जयपुर. सैटर-डे गवर्नेंस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 19 जिलों में सोना चांदी के आभूषण का व्यापार करने वाले 59 व्यापारियों और प्रतिष्ठानों के यहां 95 मशीनों की जांच की गई, जहां 27 मशीनें असत्यापित पाई गई. जांच दल ने इन मशीनों को जब्त कर लिया है. जांच के दौरान अनियमितता पाए जाने पर संबंधित 31 आभूषण व्यापारियों को नोटिस और विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 के तहत नियमानुसार जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा रही है.
उपभोक्ता मामले विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि सैटर-डे गवर्नेंस कार्यक्रम के तहत 19 जिलों में विधिक माप विज्ञान अधिकारियों को सोने चांदी के आभूषण का व्यापार करने वाले व्यापारियों और प्रतिष्ठानों की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी. जांच अभियान के दौरान 30 व्यापारी और प्रतिष्ठानों के पास जांच के लिए सत्यापित बांट नहीं पाए गए.
उन्होंने बताया कि जांच दलों को निरीक्षण के दौरान 22 व्यापारियों और प्रतिष्ठानों पर सत्यापन प्रमाण पत्र दुकान पर प्रदर्शित नहीं होना पाया गया. गौरतलब है कि सैटर-डे गवर्नेंस कार्यक्रम के तहत विधिक माप विज्ञान टीम की ओर से जयपुर शहर में शनिवार को रामबाग चौराहा स्थित पीसी ज्वेलर्स पर जाकर जांच की गई तो वहां पर सोना और चांदी तोलने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली मशीन का सत्यापन प्रमाण पत्र की वैधता तिथि समाप्त पाई गई.
इसी फर्म की तौल मशीन के इंडिकेटर पर 50 ग्राम के सत्यापित बांट से जांच करने पर 50 ग्राम की जगह 1 ग्राम डिस्प्ले पाया गया जिसे टीम की ओर से मशीन को जब्त कर लिया गया. विधिक माप विज्ञान की टीम को जांच के दौरान किशनपोल बाजार स्थित विजयप्रकाश खंडाका सर्राफा एंड कंपनी में एक वेइंग मशीन और टोंक रोड स्थित जेकेजे एंड संस ज्वेलर्स पर चार वेइंग मशीनें असत्यापित पाई गई जिन्हें टीम की ओर से जब्त कर लिया गया है.
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उल्लेखनीय है कि विधिक माप विज्ञान अधिनियम की धारा 24 और विधिक माप विज्ञान सामान्य नियम के अंतर्गत व्यापारी की जिम्मेदारी होती है कि वो नियमानुसार नियत समय अवधि में उसकी ओर से प्रयोग में ली जाने वाली तोलने की मशीनें, बांट और माप का सत्यापन नियमित रूप से करवाएं. नियम 22 की पालना में व्यापारी की ओर से विभाग का सत्यापन प्रमाण पत्र दुकान पर प्रदर्शित किया जाना आवश्यक है और धारा 21(4) के अनुसार तोलने के उपकरण की जांच के लिए व्यापारी के पास तोलन मशीन की क्षमता के दसवें भाग के बराबर सत्यापित बांट भी दुकान पर उपलब्ध होना जरूरी है.