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Jk lone हॉस्पिटल में बच्चे की मौत पर हंगामा, मामले को लेकर अधीक्षक ने बनाई जांच कमेटी

राजधानी के जेके लोन अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और अस्पताल में जमकर नारेबाजी की. ऐसे में सूचना मिलने पर पुलिस अस्पताल में पहुंची और परिजनों को समझाया. लेकिन परिजन चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग करते रहे.

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Jk lone हॉस्पिटल में बच्चे की मौत पर हंगामा
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Published : Feb 21, 2020, 10:51 PM IST

जयपुर. अलवर निवासी विकास खत्री अपने 1 माह के बच्चे को अलवर के सरकारी अस्पताल से रेफर करने के बाद जयपुर के जेके लोन अस्पताल लेकर पहुंचे थे. जहां डॉक्टर बीएस शर्मा की यूनिट में उसका इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान 3 दिन पहले बच्चे की तबीयत खराब हुई तो उसे आईसीयू में भर्ती किया गया, जिसके बाद शुक्रवार को बच्चे की मौत हो गई.

Jk lone हॉस्पिटल में बच्चे की मौत पर हंगामा

मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और आरोप लगाया कि इलाज के दौरान अत्यधिक मात्रा में ड्रग देने के चलते बच्चे की हालत बिगड़ने लगी. इसके बाद उसने दम तोड़ दिया. मामले को लेकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि बच्चे की तबीयत जब अलवर के अस्पताल में खराब थी, तभी उसे रात 11 बजे रेफर किया गया और परिजन बच्चे को रात 3 बजे अस्पताल में लेकर पहुंचे.

यह भी पढ़ेंः JK लोन अस्पताल में शिशुओं की मौत के मामले में विधानसभा में हंगामा, BJP विधायकों ने वेल में पहुंच की नारेबाजी

ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि बच्चे की तबीयत ठीक होती तो उसे दिन में भी रेफर किया जा सकता था. लेकिन हालत खराब होने के चलते उसे रात में रेफर किया गया. 2 घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद आखिरकार अस्पताल की ओर से एक जांच कमेटी बनाई गई है और परिजनों को विश्वास दिलाया गया कि जांच में चिकित्सक दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई होगी. जिसके बाद परिजन शांत हुए.

जयपुर. अलवर निवासी विकास खत्री अपने 1 माह के बच्चे को अलवर के सरकारी अस्पताल से रेफर करने के बाद जयपुर के जेके लोन अस्पताल लेकर पहुंचे थे. जहां डॉक्टर बीएस शर्मा की यूनिट में उसका इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान 3 दिन पहले बच्चे की तबीयत खराब हुई तो उसे आईसीयू में भर्ती किया गया, जिसके बाद शुक्रवार को बच्चे की मौत हो गई.

Jk lone हॉस्पिटल में बच्चे की मौत पर हंगामा

मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और आरोप लगाया कि इलाज के दौरान अत्यधिक मात्रा में ड्रग देने के चलते बच्चे की हालत बिगड़ने लगी. इसके बाद उसने दम तोड़ दिया. मामले को लेकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि बच्चे की तबीयत जब अलवर के अस्पताल में खराब थी, तभी उसे रात 11 बजे रेफर किया गया और परिजन बच्चे को रात 3 बजे अस्पताल में लेकर पहुंचे.

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ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि बच्चे की तबीयत ठीक होती तो उसे दिन में भी रेफर किया जा सकता था. लेकिन हालत खराब होने के चलते उसे रात में रेफर किया गया. 2 घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद आखिरकार अस्पताल की ओर से एक जांच कमेटी बनाई गई है और परिजनों को विश्वास दिलाया गया कि जांच में चिकित्सक दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई होगी. जिसके बाद परिजन शांत हुए.

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