 में ब्लड बैंक के लिए दी गई, ये ब्लड बैंक अब अन्य जगह चल रहा है
  • बीरबल मेडिकल एंड एजुकेशन सोसाइटी बीलवा सांगानेर को 5 फरवरी 2007 में 12124 वर्ग मीटर जमीन दी गई थी
  • महेंद्र लाइफ सपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जरिए निदेशक श्रीमती संगीता बेदी को ग्राम बीलवा में 2 एकड़ जमीन दी गई थी
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