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Exclusive : युवाओं में खेल के प्रति रुझान, पार्टिसिपेट लेवल बढ़ेगा तो ज्यादा मेडल भी जीतेंगे : कृष्णा पूनिया

प्रदेश में खेलों का माहौल विकसित करने के लिए ग्रामीण ओलंपिक की शुरुआत की जा रही है. लेकिन विडंबना ये है कि राजस्थान में एथलेटिक्स खेलों में 100 कोच भी नहीं हैं और जब तक कोचों की परमानेंट भर्ती नहीं की जाती, तब तक खेलों को प्रमोट नहीं किया जा सकेगा. ये कहना है प्रदेश के खेल अधिकारी वीरेंद्र पूनिया का. यूथ पार्लियामेंट पर पहुंचे पूर्व ओलंपियन कृष्णा पूनिया और उनके कोच (पति) वीरेंद्र पूनिया ने यहां युवाओं के सवालों का जवाब दिया. साथ ही देश में खेलों के प्रति बदलती सोच के बारे में भी बताया.

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कृष्णा पूनिया और उनके कोच (पति) वीरेंद्र पूनिया से खास बातचीत...
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Published : Sep 16, 2021, 9:10 PM IST

जयपुर. प्रदेश के खिलाड़ियों ने टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics Games) में शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच पदक अपने नाम किए. खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में पूर्व ओलंपियन और विधायक कृष्णा पूनिया ने कहा कि जो एथलीट खुद अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं, वो अच्छा कर पाते हैं. यर निर्भर करता है कि आप कहां खड़े हो.

नीरज चोपड़ा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश को गोल्ड मेडल दिलाया. यही वजह है कि आज यूथ पार्लियामेंट में युवाओं ने भी ज्यादा से ज्यादा स्पोर्ट्स से जुड़े सवाल किए. इससे जाहिर होता है कि लोगों में खेलों के प्रति रुझान तो है और जब पार्टिसिपेट लेवल बढ़ेगा तो ज्यादा से ज्यादा मेडल भी जीतेंगे.

कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया ने कहा कि जहां तक राजस्थान की बात है तो खिलाड़ियों की प्राइस मनी भी बढ़ाई गई है. साथ ही जॉब अपॉर्चुनिटी भी मिली है. ऐसे में राजस्थान में खेलों को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है. इसी क्रम में जल्द गांव तक खेलों को ले जाते हुए ग्रामीण ओलंपिक शुरू करने जा रहे हैं.

प्रदेश में कोचों की कमी...

वहीं, यूथ पार्लियामेंट में पहुंचे कृष्णा पूनिया के कोच उनके पति द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित खेल अधिकारी वीरेंद्र पूनिया ने खिलाड़ियों के लिए कोच नहीं मिलने की समस्या व्यक्त करते हुए कहा कि देश-प्रदेश में कोचों की बहुत ज्यादा कमी है. उन्होंने उज्बेकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत के 1 जिले के बराबर देश है, लेकिन वहां एथलेटिक्स में तकरीबन 1300 कोच हैं. जबकि राजस्थान में 100 से भी कम हैं. ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से परमानेंट कोचों की भर्ती करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यहां तकरीबन 1000 से ज्यादा कोच भर्ती करने की दरकार है, ताकि खेलों को बढ़ावा मिल सके.

पढ़ें : कटारिया को मुझसे नहीं, 'प्रताप' नाम से ही तकलीफ...भाजपा सांसद संन्यासी होकर झूठ बोलते हैं : खाचरियावास

वहीं, राजस्थान में पहली बार आयोजित होने वाले ग्रामीण ओलंपिक को लेकर उन्होंने बताया कि इन खेलों को पंचायत लेवल पर शुरू किया जाएगा. पंचायत लेवल पर जीतने वाली टीम ब्लॉक लेवल पर खेलेगी. ब्लॉक लेवल में जीतने वाली टीम जिला स्तर पर खेलेगी और जिला स्तर पर जीतने वाली टीम स्टेट में खेलेगी.

खेलों का माहौल विकसित करने की कोशिश...

ग्रामीण ओलंपिक के तहत लक्ष्य है कि 2 दिन में 6 खेलों में तकरीबन 30 लाख से ज्यादा लोग भाग लेंगे, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा. उन्होंने बताया कि ये खेल मेडल सर्टिफिकेट या नौकरी के लिए नहीं, बल्कि खेलों का माहौल विकसित करने के लिए आयोजित कर रहे हैं.

जयपुर. प्रदेश के खिलाड़ियों ने टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics Games) में शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच पदक अपने नाम किए. खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में पूर्व ओलंपियन और विधायक कृष्णा पूनिया ने कहा कि जो एथलीट खुद अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं, वो अच्छा कर पाते हैं. यर निर्भर करता है कि आप कहां खड़े हो.

नीरज चोपड़ा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश को गोल्ड मेडल दिलाया. यही वजह है कि आज यूथ पार्लियामेंट में युवाओं ने भी ज्यादा से ज्यादा स्पोर्ट्स से जुड़े सवाल किए. इससे जाहिर होता है कि लोगों में खेलों के प्रति रुझान तो है और जब पार्टिसिपेट लेवल बढ़ेगा तो ज्यादा से ज्यादा मेडल भी जीतेंगे.

कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया ने कहा कि जहां तक राजस्थान की बात है तो खिलाड़ियों की प्राइस मनी भी बढ़ाई गई है. साथ ही जॉब अपॉर्चुनिटी भी मिली है. ऐसे में राजस्थान में खेलों को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है. इसी क्रम में जल्द गांव तक खेलों को ले जाते हुए ग्रामीण ओलंपिक शुरू करने जा रहे हैं.

प्रदेश में कोचों की कमी...

वहीं, यूथ पार्लियामेंट में पहुंचे कृष्णा पूनिया के कोच उनके पति द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित खेल अधिकारी वीरेंद्र पूनिया ने खिलाड़ियों के लिए कोच नहीं मिलने की समस्या व्यक्त करते हुए कहा कि देश-प्रदेश में कोचों की बहुत ज्यादा कमी है. उन्होंने उज्बेकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत के 1 जिले के बराबर देश है, लेकिन वहां एथलेटिक्स में तकरीबन 1300 कोच हैं. जबकि राजस्थान में 100 से भी कम हैं. ऐसे में उन्होंने राज्य सरकार से परमानेंट कोचों की भर्ती करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यहां तकरीबन 1000 से ज्यादा कोच भर्ती करने की दरकार है, ताकि खेलों को बढ़ावा मिल सके.

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वहीं, राजस्थान में पहली बार आयोजित होने वाले ग्रामीण ओलंपिक को लेकर उन्होंने बताया कि इन खेलों को पंचायत लेवल पर शुरू किया जाएगा. पंचायत लेवल पर जीतने वाली टीम ब्लॉक लेवल पर खेलेगी. ब्लॉक लेवल में जीतने वाली टीम जिला स्तर पर खेलेगी और जिला स्तर पर जीतने वाली टीम स्टेट में खेलेगी.

खेलों का माहौल विकसित करने की कोशिश...

ग्रामीण ओलंपिक के तहत लक्ष्य है कि 2 दिन में 6 खेलों में तकरीबन 30 लाख से ज्यादा लोग भाग लेंगे, जो एक वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा. उन्होंने बताया कि ये खेल मेडल सर्टिफिकेट या नौकरी के लिए नहीं, बल्कि खेलों का माहौल विकसित करने के लिए आयोजित कर रहे हैं.

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