जयपुर. विद्युत भवन में हुई वीसीआर प्रक्रिया से जुड़ी कैबिनेट सब कमेटी की बैठक के दौरान उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम की तरह ही जयपुर में भी 2 महीने में बिजली का बिल दिए जाने की व्यवस्था करना चाहिए. एक समान व्यवस्था पूरे प्रदेश में हो वही सही है.
परसादी लाल मीणा कैबिनेट सब कमेटी में सदस्य भी हैं. बैठक में उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं की वीसीआर भरी जाने पर पुरजोर तरीके से आपत्ति उठाई. परसादी लाल मीणा का तर्क था कि जो बिजली का उपभोक्ता है और जिसके यहां मीटर लगा हुआ है उसके ऊपर वीसीआर भरकर अलग से दंडित करना उचित नहीं क्योंकि जो बिजली इस्तेमाल कर रहा है यदि उसमें कुछ चूक हो गई या उससे ज्यादा उपभोग कर लिया तो उसे नोटिस देकर उसका पेमेंट लिया जाए.
बैठक के दौरान उद्योग मंत्री ने डिस्कॉम अधिकारियों की भी जमकर खिंचाई की. मीणा ने यह तक कह दिया कि ऐसे कई क्षेत्र है जहां पर नॉन उपभोक्ता खुलेआम बिजली चोरी कर रहे हैं. अलग से प्राइवेट ट्रांसफार्मर तक लगाए हुए हैं. जिसकी जानकारी डिस्कॉम के अधिकारियों को भी है लेकिन वो उनकी वीसीआर नहीं भरते. लेकिन जहां उपभोक्ता कुछ गलती कर दे तो तुरंत वीसीआर भर दी जाती है.
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अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में उद्योगों को मिल रही महंगी बिजली से जुड़े सवाल पर भी उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा यह सही है कि राजस्थान में कुछ राज्यों की तुलना में उद्योग के लिए बिजली महंगी मिल रही है. कुछ राज्य तो तीन से चार रुपए यूनिट तक उद्योगों को बिजली देते हैं लेकिन राजस्थान में यह दर ज्यादा है.
आपको बता दें कि ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के साथ ही ऊर्जा सचिव और चेयरमैन दिनेश कुमार के साथ सभी डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक और सतर्कता शाखा से जुड़े अधिकारी मौजूद थे, जिसमें उद्योग मंत्री ने यह तर्क रखे.
सिंगल फेस कृषि कनेक्शन दिए जाने का भी मीणा ने दिया सुझाव
बैठक में उद्योग मंत्री और कैबिनेट सब कमेटी के सदस्य परसादी लाल मीणा ने कृषि कनेक्शन 3 फेस के बदले सिंगल फेस कनेक्शन में दिए जाने का भी सुझाव दिया. मीणा ने कहा जब जमीन में पानी है ही नहीं तो सिंगल फेस में कृषि कनेक्शन भी दिया जा सकता है. लेकिन बैठक में मौजूद डिस्कॉम के प्रबंध निदेशको ने यह कहकर इनकार कर दिया किसके लिए एक्ट में बदलाव करना पड़ेगा.