जयपुर. जयपुर पुलिस पूर्व में जिन भी मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार करती थी उनसे अफीम, चरस, गांजा और स्मैक बरामद हुआ करती थी लेकिन अब मॉडर्न ड्रग का प्रचलन (Modern Drug Trend In Jaipur) काफी बढ़ गया है. जयपुर में अब अलग-अलग और नई किस्म की ड्रग्स के साथ तस्कर गिरफ्त में आ रहे हैं. पिछले दस दिनों में ही राजस्थान पुलिस ने अब तक करोड़ों की ड्रग्स बरामद की है.
लगातार कार्रवाई के बावजूद भी बढ़ रही तस्करी: एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने ऑपरेशन क्लीन स्वीप (Operation Clean Sweep By Jaipur Police) चलाया है, जिसके तहत तस्करों पर नकेल कसने की कार्रवाई का दावा किया जा रहा है.
पुलिस मानती है कि लगातार कार्रवाई के बावजूद भी तस्करी के नए मामले सामने आ रहे हैं और मादक पदार्थों की तस्करी (Drug Smuggling In Rajasthan) में अलग-अलग आयु वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं. नशा और अपराध का गठजोड़ है, अपराध के लिए नशा करने वाला व्यक्ति ही नशे के लिए अपराध करता है.
खासकर राजधानी के युवाओं में नशे का प्रचलन काफी बढ़ रहा है. यही कारण है कि जयपुर विभिन्न राज्यों के तस्करों की पहली पसंद बनता जा रहा है. युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकाल कर उनकी आदतों को सुधारने के लिए नशा मुक्ति केंद्र के संचालन के बारे में भी जयपुर पुलिस विचार कर रही है.
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एमडी ड्रग्स की तस्करी रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती: राजधानी जयपुर में युवाओं को नशा परोसने वाले सौदागरों ने लगातार एमडी ड्रग, कोकिन, ब्राउन शुगर जैसे मॉडर्न ड्रग की सप्लाई करके जयपुर पुलिस की नींद उड़ा रखी है. बड़े शहरों से रेव पार्टी के लिए मॉडर्न ड्रग चोरी-छिपे राजधानी जयपुर में पहुंचाई जा रही है.
उच्च आयु वर्ग के युवक-युवतियों को महंगे बार, पब, क्लब, रेस्टोरेंट आदि में परोसी जा रही है. इसके साथ ही फार्म हाउस या पेंट हाउस जैसी सुरक्षित जगहों पर रेव पार्टी का आयोजन करने में भी एमडी ड्रग का प्रयोग किया जा रहा है, जिसे युवाओं के बीच में एक स्टेटस सिंबल के रूप में देखा जाता है. रेव पार्टी के दौरान नशीली टेबलेट, कैप्सूल और इंजेक्शन का प्रयोग भी बहुतायत में किया जा रहा है. 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं में इसका प्रचलन ज्यादा देखा जा रहा है.
राजधानी जयपुर में 18 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक की आयु की महिला तस्करों को पुलिस दबोच चुकी है. विभिन्न ड्रग्स पेडलर मादक पदार्थों की सुरक्षित डिलीवरी के लिए महिलाओं पर भरोसा करते हैं. यही कारण है कि जयपुर पुलिस अब तक तकरीबन 200 महिला तस्करों को अलग-अलग किस्म की ड्रग्स के साथ गिरफ्तार कर चुकी है.
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एनडीपीएस एक्ट में 953 प्रकरण दर्ज: एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत जयपुर पुलिस अब तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 953 प्रकरण दर्ज कर चुकी है. इसके साथ ही मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त 1213 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें 18 वर्ष से कम आयु के किशोरों से लेकर 61 साल से अधिक के वृद्ध तक शामिल पाए गए हैं. इसके साथ ही तस्करों से तकरीबन 64 लाख रुपए नकद, तस्करी में प्रयुक्त 253 वाहन और बड़ी तादाद में मादक पदार्थ बरामद किया गया है. तस्करों से बरामद किए गए वाहनों में 83 लग्जरी वाहन, 145 बाइक और 7 बड़े वाहन शामिल हैं.
यहां से तस्करी कर लाए जा रहे मादक पदार्थ: एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि राजधानी जयपुर में उड़ीसा, बंगाल, आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वोत्तर राज्यों और नेपाल से बड़ी तादाद में गांजा तस्करी कर लाया जा रहा है. इसी प्रकार से चित्तौड़गढ़, झालावाड़, प्रतापगढ़, मंदसौर, नीमच एवं पश्चिम बंगाल के मालदा से बड़ी तादाद में अफीम तस्करी कर लाई जा रही है.
झालावाड़, टोंक से स्मैक और चित्तौड़ व झालावाड़ से डोडा पोस्त तस्करी कर राजधानी जयपुर में सप्लाई किया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश, मुंबई और दिल्ली से मॉडर्न ड्रग, चरस, कोकिन और ब्राउन शुगर तस्करी कर जयपुर तक पहुंचाई जा रही है. तस्करों से तकरीबन 73 क्विंटल गांजा, 54 क्विंटल डोडा पोस्त, 4 क्विंटल अफीम, 16 किलो चरस, 8 किलो स्मैक, 25 ग्राम ब्राउन शुगर, 44 ग्राम कोकिन, 151 ग्राम एमडी ड्रग, 140 मिलीग्राम एलएसडी ड्रग, 800 ग्राम हेरोइन व 1 क्विंटल से अधिक नशीली दवाइयां बरामद की जा चुकी है.