जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने दुनिया में बसे सभी प्रवासी राजस्थानियों को राजस्थान से जोड़ने के लिए साल 2000 में अंतरराष्ट्रीय राजस्थानी कॉन्क्लेव का आयोजन करवाया था. इस आयोजन के दौरान यह संकल्पना रखी गई थी कि सभी प्रवासियों को राजस्थान में आकर अपनी संस्कृति से जुड़ने तथा राज्य के विकास कार्यों में भागीदार बनने में कोई दिक्कत न हो. इसके लिए कोई स्थाई व्यवस्था बनाई जानी चाहिए.
राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इसी विचार के साथ मार्च 2001 में राजस्थान फाउंडेशन बनाया गया, जिसका काम देश तथा विदेशों में बसे हुए सभी प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृभूमि से भावनात्मक रूप से जोड़ने का था. धीरज ने बताया कि जिस प्रथम अंतर्राष्ट्रीय राजस्थानी कॉन्क्लेव से निकले विचार से राजस्थान फाउंडेशन की नींव रखी, आज उसके 20 साल पूरे हो रहे हैं. इस अवसर पर हमें यह बताते हुए गर्व है कि आज फाउंडेशन दुनिया के अट्ठारह ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशनों, विदेशों में तीन चैप्टर तथा राज्यों के नौ चैप्टर्स के माध्यम से लगातार कार्य कर रहा है.
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उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौर में फाउंडेशन द्वारा प्रवासी राजस्थानिओं को हर तरह की मदद पहुंचाई गई है. प्रवासियों के कष्टों को अपना कष्ट समझकर सही सलामत अपने गंतव्य तक पहुंचाने में फाउंडेशन ने प्रवासियों और सरकार के बीच सेतु की तरह कार्य किया है. धीरज ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए फाउंडेशन के प्रयासों से प्रवासी अंतरराष्ट्रीय डॉक्टर्स ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राजस्थान के सभी विषयों पर गहन चर्चा की तथा हर संभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया है.
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उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में हम प्रत्येक जिला स्तर पर प्रवासियों का डेटाबेस तैयार करवा रहे हैं तथा जिला स्तर पर ही प्रवासियों के लिए सुविधा केंद्र खोले जाएंगे, ताकि प्रवासी आसानी से अपने पैतृक जिले में आकर किसी भी तरह की भूमिका निभा सकें. उन्होंने बताया कि फाउंडेशन ने वर्तमान में अट्ठारह अंतरराष्ट्रीय संगठनों तथा 52 देशों में बसे 180 प्रभावशील प्रवासी राजस्थानी हस्तियों का डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पर ग्रुप बनाया हुए हैं. जहां लगातार इनके साथ आर्थिक, सामाजिक तथा वर्तमान माहमारी से संबंधित विषयों पर संवाद चलता है तथा जो नए विचार आते हैं. उन्हें फलीभूत करने के लिए फाउंडेशन कार्य कर रहा है.