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कार्यस्थल पर महिला उत्पीड़न के संबंध में आंतरिक शिकायत समिति का गठित करना अनिवार्य: जिला कलेक्टर

प्रदेश के सभी विभाग, उद्यम और संस्थानों के 10 या 10 से अधिक कार्मिकों वाले संभाग में भारत सरकार के महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न पर आंतरिक शिकायत समिति का गठन करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए है.

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Published : Nov 3, 2019, 12:15 AM IST

jaipur news, जयपुर की खबर

जयपुर. 'प्रदेश के सभी विभाग, उद्यम, संस्थानों, कार्यालयों और कार्यस्थलों के 10 या 10 से अधिक कार्मिकों वाले संभाग अथवा उपखंड स्तरीय हर कार्यालय, हर प्रशासनिक इकाई में भारत सरकार के महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 (2013 का केंद्रीय अधिनियम संख्या 14) के अनुरूप आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य है', यह कहना है जयपुर के जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव का, जिन्होंने इसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किया है.

महिलाओं पर उत्पीड़न को लेकर शिकायत समिति गठित

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि नियोक्ता की ओर से अधिनियम के अंतर्गत कार्यशालाएं और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना जरूरी है. साथ ही वार्षिक रिपोर्ट जयपुर जिला कलेक्टर और उप निदेशक महिला अधिकारिता जयपुर के कक्ष संख्या 206 जिला में भिजवाए जाना अनिवार्य है. यह अधिनियम पूर्व में लागू किया जा चुका है. इस अधिनियम को महिला और बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की वेबसाइट www.wcd.nic.in और महिला- बाल विकास मंत्रालय राजस्थान सरकार की वेबसाइट www.wcd. rajasthan.in पर देखा जा सकता है.

पढ़ें- जयपुर: NWREU कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बैठक, AIRF के जनरल सेक्रेटरी ने किया संबोधित

यादव ने बताया कि कार्यस्थल पर आंतरिक समिति का गठन के आदेश का प्रदर्शन किया जाना भी जरूरी है. इस आदेश में समिति के अध्यक्ष, सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर होना भी आवश्यक है. साथ ही बताया कि इस अधिनियम की पूरी तरह पालना नहीं होने की स्थिति में अधिनियम 2013 के अनुसार दंडित किया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा.

पढ़ें- जयपुर: तिरंगा हाथों में लेकर मुस्लिम समाज ने की मांग, ईद मिलादुन्नबी पर बंद हो शराब की दुकानें

जिला कलेक्टर यादव ने बताया कि महिला कार्मिकों की सहायता के लिए यह केंद्र जयपुरिया अस्पताल परिसर में 24 घंटे संचालित किया जा रहा है। यहां पर किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए निशुल्क चिकित्सा सुविधा, परामर्श सेवाएं, न्यायिक सहायता, पुलिस सहायता तथा अस्थाई आश्रय सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसी प्रकार महिलाओं एवं बालिकाओं की सहायता, सलाह, मदद, सूचना, मार्गदर्शन के लिए राज्य महिला हेल्पलाइन 181 सेवा भी 24 घंटे संचालित की जा रही है.

जयपुर. 'प्रदेश के सभी विभाग, उद्यम, संस्थानों, कार्यालयों और कार्यस्थलों के 10 या 10 से अधिक कार्मिकों वाले संभाग अथवा उपखंड स्तरीय हर कार्यालय, हर प्रशासनिक इकाई में भारत सरकार के महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 (2013 का केंद्रीय अधिनियम संख्या 14) के अनुरूप आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य है', यह कहना है जयपुर के जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव का, जिन्होंने इसके लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किया है.

महिलाओं पर उत्पीड़न को लेकर शिकायत समिति गठित

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि नियोक्ता की ओर से अधिनियम के अंतर्गत कार्यशालाएं और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना जरूरी है. साथ ही वार्षिक रिपोर्ट जयपुर जिला कलेक्टर और उप निदेशक महिला अधिकारिता जयपुर के कक्ष संख्या 206 जिला में भिजवाए जाना अनिवार्य है. यह अधिनियम पूर्व में लागू किया जा चुका है. इस अधिनियम को महिला और बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की वेबसाइट www.wcd.nic.in और महिला- बाल विकास मंत्रालय राजस्थान सरकार की वेबसाइट www.wcd. rajasthan.in पर देखा जा सकता है.

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यादव ने बताया कि कार्यस्थल पर आंतरिक समिति का गठन के आदेश का प्रदर्शन किया जाना भी जरूरी है. इस आदेश में समिति के अध्यक्ष, सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर होना भी आवश्यक है. साथ ही बताया कि इस अधिनियम की पूरी तरह पालना नहीं होने की स्थिति में अधिनियम 2013 के अनुसार दंडित किया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा.

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जिला कलेक्टर यादव ने बताया कि महिला कार्मिकों की सहायता के लिए यह केंद्र जयपुरिया अस्पताल परिसर में 24 घंटे संचालित किया जा रहा है। यहां पर किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए निशुल्क चिकित्सा सुविधा, परामर्श सेवाएं, न्यायिक सहायता, पुलिस सहायता तथा अस्थाई आश्रय सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसी प्रकार महिलाओं एवं बालिकाओं की सहायता, सलाह, मदद, सूचना, मार्गदर्शन के लिए राज्य महिला हेल्पलाइन 181 सेवा भी 24 घंटे संचालित की जा रही है.

Intro:जयपुर। सभी विभाग, उद्यम, संस्थानों एवं कार्यालयों एवं कार्य स्थलों के 10 या 10 से अधिक कार्मिकों वाले संभाग अथवा उपखंड स्तरीय हर कार्यालय एवं प्रशासनिक इकाई में भारत सरकार के महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 (2013 का केंद्रीय अधिनियम संख्या 14) के अनुरूप आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य है, यह कहना है जयपुर जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव का। यादव ने इसके लिए निर्देश जारी किया है।


Body:जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि नियोक्ता द्वारा अधिनियम के अंतर्गत कार्यशालाएं एवं जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना जरूरी है। साथ ही वार्षिक रिपोर्ट जयपुर जिला कलेक्टर एवं उप निदेशक महिला अधिकारिता जयपुर के कक्ष संख्या 206 जिला में भिजवाए जाना अनिवार्य है। यादव ने बताया कि यह अधिनियम पूर्व में लागू किया जा चुका है। इस अधिनियम को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की वेबसाइट www.wcd.nic.in और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राजस्थान सरकार की वेबसाइट www.wcd. rajasthan.in पर देखा जा सकता है। यादव ने बताया कि कार्यस्थल पर आंतरिक समिति का गठन के आदेश का प्रदर्शन किया जाना भी जरूरी है। इस आदेश में समिति के अध्यक्ष, सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर होना भी आवश्यक है। यादव ने बताया कि इस अधिनियम की पूरी तरह पालना नहीं होने की स्थिति में अधिनियम 2013 के अनुसार दंडित किया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा।

सखी (अपराजिता केंद्र)-
जिला कलेक्टर यादव ने बताया कि महिला कार्मिकों की सहायता के लिए यह केंद्र जयपुरिया अस्पताल परिसर में 24 घंटे संचालित किया जा रहा है। यहां पर किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए निशुल्क चिकित्सा सुविधा, परामर्श सेवाएं, न्यायिक सहायता, पुलिस सहायता तथा अस्थाई आश्रय सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसी प्रकार महिलाओं एवं बालिकाओं की सहायता, सलाह, मदद, सूचना, मार्गदर्शन के लिए राज्य महिला हेल्पलाइन 181 सेवा भी 24 घंटे संचालित की जा रही है।


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