जयपुर. राजधानी में पुलिस के हत्थे चढ़े हरियाणा की हाईप्रोफाइल गैंग के दूसरे मास्टरमाइंड से पूछताछ के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. आरोपी ने बताया है कि उसके और उसके गुरु मास्टरमाइंड विक्की के बीच किडनैपिंग के लाखों रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया. जिसके बाद उसने अलग गैंगे बनाकर सबसे पहले आरोपी गुरु विक्की को ही किडनैप किया और करोड़ो रूपये के 60 बिटकॉइन छीन लिए थे.
कुख्यात बदमाश के चेले ने उगले राज
हरियाणा की किडनैपिंग गैंगे के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पूछताछ में गैंग के दूसरे मास्टरमाइंड मनिंदर उर्फ मोनू ने पुलिस पूछताछ में चोंकाने वाले खुलासे किए है. जिसमें आरोपी के गुरु विक्की और चेले मोनू के बीच कैसे फुट पड़ी और फिर अलग गैंगे बनाकर मोनू ने क्यों पहले गुरु का ही अपहरण किया. जैसे चौकने वाले राज मोनू ने उगले हैं.
गैंग में फूट बनी वजह
पुलिस पूछताछ में गैंगे के सेकेंड मास्टरमाइंड मनिंदर उर्फ मोनू ने खुलासा किया है, की हरियाणा की इस अपरहण और फिरौती गैंग में कुछ समय पहले फुट पड़ गई थी. जिसके चलते मोनू ने अपने गुरु विक्की से अलग होकर अपनी अलग गैंगे तैयार कर ली. ऐसे में मोनू अपनी नई गैंगे में कुछ अन्य बदमाशो को जोड़कर एक के बाद एक वारदातों को अंजाम देने लग गया.आरोपी मनिंदर उर्फ मोनू ने बताया कि विक्की और मनिंदर पहले साथ पीड़ितों को बिजनस के लिए बुलाते थे और उनकी किडनेपिंग कर लाखों रुपये वसुलते थे. ऐसे में एकबार दोनो में किडनैपिंग के रुपयों में लेनदेन को लेकर विवाद हो गया. और पूरी गैंगे में फूट पड़ गई. जिसके चलते गैंगे बिखर गई.
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जिसके बाद फिर से मनिंदर उर्फ मोनू ने गुरु से अलग होकर अपनी नई गैंग तैयार कर ली. और सबसे पहले मोनू ने अपने ही गुरु मास्टरमाइंड विक्की को ही किडनैप किया और करोड़ो रूपये के 60 बिटकॉइन छीन लिए थे. और धीरे धीरे अपनी दूसरी वारदातों में लिप्त हो गया. जिसके बाद आरोपी मनिंदर ने अपनी गैंगे के बदमाशो के साथ मिलकर जयपुर के सांगानेर इलाके में दिल्ली निवासी अनंत कुमार और अनिल शेखावत को भी अपना शिकार बनाया. उनसे बदमाशो ने करीब 20 लाख रुपये की वसूली की थी.
पुलिस पूछताछ में आरोपी मोनू ने दिल्ली, हरियाणा, सूरत कोलकाता और मुंबई में करीब दो दर्जन से अधिक किडनैपिंग कर वसूली की वारदातो को अंजाम देना कबूल किया है. इससे पहले शातिर आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें मुंबई रवाना की गई थी. लेकिन आरोपी को पुलिस की भनक मिलते ही वहां से फरार हो गया. बाद में पुलिस तकनीकी सहायता से कोटा पुलिस की मदद से आरोपी को कोटा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से दबोच लिया गया.