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इंटक संस्थापक का जन्म शताब्दी वर्ष समारोह: प्रदेशाध्यक्ष का झलका दर्द, CM के सामने रख दी यह डिमांड

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के संस्थापक पं. हजारीलाल शर्मा के जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में प्रदेशाध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली का दर्द छलक गया. उन्होंने इस दौरान कहा (INTUC state president complains to CM Gehlot) कि सरकार और मंत्री कई समारोह में कांग्रेस के सभी संगठनों का नाम लेते हैं, लेकिन इंटक का नाम कोई नहीं लेता, ऐसे में सौतेला सा व्यवहार लगता है.

INTUC state president complains to CM Gehlot
इंटक प्रदेशाध्यक्ष का झलका दर्द, संगठन को सम्मान देने की रखी मांग
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Published : Apr 18, 2022, 6:27 PM IST

Updated : Apr 18, 2022, 10:43 PM IST

जयपुर. राजधानी में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के संस्थापक पं. हजारीलाल शर्मा के जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम रखा गया. समारोह में सीएम गहलोत सहित कई मंत्री शामिल हुए. इस कार्यक्रम में इंटक (Indian National Trade Union Congress) के प्रदेश अध्यक्ष का दर्द झलका और उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष डिमांड रखते हुए कहा कि सरकार और मंत्री समारोह में कांग्रेस के सभी संगठनों का नाम लेते हैं, लेकिन इंटक जो आजादी से पहले का कांग्रेस का अंग रहा है, उसका नाम कोई नहीं लेता, ऐसे में सौतेला सा व्यवहार लगता है.

यह छलका दर्द : दरअसल कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री स्वरोजगार मंच पर थे. उस वक्त इंटक के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली ने कहा कि इंटक कांग्रेस का अंग है. कार्यक्रमों में यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस जैसे संगठनों का नाम लिया जाता है, लेकिन इंटक जो की आजादी से पहले से कांग्रेस का अभिन्न अंग रहा है. उसका कभी भी नाम नहीं लिया जाता है. इंटक के साथ सौतेला व्यवहार होता है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि अगर इंटक का नाम भी सम्मानपूर्वक अपने अन्य संगठनों के साथ में जोड़ा जाए (INTUC state president demands to give honour) तो, उनके आत्मविश्वास को बल मिलेगा.

इंटक प्रदेशाध्यक्ष का झलका दर्द, CM के सामने रख दी यह डिमांड

पढ़ें: इंटक के प्रतिनिधि सम्मेलन में लंबित मांगों को जल्द पूरा करने का उठा मुद्दा

पहली बार बात सामने आई: इंटक की ओर से उठाई गई इस मांग पर गहलोत ने कहा कि यह पहली बार बात सामने आई है कि अन्य संगठनों के साथ में इंटक का नाम भी लेना चाहिए. निश्चित ही इंटक कांग्रेस का एक अभिन्न अंग है और इससे भी इसी तरह से मंच पर पहचान मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संगठन की ओर से जो मांग पत्र दिया गया है, उसमें से जो उचित मांग होगी, वह सरकार की तरफ से पूरी की जाएगी. सरकार इंटक की समस्याओं का हर संभव समाधान करने की पूरी कोशिश करेगी.

पढ़ें: बाड़मेर में कांग्रेस इंटक ने मोदी सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में सौंपा ज्ञापन

सोशल सिक्योरिटी का झंडा इंटक ने ऊपर किया: गहलोत ने कोरोनाकाल में इंटक की तरफ से की गई सेवाओं को याद करते हुए कहा कि इंटक ने उस वक्त अच्छा काम किया. गहलोत ने कहा कि गांधीजी ने 1918 के वक्त में मजदूरों को लेकर संघर्ष किया. पंडित नेहरू ने भी मजदूरों के लिए काम किया. आज सोशल सिक्योरिटी का झंडा आप सब को बुलंद करना चाहिए. गहलोत ने कहा कि मैं सालों से कह रहा हूं कि मजदूर जब मजदूरी करता है तब बिल्डिंग खड़ी होती है. जब वो रिटायरमेंट हो जाता है तब उसको टेंशन होती है. इसके मद्देनजर हमने मानवीय दृष्टिकोण के चलते पुरानी पेंशन बहाली का फैसला लिया.

गहलोत ने कहा कि आज जरूरत है कि हर इंसान को सोशल सिक्योरिटी मिले. मजदूर को सम्मान मिलना जरूरी है. बुढ़ापे में उसको पूरी पेंशन मिलनी चाहिए. 90 लाख लोगों के लिए हम करोड़ों खर्च करते हैं. हमने बिना मांगे पुरानी पेंशन बहाल की है. हमारी सरकार गरीब को गणेश मानकर फैसला कर रही है. हमने 10 लाख तक का बीमा कर दिया है. सीएम गहलोत ने कहा कि गांव, गरीब तक सरकार की योजनाएं पहुंचे, इसके लिए आपको काम करना होगा.

पढ़ें: इंटक कांग्रेस पार्टी का मजबूत स्तंभ- युवा नेता आजाद सिंह राठौड़

देश के माहौल पर जताई चिंता : गहलोत ने देश में चल रहे माहौल पर चिंता जताते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने शहादत दे दी, लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया. लेकिन देश में जिस तरीके से धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है, यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. गहलोत ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में दंगा फैलाने के नाम पर लोगों के घरों को तोड़ा जा रहा है, यह किस तरह की राजनीति है. गहलोत ने करौली हिंसा पर कहा कि प्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव से पहले की तैयारी शुरू हुई है. इसीलिए करौली हिंसा को जबरन तूल देने की कोशिश की जा रही है. यह लोग जानबूझकर इस तरह का माहौल बना रहे हैं. गहलोत ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम कर चुनाव जीता जा सकता है, लेकिन लोकतंत्र के लिए यह सही नहीं है.

जयपुर. राजधानी में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के संस्थापक पं. हजारीलाल शर्मा के जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम रखा गया. समारोह में सीएम गहलोत सहित कई मंत्री शामिल हुए. इस कार्यक्रम में इंटक (Indian National Trade Union Congress) के प्रदेश अध्यक्ष का दर्द झलका और उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष डिमांड रखते हुए कहा कि सरकार और मंत्री समारोह में कांग्रेस के सभी संगठनों का नाम लेते हैं, लेकिन इंटक जो आजादी से पहले का कांग्रेस का अंग रहा है, उसका नाम कोई नहीं लेता, ऐसे में सौतेला सा व्यवहार लगता है.

यह छलका दर्द : दरअसल कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री स्वरोजगार मंच पर थे. उस वक्त इंटक के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश राज श्रीमाली ने कहा कि इंटक कांग्रेस का अंग है. कार्यक्रमों में यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस जैसे संगठनों का नाम लिया जाता है, लेकिन इंटक जो की आजादी से पहले से कांग्रेस का अभिन्न अंग रहा है. उसका कभी भी नाम नहीं लिया जाता है. इंटक के साथ सौतेला व्यवहार होता है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि अगर इंटक का नाम भी सम्मानपूर्वक अपने अन्य संगठनों के साथ में जोड़ा जाए (INTUC state president demands to give honour) तो, उनके आत्मविश्वास को बल मिलेगा.

इंटक प्रदेशाध्यक्ष का झलका दर्द, CM के सामने रख दी यह डिमांड

पढ़ें: इंटक के प्रतिनिधि सम्मेलन में लंबित मांगों को जल्द पूरा करने का उठा मुद्दा

पहली बार बात सामने आई: इंटक की ओर से उठाई गई इस मांग पर गहलोत ने कहा कि यह पहली बार बात सामने आई है कि अन्य संगठनों के साथ में इंटक का नाम भी लेना चाहिए. निश्चित ही इंटक कांग्रेस का एक अभिन्न अंग है और इससे भी इसी तरह से मंच पर पहचान मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संगठन की ओर से जो मांग पत्र दिया गया है, उसमें से जो उचित मांग होगी, वह सरकार की तरफ से पूरी की जाएगी. सरकार इंटक की समस्याओं का हर संभव समाधान करने की पूरी कोशिश करेगी.

पढ़ें: बाड़मेर में कांग्रेस इंटक ने मोदी सरकार की श्रम नीतियों के विरोध में सौंपा ज्ञापन

सोशल सिक्योरिटी का झंडा इंटक ने ऊपर किया: गहलोत ने कोरोनाकाल में इंटक की तरफ से की गई सेवाओं को याद करते हुए कहा कि इंटक ने उस वक्त अच्छा काम किया. गहलोत ने कहा कि गांधीजी ने 1918 के वक्त में मजदूरों को लेकर संघर्ष किया. पंडित नेहरू ने भी मजदूरों के लिए काम किया. आज सोशल सिक्योरिटी का झंडा आप सब को बुलंद करना चाहिए. गहलोत ने कहा कि मैं सालों से कह रहा हूं कि मजदूर जब मजदूरी करता है तब बिल्डिंग खड़ी होती है. जब वो रिटायरमेंट हो जाता है तब उसको टेंशन होती है. इसके मद्देनजर हमने मानवीय दृष्टिकोण के चलते पुरानी पेंशन बहाली का फैसला लिया.

गहलोत ने कहा कि आज जरूरत है कि हर इंसान को सोशल सिक्योरिटी मिले. मजदूर को सम्मान मिलना जरूरी है. बुढ़ापे में उसको पूरी पेंशन मिलनी चाहिए. 90 लाख लोगों के लिए हम करोड़ों खर्च करते हैं. हमने बिना मांगे पुरानी पेंशन बहाल की है. हमारी सरकार गरीब को गणेश मानकर फैसला कर रही है. हमने 10 लाख तक का बीमा कर दिया है. सीएम गहलोत ने कहा कि गांव, गरीब तक सरकार की योजनाएं पहुंचे, इसके लिए आपको काम करना होगा.

पढ़ें: इंटक कांग्रेस पार्टी का मजबूत स्तंभ- युवा नेता आजाद सिंह राठौड़

देश के माहौल पर जताई चिंता : गहलोत ने देश में चल रहे माहौल पर चिंता जताते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने शहादत दे दी, लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया. लेकिन देश में जिस तरीके से धर्म के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है, यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. गहलोत ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में दंगा फैलाने के नाम पर लोगों के घरों को तोड़ा जा रहा है, यह किस तरह की राजनीति है. गहलोत ने करौली हिंसा पर कहा कि प्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव से पहले की तैयारी शुरू हुई है. इसीलिए करौली हिंसा को जबरन तूल देने की कोशिश की जा रही है. यह लोग जानबूझकर इस तरह का माहौल बना रहे हैं. गहलोत ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम कर चुनाव जीता जा सकता है, लेकिन लोकतंत्र के लिए यह सही नहीं है.

Last Updated : Apr 18, 2022, 10:43 PM IST
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