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Invest Rajasthan Summit: प्रदेश में MSME का भविष्य उज्ज्वल, हर परिस्थिति में निवेशकों के साथ सरकार-सीएम - MSME schemes in Rajasthan

इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 में एक बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई का भविष्य उज्ज्वल (CM Gehlot on future of MSME in Rajasthan) है. गहलोत ने कहा कि हर परिस्थिति में निवेशकों के साथ राज्य सरकार है. हैप्पीनेस इंडेक्स में राज्य की रैंक और प्रतिव्यक्ति आय बढ़ना, सुख समृद्धि का प्रतीक है.

Invest Rajasthan Summit: CM Gehlot says government is with investor in every condition
Invest Rajasthan Summit: प्रदेश में MSME का भविष्य उज्ज्वल, हर परिस्थिति में निवेशकों के साथ सरकार-सीएम
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Published : Oct 8, 2022, 8:33 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में एमएसएमई सेक्टर जितना मजबूत सेक्टर होगा, उतनी ही तेजी से आर्थिक प्रगति होगी. आज देश की जीडीपी में एमएसएमई का 30 प्रतिशत योगदान है. राजस्थान में लगभग 6 लाख से अधिक एमएसएमई उद्योग स्थापित हैं. यहां 1.35 लाख से अधिक निर्यातक हैं. इस सेक्टर में रोजगार की सबसे अधिक संभावनाएं हैं. राज्य सरकार ने इसी सोच के साथ एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए अनेक नीतिगत फैसले लिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल (CM Gehlot on future of MSME in Rajasthan) है.

निवेशकों के साथ सरकार: सीएम गहलोत शनिवार को जेईसीसी, सीतापुरा में आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट 2022 के तहत एमएसएमई कॉन्क्लेव एवं समापन समारोह शामिल हुए. उन्होंने एमएसएमई कॉन्क्लेव के ‘थिंकिंग बिग, थिंकिंग स्मार्ट’ सत्र में कहा कि समिट से प्रदेश में निवेश का एक नया वातावरण बना है. समिट में इन्वेस्टर्स की ओर से राज्य की नीतियों का खुले मन से तारीफ करना और इन्वेस्टमेंट के लिए ’बेस्ट डेस्टिनेशन’ बताना सफलता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि हम प्रदेश में ऐसा माहौल विकसित कर रहे हैं, जिससे कि हर क्षेत्र में उद्योग स्थापित हो सकें और रोजगार बढ़ सके. राज्य सरकार हर समय और हर परिस्थिति में निवेशकों के साथ खड़ी है.

पढ़ें: Rajasthan invest summit: मोदी के 'पूंजीपति मित्र' अडानी से गहलोत की गलबहियां पर गरमाई राजनीति, राहुल गांधी को भी देनी पड़ी सफाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर एमओयू और प्रोजेक्ट्स को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार का हर अधिकारी-कर्मचारी समर्पित होकर निवेशकों की आवश्यकताओं को समयबद्ध पूरा कराना सुनिश्चित करेंगे. गहलोत ने कहा कि उद्यमी वहीं निवेश करते हैं, जहां अच्छा माहौल होता है. हमने सड़क तंत्र को मजबूत बनाया है. औद्योगिक विकास के लिए नीतिगत निर्णयों से ऐसा माहौल विकसित किया है कि निवेशकों को समस्याएं नहीं आएंगी. हैप्पीनेस इंडेक्स में हमारी रैंक और प्रति व्यक्ति आय बढ़ना प्रदेश की सुख समृद्धि को दर्शाता है.

पढ़ें: Invest Rajasthan Summit: सीएम गहलोत हुए अडानी के मुरीद, जानिए क्या कहा...

मजबूत नींव पर ही राजस्थान में एमएसएमई को बढ़ावा: गहलोत ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश में औद्योगिक विकास की नींव रखी. इसके बाद से एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा मिलता गया. नेशनल प्लानिंग कमीशन के आधार पर देश में नीतियां और अधिनियम बने, जिससे विकास संभव हुआ. उसी आधार पर राज्य सरकार भी एमएसएमई को बढ़ावा दे रही है. गहलोत ने कहा कि राज्य में एमएसएमई के महत्व, उसकी जरूरतों और उनकी कठिनाइयों को समझते हुए 2019 में एमएसएमई एक्ट लगा गया, यह वरदान साबित हुआ. वर्ष 2022-23 के बजट में इस अधिनियम के तहत एमएसएमई को सरकार की स्वीकृति, अनुमति, निरीक्षण से 3 वर्ष तक मिलने वाली छूट को बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया है.

पढ़ें: अडानी का 60 हजार करोड़ का ऑफर कोई भी मुख्यमंत्री इनकार नहीं करेगा: राहुल गांधी

उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान एमएसएमई को जो आर्थिक हानि हुई, उससे राहत दिलाने के लिए अहम फैसले लिए. एमनेस्टी योजना लाकर कई प्रकार की छूट प्रदान की गई. गहलोत ने कहा कि नई एमएसएमई नीति का उद्देश्य स्टेट जीडीपी और निर्यात में एमएसएमई के योगदान को बढ़ाना है. एमएसएमई उद्योगों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उत्पादन बढ़ेगा और हम निर्यात की दिशा में और आगे बढ़ेंगे. एमएसएमई पॉलिसी में रिसर्च एंड डवलपमेंट में सहायता, ई-बाजार की सुविधा, क्लस्टर डवलपमेंट, सुरक्षा योजना और रिस्क कवरेज का प्रावधान भी किया गया है. ग

पढ़ें: उदयपुर में क्रिकेट स्टेडियम बनाएगा अडानी ग्रुप...वेदांता और टोरेंट ग्रुप भी करेंगे इन्वेस्ट

पचपदरा पेट्रोलियम जोन बनेगा निवेश का प्रमुख केंद्र: मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में देश का 20 प्रतिशत तेल निकलता है. यहां गैस की भी संभावनाएं हैं. रिफाइनरी के पास पचपदरा में 383 किमी क्षेत्र में पेट्रोकैमिकल कॉम्प्लेक्स विकसित किया जा रहा है. हमने केंद्र सरकार को भी प्रस्ताव भेजा है. यहां पर 150 से अधिक एमएसएमई और अन्य उद्योग स्थापित होंगे और युवाओं को रोजगार मिलेगा. ऐसे में पचपदरा निवेश का प्रमुख केंद्र बन रहा है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में एमएसएमई सेक्टर जितना मजबूत सेक्टर होगा, उतनी ही तेजी से आर्थिक प्रगति होगी. आज देश की जीडीपी में एमएसएमई का 30 प्रतिशत योगदान है. राजस्थान में लगभग 6 लाख से अधिक एमएसएमई उद्योग स्थापित हैं. यहां 1.35 लाख से अधिक निर्यातक हैं. इस सेक्टर में रोजगार की सबसे अधिक संभावनाएं हैं. राज्य सरकार ने इसी सोच के साथ एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए अनेक नीतिगत फैसले लिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल (CM Gehlot on future of MSME in Rajasthan) है.

निवेशकों के साथ सरकार: सीएम गहलोत शनिवार को जेईसीसी, सीतापुरा में आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट 2022 के तहत एमएसएमई कॉन्क्लेव एवं समापन समारोह शामिल हुए. उन्होंने एमएसएमई कॉन्क्लेव के ‘थिंकिंग बिग, थिंकिंग स्मार्ट’ सत्र में कहा कि समिट से प्रदेश में निवेश का एक नया वातावरण बना है. समिट में इन्वेस्टर्स की ओर से राज्य की नीतियों का खुले मन से तारीफ करना और इन्वेस्टमेंट के लिए ’बेस्ट डेस्टिनेशन’ बताना सफलता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि हम प्रदेश में ऐसा माहौल विकसित कर रहे हैं, जिससे कि हर क्षेत्र में उद्योग स्थापित हो सकें और रोजगार बढ़ सके. राज्य सरकार हर समय और हर परिस्थिति में निवेशकों के साथ खड़ी है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर एमओयू और प्रोजेक्ट्स को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार का हर अधिकारी-कर्मचारी समर्पित होकर निवेशकों की आवश्यकताओं को समयबद्ध पूरा कराना सुनिश्चित करेंगे. गहलोत ने कहा कि उद्यमी वहीं निवेश करते हैं, जहां अच्छा माहौल होता है. हमने सड़क तंत्र को मजबूत बनाया है. औद्योगिक विकास के लिए नीतिगत निर्णयों से ऐसा माहौल विकसित किया है कि निवेशकों को समस्याएं नहीं आएंगी. हैप्पीनेस इंडेक्स में हमारी रैंक और प्रति व्यक्ति आय बढ़ना प्रदेश की सुख समृद्धि को दर्शाता है.

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मजबूत नींव पर ही राजस्थान में एमएसएमई को बढ़ावा: गहलोत ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश में औद्योगिक विकास की नींव रखी. इसके बाद से एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा मिलता गया. नेशनल प्लानिंग कमीशन के आधार पर देश में नीतियां और अधिनियम बने, जिससे विकास संभव हुआ. उसी आधार पर राज्य सरकार भी एमएसएमई को बढ़ावा दे रही है. गहलोत ने कहा कि राज्य में एमएसएमई के महत्व, उसकी जरूरतों और उनकी कठिनाइयों को समझते हुए 2019 में एमएसएमई एक्ट लगा गया, यह वरदान साबित हुआ. वर्ष 2022-23 के बजट में इस अधिनियम के तहत एमएसएमई को सरकार की स्वीकृति, अनुमति, निरीक्षण से 3 वर्ष तक मिलने वाली छूट को बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया है.

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उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान एमएसएमई को जो आर्थिक हानि हुई, उससे राहत दिलाने के लिए अहम फैसले लिए. एमनेस्टी योजना लाकर कई प्रकार की छूट प्रदान की गई. गहलोत ने कहा कि नई एमएसएमई नीति का उद्देश्य स्टेट जीडीपी और निर्यात में एमएसएमई के योगदान को बढ़ाना है. एमएसएमई उद्योगों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उत्पादन बढ़ेगा और हम निर्यात की दिशा में और आगे बढ़ेंगे. एमएसएमई पॉलिसी में रिसर्च एंड डवलपमेंट में सहायता, ई-बाजार की सुविधा, क्लस्टर डवलपमेंट, सुरक्षा योजना और रिस्क कवरेज का प्रावधान भी किया गया है. ग

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पचपदरा पेट्रोलियम जोन बनेगा निवेश का प्रमुख केंद्र: मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में देश का 20 प्रतिशत तेल निकलता है. यहां गैस की भी संभावनाएं हैं. रिफाइनरी के पास पचपदरा में 383 किमी क्षेत्र में पेट्रोकैमिकल कॉम्प्लेक्स विकसित किया जा रहा है. हमने केंद्र सरकार को भी प्रस्ताव भेजा है. यहां पर 150 से अधिक एमएसएमई और अन्य उद्योग स्थापित होंगे और युवाओं को रोजगार मिलेगा. ऐसे में पचपदरा निवेश का प्रमुख केंद्र बन रहा है.

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