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व्याख्याता स्थानांतरण मामला : शिक्षा निदेशक ने कोर्ट में पेश होकर कहा, वापस ले लिया परिपत्र

शिक्षा निदेशक ने अदालत में पेश होकर इसकी जानकारी दी. याचिकाकर्ता को पुन: पहले वाले स्थान पर कार्यभार दे दिया गया है. इस पर अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अरविन्द कुमार शर्मा की याचिका पर दिए.

Jaipur Lecturer Transfer Case, Lecturer Transfer Court Stay Case, Rajasthan Education Department Transfer Case
व्याख्याता स्थानांतरण मामले में शिक्षा निदेशक की सफाई
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Published : Feb 23, 2021, 8:37 PM IST

जयपुर. शिक्षा विभाग में तबादलों के मामले में अदालती रोक के बावजूद शिक्षकों को पुराने पद पर पुन: ज्वाइनिंग करने से पहले शिक्षा निदेशक से स्वीकृति लेने के मामले में जारी परिपत्र को विभाग ने वापस ले लिया है. शिक्षा निदेशक ने अदालत में पेश होकर इसकी जानकारी दी. याचिकाकर्ता को पुन: पहले वाले स्थान पर कार्यभार दे दिया गया है. इस पर अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अरविन्द कुमार शर्मा की याचिका पर दिए.

व्याख्याता स्थानांतरण मामले में शिक्षा निदेशक की सफाई

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी पेश हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि पुन: ज्वाइनिंग से पहले शिक्षा निदेशक से स्वीकृति लेने के संबंध में गत 8 फरवरी को परिपत्र जारी किया गया था. इसके पीछे मंशा थी कि अदालती आदेशों की सूचना उन्हें मिल सके. जिससे विभाग की ओर से अदालत में पक्ष रखा जा सके और एक स्थान पर दो शिक्षकों का पदस्थापन नहीं हो.

पढ़ें- राजस्थान में कोरोना का खतरा! जोधपुर में धारा 144 लागू, शादी समारोह के लिए नये नियम

निदेशक ने बताया कि अदालत की ओर से आपत्ति जताने के बाद इस परिपत्र को वापस ले लिया गया है. इस पर अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया है. याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने बताया कि गत 4 जनवरी को याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता का तबादला जयपुर से अजमेर कर दिया गया था. इस आदेश की क्रियान्विति पर सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने 27 जनवरी को अंतरिम रोक लगा दी.

इसके बावजूद भी उसे पुराने पद पर ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही. इसके अलावा शिक्षा निदेशक ने गत 8 फरवरी को एक परिपत्र जारी कर अदालती स्टे के बाद पुन: ज्वाइनिंग के लिए शिक्षा निदेशक की स्वीकृति को जरूरी किया गया है.

जयपुर. शिक्षा विभाग में तबादलों के मामले में अदालती रोक के बावजूद शिक्षकों को पुराने पद पर पुन: ज्वाइनिंग करने से पहले शिक्षा निदेशक से स्वीकृति लेने के मामले में जारी परिपत्र को विभाग ने वापस ले लिया है. शिक्षा निदेशक ने अदालत में पेश होकर इसकी जानकारी दी. याचिकाकर्ता को पुन: पहले वाले स्थान पर कार्यभार दे दिया गया है. इस पर अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश अरविन्द कुमार शर्मा की याचिका पर दिए.

व्याख्याता स्थानांतरण मामले में शिक्षा निदेशक की सफाई

सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी पेश हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि पुन: ज्वाइनिंग से पहले शिक्षा निदेशक से स्वीकृति लेने के संबंध में गत 8 फरवरी को परिपत्र जारी किया गया था. इसके पीछे मंशा थी कि अदालती आदेशों की सूचना उन्हें मिल सके. जिससे विभाग की ओर से अदालत में पक्ष रखा जा सके और एक स्थान पर दो शिक्षकों का पदस्थापन नहीं हो.

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निदेशक ने बताया कि अदालत की ओर से आपत्ति जताने के बाद इस परिपत्र को वापस ले लिया गया है. इस पर अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया है. याचिका में अधिवक्ता हनुमान चौधरी ने बताया कि गत 4 जनवरी को याचिकाकर्ता स्कूल व्याख्याता का तबादला जयपुर से अजमेर कर दिया गया था. इस आदेश की क्रियान्विति पर सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण ने 27 जनवरी को अंतरिम रोक लगा दी.

इसके बावजूद भी उसे पुराने पद पर ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही. इसके अलावा शिक्षा निदेशक ने गत 8 फरवरी को एक परिपत्र जारी कर अदालती स्टे के बाद पुन: ज्वाइनिंग के लिए शिक्षा निदेशक की स्वीकृति को जरूरी किया गया है.

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