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मंत्री मेघवाल ने इन पैरामीटर के आधार पर बताया कैसे 21वीं सदी में भारत करेगा एशिया को लीड

जयपुर में नाबार्ड की कार्यनीति की एक बैठक शुक्रवार को नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में हुई. जिसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी शिरकत की. बैठक को संबोधित करते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 21वीं सदी एशिया की होगी.

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Published : Aug 24, 2019, 4:38 AM IST

जयपुर न्यूज, minister meghwal news

जयपुर. जिले में शुक्रवार को नाबार्ड की कार्यनीति की हुए एक बैठक में अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 21वीं सदी जब आई थी तो अटल बिहारी बाजपेई ने 2000 में कहा था कि यह सदी एशिया की होगी. उस वक्त उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया था. लेकिन, मंत्री जी ने अपने भाषण में अलग-अलग सदी का जिक्र करते हुए उसे लीड करने वाले देशों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि हाल ही में अलग-अलग संस्थाओं के कई सर्वे आए हैं.

जिसमें कहा गया है कि 2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर चीन और तीसरे पर भारत होगा और जो तीसरे स्थान पर होता है उसे पहले स्थान पर आने में ज्यादा समय नहीं लगता. मेघवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी योजनाओं की डेडलाइन 2022 तय की है. नरेंद्र मोदी ने जब 2022 का जिक्र किया था तब, कई लोगों ने ये कहते हुए उनकी हंसी उड़ाई थी कि 2014 में आप 2022 की बातें कर रहे हैं और 2019 में चुनाव भी होने हैं.

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अर्थव्यवस्था के अलावा दूसरे पैरामीटर भी तय करेंगे की इस सदी में कौन लीड करेगा.

मंत्रीजी ने कहा कि जो लोकतांत्रिक देश होगा, वहीं इस सदी को लीड करेगा और चीन इसमें बहुत पीछे है. तमाम पैरामीटर्स पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि परिवार के मामले में भारत को दुनिया जानती है. इस देश में किस तरह के परिवार निवास करते हैं. इसके अलावा अगर तकनीक की बात की जाए तो इस मामले में भी आज हम किसी से पीछे नहीं है, इसका चंद्रयान से बेहतर उदाहरण और कुछ हो नहीं सकता.

परोपकार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में कई संस्थाएं परोपकार का काम करती हैं. भारत भी परोपकार करने में कहीं पीछे नहीं है. जब भी किसी तरह की कोई आपदा आती है, तो भारत उसमें सबसे आगे रहता है. नेपाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब नेपाल में भूकंप आया था, तब सबसे पहले भारत ने ही सहायता की थी. इस तरह से पूरी संभावना है कि कोई सदी ऐसी होगी जिसमें भारत, एशिया को लीड करेगा.

जयपुर. जिले में शुक्रवार को नाबार्ड की कार्यनीति की हुए एक बैठक में अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 21वीं सदी जब आई थी तो अटल बिहारी बाजपेई ने 2000 में कहा था कि यह सदी एशिया की होगी. उस वक्त उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया था. लेकिन, मंत्री जी ने अपने भाषण में अलग-अलग सदी का जिक्र करते हुए उसे लीड करने वाले देशों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि हाल ही में अलग-अलग संस्थाओं के कई सर्वे आए हैं.

जिसमें कहा गया है कि 2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर चीन और तीसरे पर भारत होगा और जो तीसरे स्थान पर होता है उसे पहले स्थान पर आने में ज्यादा समय नहीं लगता. मेघवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने सभी योजनाओं की डेडलाइन 2022 तय की है. नरेंद्र मोदी ने जब 2022 का जिक्र किया था तब, कई लोगों ने ये कहते हुए उनकी हंसी उड़ाई थी कि 2014 में आप 2022 की बातें कर रहे हैं और 2019 में चुनाव भी होने हैं.

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अर्थव्यवस्था के अलावा दूसरे पैरामीटर भी तय करेंगे की इस सदी में कौन लीड करेगा.

मंत्रीजी ने कहा कि जो लोकतांत्रिक देश होगा, वहीं इस सदी को लीड करेगा और चीन इसमें बहुत पीछे है. तमाम पैरामीटर्स पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि परिवार के मामले में भारत को दुनिया जानती है. इस देश में किस तरह के परिवार निवास करते हैं. इसके अलावा अगर तकनीक की बात की जाए तो इस मामले में भी आज हम किसी से पीछे नहीं है, इसका चंद्रयान से बेहतर उदाहरण और कुछ हो नहीं सकता.

परोपकार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में कई संस्थाएं परोपकार का काम करती हैं. भारत भी परोपकार करने में कहीं पीछे नहीं है. जब भी किसी तरह की कोई आपदा आती है, तो भारत उसमें सबसे आगे रहता है. नेपाल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब नेपाल में भूकंप आया था, तब सबसे पहले भारत ने ही सहायता की थी. इस तरह से पूरी संभावना है कि कोई सदी ऐसी होगी जिसमें भारत, एशिया को लीड करेगा.

Intro:जयपुर। नाबार्ड की कार्यनीति की एक बैठक शुक्रवार को नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में हुई। इसमें केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी शिरकत की। बैठक को संबोधित करते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 21वीं सदी एशिया की होगी और उसे भारत लीड करेगा। उन्होंने अलग-अलग महाद्वीपों का अलग-अलग उदाहरण देकर इस बात का जिक्र किया उन्होंने इसके पैरामीटर भी बैठक में बताएं।


Body:अर्जुन राम मेघवाल ने बैठक में कहा कि 21वीं सदी जब आई थी तो अटल बिहारी बाजपेई ने 2000 में कहा था कि यह सदी एशिया की होगी। उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया। अर्जुन राम मेघवाल ने अलग-अलग सदी का जिक्र करते हुए उसको लीड करने वाले देशों की भी बैठक में चर्चा की। बैठक में उन्होंने कहा कि कि हाल ही में अलग-अलग संस्थाओं के कई सर्वे आए हैं इसमें कहा गया है कि 2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर चीन और तीसरे पर भारत। और जो तीसरे स्थान पर है उसको पहले नंबर पर आने में ज्यादा समय नहीं लगता है। अर्जुन राम मेघवाल ने बैठक में जिक्र किया कि मोदी सरकार ने सभी योजनाओं की डेडलाइन 2022 तय की है इसका मतलब है कि 2022 में हम हमारी आजादी की 75वी सालगिरह बना रहे होंगे। नरेंद्र मोदी ने 2022 का जिक्र किया तो कई लोगों ने उनकी हंसी भी उड़ाई थी उन्होंने कहा कि 2014 में आप 2022 की बात कर रहे हैं और 2019 में चुनाव भी होने हैं, इस पर अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत की जनता को मानसिक तौर पर तैयार कर रहे थे कि हमें 2022 तक यह काम तो करने ही होंगे चाहे सरकार किसी की भी बने।


Conclusion:अर्जुन राम मेघवाल ने कहा मजबूत अर्थव्यवस्था के अलावा अन्य कई पैरामीटर होंगे जो यह तय करेंगे कि इस सदी में लीड कौन करेगा।
उन्होंने कहा जो लोकतांत्रिक देश होगा वही इस सदी को लीड करेगा चीन इसमें बहुत पीछे है। इसके अलावा चरित्र भी एक ऐसी चीज होगी जो यह तय करेगी कि एशिया में लीड कौन सा देश करेगा उन्होंने कहा कि भारत चित्र के मामले में पहले नंबर पर है इसमें हमारा कोई सानी नहीं है। अर्जुन राम मेघवाल ने विवेकानंद के शिकागो दौरे का एक उदाहरण भी पेश किया उन्होंने कहा कि जब किसी महिला ने पूछा तो उसके जवाब में विवेकानंद ने कहा था कि हमारे देश में चरित्र ही आदमी को जेंटलमैन बनाता है। तीसरे गुण के बारे में बात करते हुए आज राम मेघवाल ने कहा कि परिवार तीसरी चीज है जो इसका एक पैरामीटर है। परिवार के मामले में दुनिया जानती है कि भारत में किस तरह के परिवार निवास करते हैं चौथा पैरामीटर तकनीकी का है और तकनीकी में आज हम किसी से पीछे नहीं है चंद्रयान दोष का उदाहरण है।
पांचवा पैरामीटर उन्होंने परोपकार को बताया उन्होंने कहा की दुनिया में कई संस्थाएं परोपकार का काम करती है भारत में भी प्रॉपर कार करने में पीछे नहीं है जब भी किसी तरह की कोई आपदा आती है तो भारत उसमें सबसे आगे रहता है उन्होंने कहा कि जब नेपाल में भूकंप आया था तो सबसे पहले सहायता भारत नहीं की थी। उन्होंने कहा कि इस तरह से कि पूरी संभावना है कि किसी सदी में एशिया की होगी और उसको लीड करेगा।

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