जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग को सेवानिवृत्त कर्मचारियों की याद आई है. प्रदेश में नवसृजित 17 नगर पालिकाओं में स्टाफ की कमी चल रही है. जिसकी वजह से ग्रामीण परिवेश के क्षेत्रों में शहर जैसी सुविधाएं विकसित नहीं हो पा रही है. ऐसे में स्वायत्त शासन विभाग ने सभी क्षेत्रीय उप निदेशकों को निर्देश दिए हैं कि नवगठित नगर पालिकाओं में दूसरी नगर पालिकाओं में से स्टाफ लगाकर रेशनेलाइजेशन किया जाए.
आदेशों में निर्धारित पारिश्रमिक पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं ले सकने के भी निर्देश दिए गए हैं. राजस्थान में बीते दिनों 17 नई नगर पालिकाओं का गठन किया गया. जिनमें 50 से ज्यादा गांव शामिल कर दिए गए. हालांकि, इनमें से अधिकतर में शहरी सुविधाएं हाशिए पर है. वहीं प्रशासन शहरों के संग अभियान भी सिर पर है.
ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया. जिसके बाद अब स्वायत्त शासन विभाग ने अभियान को दृष्टिगत रखते हुए नवसृजित नगर पालिकाओं और जिन नगर पालिकाओं में पर्याप्त स्टाफ की कमी है, वहां निकटवर्ती नगर पालिकाओं के बीच स्टाफ का रेशनेलाइजेशन करने के निर्देश दिए हैं.
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खास बात ये है कि नगरीय निकाय में स्वीकृत पदों के विरुद्ध राज्य सरकार की ओर से निर्धारित पारिश्रमिक पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं ले सकने के भी निर्देश दिए गए हैं. पर्याप्त स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए निदेशालय को अविलंब अवगत कराने के आदेश दिए गए हैं.
बता दें कि सरकार ने अब तक नवगठित निकायों में सुविधाओं का ब्लूप्रिंट तैयार नहीं किया है. वहीं नवगठित 17 नगर पालिकाओं के इलेक्शन होना भी बाकी है. फिलहाल, कार्यवाहक ईओ लगाए गए हैं. फंड भी उपलब्ध कराया जा रहा है.