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सीएम गहलोत का महत्वपूर्ण निर्णयः जनजाति क्षेत्र में विकास के लिए 100 करोड़ रुपए की मंजूरी

आदिवासी क्षेत्रों में विकास को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनजाति क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों के सुचारू संचालन और विकास कार्यों के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करने की सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है.

अशोक गहलोत, Ashok Gehlot
अशोक गहलोत
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Published : Jul 12, 2021, 4:16 PM IST

जयपुर. सीएम गहलोत ने जनजाति जनभागीदारी योजना में 10 करोड़, मारवाड़ संभाग के जनजाति समुदाय के उन्नयन कार्यक्रम के लिए 15 करोड़, सामुदायिक वन अधिकार क्षेत्र के विकास के लिए 10 करोड़, आवासीय विद्यालयों में क्षमता विकसित करने के लिए 10 करोड़, कुपोषण, टीबी, सिकल सेल्स के रोगियों को चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 5 करोड़, आवासीय विद्यालय और छात्रावासों की रैंकिंग सुधार और सुविधाओं के विकास के लिए 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है.

इसी प्रकार टीआरआई प्रांगण में जनजाति म्यूजियम के विकास के लिए 3 करोड़, खेल छात्रावासों को खेल अकादमी में क्रमोन्नत करने और नवीन खेल अकादमी के निर्माण के लिए 5 करोड़, आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए 10 करोड़, डेयरी, पशुपालन, कृषि, उद्यानिकी, कुसुम, कौशल उन्नयन के माध्यम से जनजाति परिवारों की आय संवर्द्धन के लिए 10 करोड़ और विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता, कोचिंग, गेस्ट फेकल्टी सहित अन्य गतिविधियों के लिए 12 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री की इस मंजूरी से जनजाति क्षेत्र विकास की योजनाओं को गति मिलने के साथ ही इन क्षेत्रों के निवासियों के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक उन्नयन में मदद मिल सकेगी.

यह भी पढ़ेंः पंचायत कार्यकाल पर असमंजस दूर : पंचायत चुनाव जीते जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल होगा 5 साल...राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला

दरअसल, आदिवासी क्षेत्रों में विकास को लेकर कई बार प्रदेश की गहलोत सरकार पर आरोप लगते रहे हैं. आदिवासी क्षेत्र के नेताओं ने सरकार पर पिछले दिनों यह आरोप लगाया था कि सरकार आदिवासी क्षेत्र के लोगों के साथ में उपेक्षा कर रही है.

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहायक सांख्यिकी अधिकारी के 218 और संगणक के 250 पदों पर सीधी भर्ती की स्वीकृति दी है. गहलोत की इस मंजूरी से आर्थिक और सांख्यिकी, चिकित्सा और स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और पंचायतीराज, शिक्षा, महिला और बाल विकास सहित राज्य के विभिन्न विभागों में सांख्यिकी संवर्ग के लंबे समय से रिक्त पदों को भरा जा सकेगा.

इससे इन विभागों में विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रभावी मॉनिटरिंग और मूल्यांकन संबंधी कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगे. साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे.

जयपुर. सीएम गहलोत ने जनजाति जनभागीदारी योजना में 10 करोड़, मारवाड़ संभाग के जनजाति समुदाय के उन्नयन कार्यक्रम के लिए 15 करोड़, सामुदायिक वन अधिकार क्षेत्र के विकास के लिए 10 करोड़, आवासीय विद्यालयों में क्षमता विकसित करने के लिए 10 करोड़, कुपोषण, टीबी, सिकल सेल्स के रोगियों को चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 5 करोड़, आवासीय विद्यालय और छात्रावासों की रैंकिंग सुधार और सुविधाओं के विकास के लिए 10 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है.

इसी प्रकार टीआरआई प्रांगण में जनजाति म्यूजियम के विकास के लिए 3 करोड़, खेल छात्रावासों को खेल अकादमी में क्रमोन्नत करने और नवीन खेल अकादमी के निर्माण के लिए 5 करोड़, आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए 10 करोड़, डेयरी, पशुपालन, कृषि, उद्यानिकी, कुसुम, कौशल उन्नयन के माध्यम से जनजाति परिवारों की आय संवर्द्धन के लिए 10 करोड़ और विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता, कोचिंग, गेस्ट फेकल्टी सहित अन्य गतिविधियों के लिए 12 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री की इस मंजूरी से जनजाति क्षेत्र विकास की योजनाओं को गति मिलने के साथ ही इन क्षेत्रों के निवासियों के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक उन्नयन में मदद मिल सकेगी.

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दरअसल, आदिवासी क्षेत्रों में विकास को लेकर कई बार प्रदेश की गहलोत सरकार पर आरोप लगते रहे हैं. आदिवासी क्षेत्र के नेताओं ने सरकार पर पिछले दिनों यह आरोप लगाया था कि सरकार आदिवासी क्षेत्र के लोगों के साथ में उपेक्षा कर रही है.

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहायक सांख्यिकी अधिकारी के 218 और संगणक के 250 पदों पर सीधी भर्ती की स्वीकृति दी है. गहलोत की इस मंजूरी से आर्थिक और सांख्यिकी, चिकित्सा और स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और पंचायतीराज, शिक्षा, महिला और बाल विकास सहित राज्य के विभिन्न विभागों में सांख्यिकी संवर्ग के लंबे समय से रिक्त पदों को भरा जा सकेगा.

इससे इन विभागों में विभिन्न विकास योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रभावी मॉनिटरिंग और मूल्यांकन संबंधी कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सकेंगे. साथ ही युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे.

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