जयपुर. नगर निगम ग्रेटर में जिला निर्वाचन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. वार्ड 18 से चुनाव लड़े रहे निर्दलीय प्रत्याशी मनीष वशिष्ठ का चुनाव चिन्ह ही बदल दिया गया. मनीष वशिष्ठ ने कहा कि जिला निर्वाचन विभाग की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है. उनका चुनाव चिन्ह टेलीविजन था, जिसे एक बूथ पर रेडियो कर दिया गया, वहीं दूसरे पर कैंमरा कर दिया गया. इससे उनके खाते में आने वाले वोट किसी ओर के खाते में चले गए.
मनीष वशिष्ठ वार्ड 18 से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नगर निगम ग्रेटर में चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें निर्वाचन विभाग की ओर से टेलीविजन चुनाव चिन्ह आवंटित हुआ था, लेकिन उनके वार्ड में बनाए गए चार में से तीन बूथों पर उनके चुनाव चिन्ह को लेकर लापरवाही बरती गई है. प्रत्याशी मनीष वशिष्ठ ने कहा कि जब सुबह आया तो चुनाव चिन्ह की सूची में उनका चुनाव चिन्ह टेलीविजन के बजाए कैमरा कर दिया गया. वार्ड में 4 बूथों में से तीन पर यह गलती सामने आई है. इन चार बूथों में से दो में उनका चुनाव चिन्ह बदल दिया गया और एक में तो चुनाव चिन्ह लिखा ही नहीं गया.
मनीष वशिष्ठ ने कहा कि यह फर्जीवाड़ा किसके कहने से किया जा रहा है? चुनाव आयोग इस मामले में क्या सुनवाई कर रहा है? यह भी कहा कि इस लापरवाही पर मतदान रद्द होना चाहिए, क्योंकि मुझे वोट करने वाले मतदाता कंफ्यूज हो गए कि वोट किसे करें. मनीष ने कहा कि उनका बैलेट नंबर 6 है और टेलीविजन आठवे नंबर पर लिखा हुआ है. मेरे वोट किसी और के खाते में चले गए इसका जिम्मेदार कौन है.
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शिकायत के बाद चुनाव आयोग की टीम भी आई थी, लेकिन उसने भी संतुष्टि भरा हो जवाब नही मिला. मनीष वशिष्ठ ने कहा कि पुलिस के अधिकारी भी आए थे, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी के दबाव में वे वापस चले गए. पुलिस ने उन्हें भी धमकाया और कहा कि जब ईवीएम मशीन सही है तो सब सही है. मनीष वशिष्ठ ने आरोप लगाया कि राजनीतिक दबाव के चलते उनके साथ ऐसा किया गया है.