जयपुर. सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना नहीं देने पर राज्य सूचना आयोग ने बारां नगर परिषद के आयुक्त और अजमेर जिले में सावर सहायक खनिज अभियंता पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना राशि अधिकारियों के वेतन से वसूलने का आदेश भी दिया गया है. जानकारी के अनुसार, बारां में एक स्थानीय व्यक्ति हिमांशु ने नगर परिषद के कुछ दस्तावेजों के अवलोकन के लिए आवेदन किया था. उसने 15 जुलाई 2019 को सूचना के अधिकार कानून के तहत अर्जी लगाई थी, लेकिन नगर परिषद ने इसकी अनुमति नहीं दी. इस पर हिमांशु ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया और मदद मांगी.
आयोग ने परिषद आयुक्त को तीन बार नोटिस भेज कर स्प्ष्टीकरण मांगा, लेकिन आयुक्त ने इसे भी गंभीरता से नहीं लिया. इसके बाद सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने परिषद आयुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है. उन्होंने जुर्माने की राशि आयुक्त के वेतन से काटने का आदेश दिया है. वहीं, बारां के ही प्रशांत मित्तल ने नगर परिषद से दो अलग अलग मामलो में सूचना मांगी थी, लेकिन परिषद ने उनके आवेदन को महत्व नहीं दिया. प्रशांत ने आयोग में अपील की तो आयोग ने परिषद आयुक्त को तीन बार अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया. मगर न तो वे हाजिर हुए और न ही कोई जवाब दिया. बारेठ ने इन दोनों मामलो में सुनवाई के बाद परिषद आयुक्त पर दस-दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.
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इसी तरह राज्य सूचना आयोग ने एक अन्य मामले में अजमेर जिले में सावर के सहायक खनिज अभियंता पर दस हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. इस मामले में सीताराम गुप्ता ने अपील दाखिल कर शिकायत की थी कि वे 5 मार्च 2018 से खनन आवंटन से जुड़े कुछ मामलों में सूचना के लिए गुहार कर रहे हैं, लेकिन अभियंता ने उनकी अर्जी को कोई तवज्जो नहीं दी. आयोग ने अभियंता को कई बार सुनवाई के लिए तलब किया और अपना पक्ष रखने को कहा, लेकिन अभियंता ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. इस पर सूचना आयुक्त बारेठ ने दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. आयोग ने खनन विभाग से कहा है कि वो परिवादी गुप्ता को संबधीत पत्रावली का अवलोकन का अवसर दे और 50 पृष्ठो तक की सूचना मुफ्त में प्रदान करे.