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शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना 10वें दिन भी जारी, रविदास जयंती मनाकर साम्प्रदायिक एकता का दिया संदेश

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Published : Feb 9, 2020, 9:27 PM IST

जयपुर शहीद स्मारक पर 31 जनवरी को शुरू हुआ धरना लगातार जारी है. यह धरना सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में चल रहा है. ऐसे में शहीद स्मारक पर रविवार को संत रविदास की जयंती भी मनाई गई.

martyr memorial in Jaipur, शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना
शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना दसवें दिन भी जारी

जयपुर. शहर के शहीद स्मारक पर शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहा सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में धरना 10वें दिन रविवार को भी जारी रहा. इस धरने में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही हैं. रविवार को भी वहीं आलम देखने को मिला. यह धरना अनिश्चितकालीन है और इसमें लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है. इस भीड़ में महिलाओं की संख्या अधिक देखने को मिल रही है. शहीद स्मारक पर धरने में शामिल पुरुष बाहर ही खड़े रहकर अपना योगदान दे रहे हैं. रविवार को धरना स्थल पर सांप्रदायिक एकता का संदेश देने के लिए संत रविदास की जयंती भी मनाई गई.

शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना दसवें दिन भी जारी

पढ़ेंः जयपुर: आवासन मंडल ने किया कमर्शियल उपयोग की जमीन के बिड प्राइस में बदलाव

भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष जितेंद्र हठवाल ने कहा कि नागरिकता कानून को लाकर केंद्र की सरकार हिंदू मुस्लिम को तोड़ने का काम कर रही है. इस शाहीन बाग में हिंदू मुस्लिम एक साथ इस कानून का विरोध कर रहे हैं. यहां संविधान को बचाने का काम किया जा रहा है. भीम आर्मी की नीलम क्रांति ने कहा कि जिस तरह से 15वीं शताब्दी में संत रविदास ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज सुधार का काम किया था. उसी तरह से आज भी हमें उनकी जरूरत है. देश जिन स्थितियों से गुजरता है वह स्थिति देश के लिए सही नहीं है. केंद्र की सरकार हमें बांटने का काम कर रही है. नीलम क्रांति ने कहा कि देश में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब एक हैं और कभी अलग नहीं हो सकते. धरने में विधायक अमीन कागजी भी पहुंचे और उन्होंने भी धरने को संबोधित किया.

पढ़ेंः भरतपुर में बेकाबू ट्रेलर की चपेट में आई बाइक, 2 की मौत, 3 घायल

दो बच्चियां बनी आकर्षण का केंद्र

शहीद स्मारक पर चल रहे धरने के दौरान दो बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे. यह बच्चे तिरंगे की ड्रेस पहन हुए थे. हर कोई इनको उत्सुकता से देख रहे थे. इन बच्चियों का नाम निशाद फातिमा और हादिया है.

जयपुर. शहर के शहीद स्मारक पर शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहा सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में धरना 10वें दिन रविवार को भी जारी रहा. इस धरने में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही हैं. रविवार को भी वहीं आलम देखने को मिला. यह धरना अनिश्चितकालीन है और इसमें लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है. इस भीड़ में महिलाओं की संख्या अधिक देखने को मिल रही है. शहीद स्मारक पर धरने में शामिल पुरुष बाहर ही खड़े रहकर अपना योगदान दे रहे हैं. रविवार को धरना स्थल पर सांप्रदायिक एकता का संदेश देने के लिए संत रविदास की जयंती भी मनाई गई.

शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना दसवें दिन भी जारी

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भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष जितेंद्र हठवाल ने कहा कि नागरिकता कानून को लाकर केंद्र की सरकार हिंदू मुस्लिम को तोड़ने का काम कर रही है. इस शाहीन बाग में हिंदू मुस्लिम एक साथ इस कानून का विरोध कर रहे हैं. यहां संविधान को बचाने का काम किया जा रहा है. भीम आर्मी की नीलम क्रांति ने कहा कि जिस तरह से 15वीं शताब्दी में संत रविदास ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज सुधार का काम किया था. उसी तरह से आज भी हमें उनकी जरूरत है. देश जिन स्थितियों से गुजरता है वह स्थिति देश के लिए सही नहीं है. केंद्र की सरकार हमें बांटने का काम कर रही है. नीलम क्रांति ने कहा कि देश में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब एक हैं और कभी अलग नहीं हो सकते. धरने में विधायक अमीन कागजी भी पहुंचे और उन्होंने भी धरने को संबोधित किया.

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दो बच्चियां बनी आकर्षण का केंद्र

शहीद स्मारक पर चल रहे धरने के दौरान दो बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे. यह बच्चे तिरंगे की ड्रेस पहन हुए थे. हर कोई इनको उत्सुकता से देख रहे थे. इन बच्चियों का नाम निशाद फातिमा और हादिया है.

Intro:जयपुर। जयपुर के शहीद स्मारक पर शाहीन बाग की तर्ज पर चल रहा सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में धरना दसवें दिन रविवार को भी जारी रहा। इस धरने में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही हैं। रविवार को भी वही आलम देखने को मिला। शहीद स्मारक पर रविवार को संत रविदास की जयंती भी मनाई गई।


Body:शहीद स्मारक पर 31 जनवरी को शुरू हुआ यह धरना लगातार जारी है। यह धरना अनिश्चितकालीन है और इसमें लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है इस भीड़ में महिलाओं की संख्या अधिक देखने को मिल रही है शहीद स्मारक पर धरने मे शामिल पुरुष तो बाहर ही खड़े रहकर अपना योगदान दे रहे हैं। लगातार बढ़ रही संख्या के चलते रविवार को महिलाओं को भी शहीद स्मारक से बाहर बैठना पड़ा। रविवार को धरना स्थल पर सांप्रदायिक एकता का संदेश देने के लिए संत रविदास की जयंती भी मनाई गई।
भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष जितेंद्र हठवाल ने कहा कि नागरिकता कानून को लाकर केंद्र की सरकार हिंदू मुस्लिम को तोड़ने का काम कर रही है। इस शाहीन बाग में हिंदू मुस्लिम एक साथ इस कानून का विरोध कर रहे हैं यहां संविधान को बचाने का काम किया जा रहा है। जितेंद्र ने कहा कि असली हिंदुस्तान यही शाहीन बाग में है।
भीम आर्मी की नीलम क्रांति ने कहा कि जिस तरह से 15 वीं शताब्दी में संत रविदास ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज सुधार का काम किया था। उसी तरह से आज भी हमें उनकी जरूरत है। देश जिन स्थितियों से गुजरता है वह स्थिति देश के लिए सही नहीं है। केंद्र की सरकार हमें बांटने का काम कर रही है। नीलम क्रांति ने कहा कि देश में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब एक हैं और कभी अलग नहीं हो सकते। धरने में विधायक अमीन कागज़ी भी पहुंचे और उन्होंने भी धरने को संबोधित किया।
दो बच्चियां बनी आकर्षण का केंद्र -
शहीद स्मारक पर चल रहे धरने के दौरान दो बच्चे आकर्षण का केंद्र रहे। यह बच्चे तिरंगे की ड्रेस पहन हुए थे। हर कोई इनको उत्सुकता से देख रहे थे। इन बच्चियों का नाम निशाद फातिमा और हादिया है।

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1.जितेंद्र हठवाल, प्रदेश अध्यक्ष, भीम आर्मी
2. नीलम क्रांति, सदस्य, भीम आर्मी



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