जयपुर. जिले में शुक्रवार को नाबार्ड की कार्यनीति की हुए एक बैठक में अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 21वीं सदी जब आई थी तो अटल बिहारी बाजपेई ने 2000 में कहा था कि यह सदी एशिया की होगी. उस वक्त उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया था. लेकिन, मंत्री जी ने अपने भाषण में अलग-अलग सदी का जिक्र करते हुए उसे लीड करने वाले देशों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि हाल ही में अलग-अलग संस्थाओं के कई सर्वे आए हैं.
जिसमें कहा गया है कि 2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर चीन और तीसरे पर भारत होगा और जो तीसरे स्थान पर होता है उसे पहले स्थान पर आने में ज्यादा समय नहीं लगता. मेघवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी योजनाओं की डेडलाइन 2022 तय की है. नरेंद्र मोदी ने जब 2022 का जिक्र किया था तब, कई लोगों ने ये कहते हुए उनकी हंसी उड़ाई थी कि 2014 में आप 2022 की बातें कर रहे हैं और 2019 में चुनाव भी होने हैं.
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अर्थव्यवस्था के अलावा दूसरे पैरामीटर भी तय करेंगे की इस सदी में कौन लीड करेगा.
मंत्रीजी ने कहा कि जो लोकतांत्रिक देश होगा, वहीं इस सदी को लीड करेगा और चीन इसमें बहुत पीछे है. तमाम पैरामीटर्स पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि परिवार के मामले में भारत को दुनिया जानती है. इस देश में किस तरह के परिवार निवास करते हैं. इसके अलावा अगर तकनीक की बात की जाए तो इस मामले में भी आज हम किसी से पीछे नहीं है, इसका चंद्रयान से बेहतर उदाहरण और कुछ हो नहीं सकता.
परोपकार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में कई संस्थाएं परोपकार का काम करती हैं. भारत भी परोपकार करने में कहीं पीछे नहीं है. जब भी किसी तरह की कोई आपदा आती है, तो भारत उसमें सबसे आगे रहता है. नेपाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब नेपाल में भूकंप आया था, तब सबसे पहले भारत ने ही सहायता की थी. इस तरह से पूरी संभावना है कि कोई सदी ऐसी होगी जिसमें भारत, एशिया को लीड करेगा.