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पर्यटन सीजन शुरू, लेकिन राजस्थान में Inter State Air Connectivity बदहाल - Jaipur latest news

राजस्थान में इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी के हालात बेहद खराब हैं. एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए फ्लाइट की कमी है. वहीं राजस्थान हवाई सेवा के मामले में पड़ोसी राज्य गुजरात से पिछड़ता जा रहा है.

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राजस्थान में इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी बदहाल
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Published : Nov 1, 2020, 12:38 PM IST

जयपुर. राजस्थान में पर्यटन सीजन शुरू हो गया है लेकिन राज्य में एयर कनेक्टिविटी को लेकर अभी हालात अच्छे दिखाई नहीं दे रहे हैं. इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी के हाल भी बदहाल है. राजस्थान में एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए हवाई सेवा भी पूर्ण रूप से सुचारू नहीं हो पा रही है.

राजस्थान में इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी बदहाल

देशभर में कोविड-19 का कहर बना हुआ है. इसके साथ ही कोविड-19 का सबसे बड़ा असर परिवहन पर देखने को मिला है. राजस्थान में एयर कनेक्टिविटी को लेकर भी हालात अच्छे दिखाई नहीं दे रहे हैं. केंद्र सरकार रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम यानी उड़ान योजना के तहत देश भर में Intra State एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसका उद्देश्य यह है कि किसी भी राज्य के एक से दूसरे शहरों के बीच फ्लाइट आसानी से मिल सके.

वहीं उड़ान योजना के चार चरण भी जयपुर एयरपोर्ट पर पूरे हो चुके हैं. जिसके तहत प्रदेश में कई फ्लाइट संचालित हो रही थी लेकिन अभी एक भी संचालित नहीं हो पा रही है. हालांकि, उड़ान योजना से पहले से ही राजस्थान में इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी के तहत सुप्रीम एयरलाइंस की फ्लाइट चल रही थी लेकिन अगस्त 2018 में श्रीनगर में एयरलाइंस विमान हादसा हो जाने के बाद से फ्लाइट का संचालन बंद कर दिया गया था. हालांकि, तब एयरलाइंस ने कहा था कि फ्लाइट का संचालन 15 अगस्त से दोबारा शुरू करेंगे लेकिन फ्लाइट शुरू नहीं हो सकी.

गुजरात जयपुर से हर तरह से आगे

वहीं प्रदेश की तुलना पड़ोसी राज्य गुजरात से करें तो राजस्थान कई मायनों में पिछड़ता जा रहा है. गुजरात की तुलना में बड़ा राज्य होने के बावजूद ना तो राजस्थान में एयरपोर्ट की संख्या ज्यादा है, ना ही इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी के मामले में गुजरात के समक्ष है. गुजरात में एक से दूसरे शहर के बीच फ्लाइट संचालित हो रही है और एयर कनेक्टिविटी राजस्थान की तुलना में भी काफी बेहतर है.

यह भी पढ़ें. राजस्थान के नए मुख्यसचिव बने निरंजन आर्य, 21 IAS अधिकारियों का तबादला...देखें सूची

ऐसे में अब जरूरत इस बात की है कि केंद्र सरकार उड़ान योजना के चौथे चरण में घोषित फ्लाइट को जल्द से जल्द दोबारा शुरू करें. जिससे प्रदेशवासियों को एक से दूसरे शहर तक आवागमन के लिए सुविधा आसानी से मिल सके या फिर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के तहत प्रदेश में छोटे शहरों की हवाई पट्टी को जोड़ते हुए 8 से 10 सीटर छोटे विमान दोबारा से शुरू करें.

राजस्थान में सिर्फ 6 ऑपरेशनल एयरपोर्ट

देश में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य में शामिल राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, जैसलमेर और किशनगढ़ एयरपोर्ट से ही फ्लाइट ऑपरेट की जाती है. जबकि कोटा एयरपोर्ट से फ्लाइट का संचालन पिछले 2 साल से बंद पड़ा है.

ये पढ़ें: गुर्जर समाज में पड़ी फूट : एक गुट की सरकार के साथ 14 बिंदुओं पर बनी सहमति, बैंसला कल महापंचायत में करेंगे अंतिम निर्णय

वहीं क्षेत्रफल के हिसाब से कई गुना छोटे राज्य गुजरात में 10 ऑपरेशनल एयरपोर्ट है और सभी एयरपोर्ट से फ्लाइट भी संचालित हो रही है. जिसके अंतर्गत अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा से सबसे अधिक फ्लाइट संचालित होती है. वहीं भुज, कांडला, दीव, राजकोट भावनगर जामनगर और पोरबंदर से रोजाना तीन से चार फ्लाइट संचालित होती हैं.

जयपुर. राजस्थान में पर्यटन सीजन शुरू हो गया है लेकिन राज्य में एयर कनेक्टिविटी को लेकर अभी हालात अच्छे दिखाई नहीं दे रहे हैं. इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी के हाल भी बदहाल है. राजस्थान में एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए हवाई सेवा भी पूर्ण रूप से सुचारू नहीं हो पा रही है.

राजस्थान में इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी बदहाल

देशभर में कोविड-19 का कहर बना हुआ है. इसके साथ ही कोविड-19 का सबसे बड़ा असर परिवहन पर देखने को मिला है. राजस्थान में एयर कनेक्टिविटी को लेकर भी हालात अच्छे दिखाई नहीं दे रहे हैं. केंद्र सरकार रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम यानी उड़ान योजना के तहत देश भर में Intra State एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसका उद्देश्य यह है कि किसी भी राज्य के एक से दूसरे शहरों के बीच फ्लाइट आसानी से मिल सके.

वहीं उड़ान योजना के चार चरण भी जयपुर एयरपोर्ट पर पूरे हो चुके हैं. जिसके तहत प्रदेश में कई फ्लाइट संचालित हो रही थी लेकिन अभी एक भी संचालित नहीं हो पा रही है. हालांकि, उड़ान योजना से पहले से ही राजस्थान में इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी के तहत सुप्रीम एयरलाइंस की फ्लाइट चल रही थी लेकिन अगस्त 2018 में श्रीनगर में एयरलाइंस विमान हादसा हो जाने के बाद से फ्लाइट का संचालन बंद कर दिया गया था. हालांकि, तब एयरलाइंस ने कहा था कि फ्लाइट का संचालन 15 अगस्त से दोबारा शुरू करेंगे लेकिन फ्लाइट शुरू नहीं हो सकी.

गुजरात जयपुर से हर तरह से आगे

वहीं प्रदेश की तुलना पड़ोसी राज्य गुजरात से करें तो राजस्थान कई मायनों में पिछड़ता जा रहा है. गुजरात की तुलना में बड़ा राज्य होने के बावजूद ना तो राजस्थान में एयरपोर्ट की संख्या ज्यादा है, ना ही इंटर स्टेट एयर कनेक्टिविटी के मामले में गुजरात के समक्ष है. गुजरात में एक से दूसरे शहर के बीच फ्लाइट संचालित हो रही है और एयर कनेक्टिविटी राजस्थान की तुलना में भी काफी बेहतर है.

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ऐसे में अब जरूरत इस बात की है कि केंद्र सरकार उड़ान योजना के चौथे चरण में घोषित फ्लाइट को जल्द से जल्द दोबारा शुरू करें. जिससे प्रदेशवासियों को एक से दूसरे शहर तक आवागमन के लिए सुविधा आसानी से मिल सके या फिर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के तहत प्रदेश में छोटे शहरों की हवाई पट्टी को जोड़ते हुए 8 से 10 सीटर छोटे विमान दोबारा से शुरू करें.

राजस्थान में सिर्फ 6 ऑपरेशनल एयरपोर्ट

देश में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य में शामिल राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, जैसलमेर और किशनगढ़ एयरपोर्ट से ही फ्लाइट ऑपरेट की जाती है. जबकि कोटा एयरपोर्ट से फ्लाइट का संचालन पिछले 2 साल से बंद पड़ा है.

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वहीं क्षेत्रफल के हिसाब से कई गुना छोटे राज्य गुजरात में 10 ऑपरेशनल एयरपोर्ट है और सभी एयरपोर्ट से फ्लाइट भी संचालित हो रही है. जिसके अंतर्गत अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा से सबसे अधिक फ्लाइट संचालित होती है. वहीं भुज, कांडला, दीव, राजकोट भावनगर जामनगर और पोरबंदर से रोजाना तीन से चार फ्लाइट संचालित होती हैं.

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