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राजस्थान रोडवेज की डीपीआर में राजस्व और किलोमीटर का वास्तविक डाटा एंट्री करने के निर्देश - Management information system

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने डीपों स्तर पर बनने वाली डीवीआर में वास्तविक किलोमीटर संचालन और राजस्व का एंट्री करने के निर्देश दिए हैं. सीएमडी ने ईटीआईएम ऑपरेटर की ओर से की जा रही लापरवाही को दूर करने के लिए ये निर्देश दिए हैं.

राजस्थान रोडवेज, DPR of Rajasthan Roadways, राजस्थान रोडवेज का डीपीआर, जयपुर न्यूज
डीपीआर में वास्तविक डाटा एंट्री करने के निर्देश
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Published : Jul 25, 2020, 2:17 AM IST

जयपुर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने टिकटिंग परियोजना का संचालन कर रही फर्म और प्रबंधक को डिपो स्तर पर बनने वाली डेली व्हीकल रिपोर्ट में वास्तविक किलोमीटर संचालन और राजस्व का एंट्री करने के निर्देश दिए हैं. राजस्थान रोडवेज के सीएमडी नवीन जैन ने डिपो स्तर पर ईटीआईएम ऑपरेटर की ओर से की जा रही लापरवाही को दूर करने की आवश्यकता जाहिर की है.

प्रबंध निदेशक नवीन जैन कहा कि, डीपों स्तर पर बनने वाली डीवीआर (डेली व्हीकल रिपोर्ट) में ईटीआईएम ऑपरेटर की ओर से परिचालक से प्राप्त वे- बिल डीएसए और अन्य मैन्युअल टिकट के डाटा को संशोधित कर एमआईएस में अपलोड करने की बजाय सीधे ही राजस्व जमा करा दिया जाता है. जिससे वास्तविक राजस्व और संचालित किलोमीटर का मिलान मुख्यालय स्तर पर नहीं हो पा रहा है.

ये पढ़ें: जयपुर: अधिकारियों ने पौधारोपण कर मनाया आयकर दिवस, पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश दिया

इस कारण मुख्यालय स्तर पर प्रभावी रूप से राजस्व अर्जन और संचालित किलोमीटर की प्रतिदिन समीक्षा और निर्णय लेने में दिक्कत महसूस हो रही है.इसी को देखते हुए ईटीआईएम ऑपरेटर राजस्व प्रभारी या प्रबंधक वित्त की देखरेख में एमआईएस (मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम) में पूर्ण रूप से प्रक्रिया के अनुसार कार्य संपादित करते हुए परिचालक द्वारा किए गलत एंट्री को डीएसए की प्रति से मिलान कर संशोधन करने के बाद ही राजस्व जमा किया जाना सुनिश्चित करें.

ये पढ़ें: सत्र बुलाने की जिद पर अड़े CM गहलोत ने अपने बयान को लेकर मीडिया में क्यों दी सफाई, जानें यहां

बता दें कि, आगार स्तर पर बनने वाली ईटीआईएम ऑपरेटर द्वारा परिचालक ड्यूटी ऑफ होने के बाद प्रस्तुत की गई ईटीआईएम से डाटा को सीधे ही अपलोड किया जा रहा है. जबकि परिचालक द्वारा प्रस्तुत वे- बिल डीएसए और अन्य मैनुअल टिकट का मिलान कर वास्तविक राजस्व और संचालित किलोमीटर का एंट्री करना चाहिए. इसकी वजह से मुख्यालय को सही राजस्व अर्जन और संचालित किलोमीटर की जानकारी नहीं मिल पा रही थी. इस प्रकार की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर कंपनी के प्रतिनिधि, सांख्यिकी और आईटी के कर्मचारी की एक साथ बैठकर करनी चाहिए.

जयपुर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने टिकटिंग परियोजना का संचालन कर रही फर्म और प्रबंधक को डिपो स्तर पर बनने वाली डेली व्हीकल रिपोर्ट में वास्तविक किलोमीटर संचालन और राजस्व का एंट्री करने के निर्देश दिए हैं. राजस्थान रोडवेज के सीएमडी नवीन जैन ने डिपो स्तर पर ईटीआईएम ऑपरेटर की ओर से की जा रही लापरवाही को दूर करने की आवश्यकता जाहिर की है.

प्रबंध निदेशक नवीन जैन कहा कि, डीपों स्तर पर बनने वाली डीवीआर (डेली व्हीकल रिपोर्ट) में ईटीआईएम ऑपरेटर की ओर से परिचालक से प्राप्त वे- बिल डीएसए और अन्य मैन्युअल टिकट के डाटा को संशोधित कर एमआईएस में अपलोड करने की बजाय सीधे ही राजस्व जमा करा दिया जाता है. जिससे वास्तविक राजस्व और संचालित किलोमीटर का मिलान मुख्यालय स्तर पर नहीं हो पा रहा है.

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इस कारण मुख्यालय स्तर पर प्रभावी रूप से राजस्व अर्जन और संचालित किलोमीटर की प्रतिदिन समीक्षा और निर्णय लेने में दिक्कत महसूस हो रही है.इसी को देखते हुए ईटीआईएम ऑपरेटर राजस्व प्रभारी या प्रबंधक वित्त की देखरेख में एमआईएस (मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम) में पूर्ण रूप से प्रक्रिया के अनुसार कार्य संपादित करते हुए परिचालक द्वारा किए गलत एंट्री को डीएसए की प्रति से मिलान कर संशोधन करने के बाद ही राजस्व जमा किया जाना सुनिश्चित करें.

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बता दें कि, आगार स्तर पर बनने वाली ईटीआईएम ऑपरेटर द्वारा परिचालक ड्यूटी ऑफ होने के बाद प्रस्तुत की गई ईटीआईएम से डाटा को सीधे ही अपलोड किया जा रहा है. जबकि परिचालक द्वारा प्रस्तुत वे- बिल डीएसए और अन्य मैनुअल टिकट का मिलान कर वास्तविक राजस्व और संचालित किलोमीटर का एंट्री करना चाहिए. इसकी वजह से मुख्यालय को सही राजस्व अर्जन और संचालित किलोमीटर की जानकारी नहीं मिल पा रही थी. इस प्रकार की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर कंपनी के प्रतिनिधि, सांख्यिकी और आईटी के कर्मचारी की एक साथ बैठकर करनी चाहिए.

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