जयपुर. राजधानी से 35 किलोमीटर दूर जमवारामगढ़ तहसील के टोडा गांव में टोडेश्वर महादेव मंदिर हजारों साल पुराना है. इस मंदिर का इतिहास काफी रोचक रहा है. मंदिर की खासियत है कि यहां पर पूरे 12 महीने अखंड ज्योति जलती है.
टोडेश्वर महादेव मंदिर में सावन के महीने में मेले जैसा माहौल देखने को मिलता है. यहां पर दूर-दूर से भक्त भगवान भोलेनाथ के धोक लगाने के लिए पहुंचते हैं. भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी होने के लिए अखंड ज्योति भी जलाते हैं. जो पूरे साल भर अखंड रहती है. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पर सच्चे मन से आने से भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है. खासतौर पर सावन के महीने में कावड़ियों की धूम रहती है. दूर-दूर से कावड़िए जल लेने के लिए इस मंदिर में आते हैं. इसके साथ ही लोग अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर सवामणी और सहस्त्रघट भी करते हैं. सावन के महीने में खासतौर पर भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक, दुग्ध अभिषेक और बिल्वपत्र चढ़ाए जाते हैं.
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मंदिर परिसर में 6 कुंड बने हुए हैं. जहां पर कभी भी पानी की कमी नहीं रहती. गंगा कुंड का जल भगवान शिव का जलाभिषेक करने में उपयोग किया जाता है. ब्रह्मा कुंड में संत स्नान करते हैं. जनाना कुंड में महिलाएं स्नान करती हैं. सूर्य कुंड में पुरुष स्नान करते हैं. बाकी दो कुंड सामान्य है जहां पर कोई भी स्नान कर सकता है. शिव भक्त कानाराम मीणा ने बताया कि टोडेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यहां पर पूरे साल घी के अखंड दीप जलते हैं. सावन मास में भक्तों की ज्यादा भीड़ रहती है.
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उन्होंने बताया कि इतिहास के मुताबिक इस मंदिर में पांडवों ने भी तपस्या की थी. इसके साथ ही कई ऋषि-मुनियों ने भी यहां पर तपस्या की है. मंदिर पुजारी कानाराम योगी ने बताया कि टोडेश्वर महादेव मंदिर में तीन खास बातें है. यहां पर तीन चीजें अखंड रहती है अखंड ज्योति, अखंड धूणा और अखंड जल. यह तीनों चीजें हमेशा अखंड रहती हैं. ग्रामीण की मांग हैं कि इस मंदिर में विकास किया जाए. ताकि भक्तों को बेहतर सुविधाएं मिल सके.