जयपुर. प्रदेश में अब तक करीब 40 हजार लोगों के कोरोना टेस्ट हो चुके हैं. सीएम ने प्रदेशवासियों को भरोसा दिलाया कि कोरोना से डरे नहीं और क्वॉरेंटाइन का मतलब यह नहीं कि उन्हें जबरन कहीं ले जाया जाएगा. बल्कि क्वॉरेंटाइन का मतलब यह है कि अगर उनके घरों में रहने का स्थान उपलब्ध नहीं है तो उन्हें क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा. अन्यथा लोगों को घरों में ही क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.
गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर होने वाली रोजाना की वीसी के तहत यह कहा कि राजस्थान में अभी सभी प्रदेशों से ज्यादा कोरोना वायरस की टेस्टिंग हो रही है. अभी राजस्थान में रोजाना 4 हजार कोरोना टेस्ट हो रहे हैं. इसे अगले 10 दिन में बढ़ाकर 10 हजार रोजाना कर दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक करीब 40 हजार कोरोना टेस्ट हो चुके हैं और 26 हजार ऐसी टीमें बनाई गईं हैं, जो प्रदेश भर में स्क्रीनिंग करने का काम कर रही हैं.
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गहलोत ने इस बात का दुख भी जताया की कोरोना वायरस की टेस्टिंग के रैपिड टेस्टिंग आईसीएमआर के जरिए राज्यों को मिलने थे. वह अभी तक प्रदेश को नहीं मिले हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही यह रैपिड टेस्टिंग किट उन्हें मिलेंगे और भी ज्यादा टेस्ट राजस्थान सरकार कर सकेगी. जयपुर के जिस इलाके में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है, उसके बारे में पहले से ही उम्मीद थी. क्योंकि वहां जनसंख्या बहुत अधिक है. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है कि अगर उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण होगा तो क्वॉरेंटाइन में डाल दिया जाएगा. जबकि क्वॉरेंटाइन का मतलब यह है कि जिनके घरों में अलग से रहने की जगह नहीं है. उन्हें ही अलग से दूसरी जगह क्वॉरेंटाइन में रखा जा रहा है.
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वहीं उन्होंने किसानों की फसल खरीद को लेकर कहा कि जीएसएस और केवीएसएस पर यह सुविधा प्रदेश में शुरू की गई है. 400 सरकारी मंडियों में भी फसल खरीद का काम शुरू हो चुका है और 1130 लाइसेंस के लिए जारी किए जा चुके हैं. ऐसे में दो हजार से ज्यादा प्रदेश में खरीद केंद्र बने हैं, जो फसल किसान से खरीदेंगे. गहलोत ने जानकारी दी कि उन्होंने पूर्व आईएएस अरविंद मायाराम की एक कमेटी बनाई है, जिसके आधार पर यह निर्णय लिया जाएगा कि आगे प्रदेश में आर्थिक स्थितियां सुधारने के लिए क्या कुछ निर्णय लेने हैं. अभी वर्तमान में प्रदेश में 6 जगह टेस्टिंग कोरोना वायरस की हो रही है और राज्य सरकार चाहती है कि यह टेस्टिंग बढ़कर हर जिले में की जाए.